24 घंटे पानी और स्मार्ट सड़क का प्रोजेक्ट अगले साल हो सकेगा पूरा

रायपुर: राजधानी रायपुर को स्मार्ट बनाने के शुरू किए गए प्रोजेक्ट 72 फीसदी से ज्यादा पूरे हो चुके हैं।राजधानी रायपुर को स्मार्ट बनाने के शुरू किए गए प्रोजेक्ट 72 फीसदी से ज्यादा पूरे हो चुके हैं। घराें में 24 घंटे पानी की सप्लाई और नाले के गंदे पानी को साफ करने एसटीपी लगाने का काम अगले साल तक पूरा होगा। इसी तरह स्मार्ट रोड का काम भी आने वाले साल तक पूरा करने का टारगेट है। इसके लिए बजट की कमी नहीं है। अभी स्मार्ट सिटी के पास 159 करोड़ हैं। इन पैसों से बचे हुए महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट पूरे कर लिए जाएंगे।रायपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड को पिछले छह सालों में 578 करोड़ रुपए मिल चुके हैं और इसमें से 419 करोड़ रुपए विभिन्न प्रोजेक्ट में खर्च किए जा चुका हैं। स्मार्ट सिटी के तीन महत्वपूर्ण काम चल रहे हैं। इसमें 134 करोड़ रुपए का 24 घंटे वाटर सप्लाई का काम शुरू हो चुका है। इसके अगले साल तक पूरा होने का अनुमान है। इसी के साथ स्मार्ट रोड और तीन तालाबों में एसटीपी (सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट) का भी वर्क आर्डर दिया जा चुका है। अंडरग्राउंड केबलिंग के लिए भी रायपुर स्मार्ट सिटी ने बिजली कंपनी को 31 करोड़ रुपए भुगतान कर दिए हैं। इन चारों कामों का अगले साल तक पूरा करने का टार्गेट रखा गया है।केंद्र से मिले 289 करोड़ हो गए खर्च : केंद्र सरकार से मिले 289 करोड़ रुपए स्मार्ट सिटी ने विभिन्न योजनाओं में खर्च कर लिए हैं। केंद्र से 194 करोड़ रुपए स्वीकृत हुए थे। यानी स्वीकृत फंड के सिर्फ 5 करोड़ रुपए ही नहीं मिले हैं। इसलिए रायपुर स्मार्ट सिटी को अब केंद्र से अब अतिरिक्त फंड नहीं मिलेंगे। लेकिन राज्य सरकार से जारी 289 करोड़ में से सिर्फ 130 करोड़ ही खर्च हुए हैं, जबकि स्मार्ट सिटी के पास 159 करोड़ रुपए है। इसी पैसे से 24 घंटे पानी सहित शेष योजनाओं के काम किए जाएंगे।केंद्र सरकार ने जून 2023 तक देश के सभी स्मार्ट सिटी को अपने चालू प्रोजेक्ट पूरा करने तथा नए प्रोजेक्ट शुरू नहीं करने के निर्देश दिए हैं। केंद्र ने स्पष्ट रूप से कह दिया है कि नए प्रोजेक्ट के लिए टेंडर जारी करने और काम कराने की पूरी जिम्मेदारी स्मार्ट सिटी को खुद के सोर्स और स्टेट फंड से करनी होगी।रायपुर स्मार्ट सिटी इस मामले में भाग्यशाली है कि जो-जो प्रोजेक्ट शुरू किए गए हैं, उनके लिए पर्याप्त फंड है और 72 फीसदी से ज्यादा काम हो चुका हैं। जो काम चालू हैं या वर्क आर्डर जारी किए जा चुके हैं, उनके लिए भी पर्याप्त फंड है। इसलिए यह उम्मीद की जा रही है कि चालू सभी काम पूरे होंगे। अफसरों का कहना है कि अगले साल तक लगभग सभी काम पूरे कर लिए जाएंगे।हमारे अधिकांश प्रोजेक्ट पूरे हो चुके हैं, जो चल रहे हैं उनका काम भी तेजी से हो रहा है। कुछ प्रोजेक्ट में देरी कोरोना की वजह से तथा स्टे की वजह से लंबे समय तक टेंडर की प्रक्रिया रुकी रहने के कारण हुई है। फिर भी सभी के टेंडर और वर्क आर्डर जारी किए जा चुके हैं। अगले साल तक सभी पूरे हो जाएंगे। – मयंक चतुर्वेदी, एमडी रायपुर स्मार्ट सिटीपीपीपी मोड का एक भी प्रोजेक्ट सफल नहींरायपुर स्मार्ट सिटी में अब तक हुए 419 करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट सभी इंफ्रास्ट्रक्चर से संबंधित हैं। इनमें आईटीएमएस, कलेक्टोरेट मल्टीलेवल पार्किंग, नालंदा परिसर, जवाहर बाजार, कोतवाली बिल्डिंग, इंटर स्टेट बस टर्मिनल, टाउन हाल, शहीद स्मारक, तेलीबांधा तालाब शुद्धिकरण, बापू की कुटिया, आनंद समाज वाचनालय इत्यादि हैं। बूढ़तालाब का भी फेज-1 का काम पूरा हो चुका है और फेज-2 का काम भी लगभग 80 फीसदी हो चुका है। स्मार्ट सिटी ने रायपुर शहर को संवारने के लिए 3639 करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट प्लान किए थे।खुद खर्च करने के अलावा बड़ी संख्या में ऐसे प्लान भी तैयार किए गए थे, जिसमें बाहर की कंपनियों को निवेश के लिए आमंत्रित किया जाता। इसे पीपीपी मॉडल पर शुरू किया जाना था, लेकिन शहर में इस मॉडल पर एक भी प्रोजेक्ट शुरू नहीं हो पाया। जो शुरू हुआ, वह सफल नहीं हो पाया। जैसे बाइसिकल शेयरिंग, स्मार्ट पार्किंग, रूफ टॉप सोलर सिस्टम, टैरेस गार्डन इत्यादि सफल नहीं हो पाए या फिर शुरू ही नहीं किए जा सके।स्मार्ट सिटी की बड़ी उपलब्धियां- कलेक्टोरेट मल्टीलेवल पार्किंग- आईटीएमएस- जवाहर बाजार- नालंदा परिसर- कटोरा तालाब- इंटर स्टेट बस टर्मिनल- तेलीबांधा तालाब शुद्धिकरण- कोतवाली बिल्डिंग- दानी स्कूल की हाईटेक बिल्डिंग