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डा. एस. एन सुब्बाराव भाई जी अंतिम श्वांस तक सत्य अहिंसा व शांति के लिए जिए। ः- अखिल महेश्वरी (राजू भैया) नगर परिषद अध्यक्ष जौरा
जौरा -मुरेना , पद्मश्री स्वतंत्रता सेनानी स्व. डा. एस. एन.सुब्बाराव भाई जी की प्रथम पुंण्य तिथि पर आज के दिन जौरा में श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए।अखिल महेश्वरी राजू) ने भाई जी का पुंण्य स्मरण करते हुए कहा कि श्रद्धेय भाई जी का कृतित्व व व्यक्तित्व अद्भुत महान् होने के साथ साथ बेहद आकर्षक अनूठा ऊर्जावान और चुम्बकीय था हर कोई उनसे प्रभावित हो जाता था उनकी सादगी , संवेदनशीलता प्रतिभा के सभी लोग हमेशा कायल रहे। बच्चों में बच्चे तरुणों में तरुण बन हर एक में घुल मिलकर भाई जी अमिट छाप छोड़ते देते थे। राष्ट्रीय युवा योजना के माध्यम से " श्रमदान " को भी भाई जी ने बहुत महत्ता प्रदान की। उनके विचारों में स्पस्टता थी। भाई जी अंतिम श्वांस तक देश की एकता अखंडता सत्य. अहिंसा, तथा शांति के लिए जिए। आजादी के बाद भी चंबल घाटी दस्यु समस्या के कारण आतंक का पर्याय बनी हुई थी भाई जी ने चंबल अंचल के जौरा क्षेत्र को अपनी कर्मभूमि का मुख्य स्थान मानकर यहाँ " महात्मा गाँधी सेवा " आश्रम की स्थापना की उन्होंने अपने अथक प्रयासों से अशांत चम्बल घाटी में शांति स्थापित करने हेतु शासन प्रशासन और दुर्दांत दस्युओं के बीच अहिंसा, प्रेम के संदेश को पहुँचाने का काम किया चंबल घाटी को उन्होंने दस्यु समस्या से मुक्ति दिला कर इसे शांति क्षेत्र बना दिया वास्तव में यह एक एक चुनौतीपूर्ण जोखिम भरा कदम था भाई जी की संवेदनशीलता व अद्भुत प्रतिभा ने दस्युओं व शासन प्रशासन के बीच एक सेतु के रूप में कार्य किया जिसके फलस्वरूप भाई जी की प्रेरणा से मुरेना जिले के जौरा की भूमि पर 14 अप्रैल 1972 को भारी संख्या में बागियों का ऐतिहासिक समर्पण हुआ जिसकी गूँज सारी दुनिया में सुनाई दी यह सब गांधीवादी सत्य अहिंसा के पुजारी डा. एस. एन .सुब्बाराव भाई जी के करिश्माई व्यक्तित्व ने कर दिखाया कि हिंसा पर अहिंसा के माध्यम से प्रेम ,सदाचार, गांधीवाद के बलबूते पर शांति की स्थापना की गई । सारी दुनिया ने इस हिंसा पर अहिंसा के अभिनव प्रयोग को देखा और सराहा चंबल घाटी के गौरवशाली इस ऐतिहसिक दिन के साक्षी बने समग्र क्रांति के जनक लोकनायक श्री जयप्रकाश नारायण जी और तमाम शासन प्रशासन व महान् व्यक्तित्व के धनी लोगों के समूह इस ऐतिहसिक अवसर पर मौजूद रहे। ऐसे भाई जी को आज के दिन हमारी ओर से भावभीनी अश्रुपूर्ण सच्ची श्रद्धांजलि हम सब संकल्प करें कि हम सभी को भाई जी के आदर्शों का जीवन में अनुसरण करें।श्रद्धेय भाई जी ने 27 अक्टूबर 2021 के दिन जयपुर (राजस्थान) के सवाई मानसिंह चिकित्सालय में महाप्रयाण हुआ था। उनकी अंत्येष्टि उनकी कर्मभूमि जौरा महात्मा गाँधी सेवा आश्रम जौरा जिला मुरेना में 28 अक्टूबर 2021 को संपन्न हुई थी। भाई जी अपने महान् कार्यों के रूप में सदैव हमारे बीच में रहकर हमें प्रेरणा प्रदान करते रहेंगे।
