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मुरैना सत्संग ही भगवान प्राप्ति का सुगम मार्ग है।-भागवताचार्य श्री बल्भाचार्य जी महाराज श्री दर्शन कुमार जी महाराज)

सत्संग ही भगवान प्राप्ति का सुगम मार्ग है।-भागवताचार्य श(रिपोर्ट प्रस्तुति- दिनेश सिकरवार) मुरेना -महेश्वरी परिवार द्वारा राधिका पैलैस मुरेना में आयोजित छटवें दिवस लोगों ने कथा का श्रवण किया। भागवत् कथान्तर्गत भागवताचार्य श्री बल्भाचार्य जी के वंशज गो.श्री गोवर्धनेश जी महाराज (दर्शन कुमार जी महाराज ) भागवताचार्य ने कथान्तर्गत बताया कि सत्संग आवश्यक है सत्संग के द्वारा भागवत् प्राप्ति होती है । जिन्हें भगवान से प्रेम है उन्हें भगवान के चरित्र का श्रवण करते रहना चाहिए ।भगवान के सुन्दर दर्शन देवता भी स्वर्ग से करते हैं। गो चारण के अवसर पर आप जब वापस पधारते हैं तो बृजांगनाएं आप का प्रत्यक्ष दर्शन करती हैं, स्पर्श आप का करती हैं यह दृश्य देखकर बृजवास के लिए कामना करते हैं ।आप ने काली नाग की शिष्या शक्ति का स्वरूप बताया एवं श्री यमुना जी भक्ति स्वरूपा हैं। हमारी इन्द्रियाँ जब विषय भोग में आशक्त हो जाती हैं तो उनका मर्दन भजनानंद की ओर मोढ़ देना चाहिए तब ही जीव का उद्धार हो सकता है सभी दानवों को आप ने मारा लेकिन कालिया नाग का मर्दन कर छोड़ दिया । अतः हमें हमारी इन्द्रियों को प्रभु की ओर मोढ़ना होगा। आप ने श्री गोवर्धन पूजा का सुंदर वर्णन करते हुए बताया कि पूजा परंपरागत नहीं शास्त्रोक्त होना चाहिए इन्द्र यज्ञ केवल परंपरागत था इसीलिए भगवान ने इसका खंडन किया एवं गिर्राज पूजा का क्रम चलाया गोवर्धन लीला भक्ति वर्धन की लीला है ।इस लीला के माध्यम से आपने इन्द्र के अहंकार का मर्दन किया। गोवर्धन लीला भगवान के ऐश्वर्य की लीला है इसमें भगवान के ऐश्वर्य का दर्शन होता है एवं रामलीला में प्रभु के माधुर्य भाव का दर्शन कराया एवं अन्य लीलाओं का भी बड़ा सुन्दर वर्णन किया है श्री बल्भाचार्य जी के वंशज गो.श्री गोवर्धनेश जी महाराज महाराज (श्री दर्शन कुमार जी महाराज)

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