ब्रेकिंग
मुरैना के सबलगढ़ में जमीनी विवाद में चले लाठी-डंडे फायरिंग एक गंभीर घायल गुजरात के खेड़ा जिले में नहाने गए छह भाई-बहन, एक-एक कर के लील गई नदी, गर्मी से राहत की जगह मिली मौत उज्जैन स्लीपर बस पलटी गर्भवती महिला सहित 9 घायल केंद्र सरकार कराऐगी जाति जनगणना PCC चीफ ने कहा, DGP का आदेश खाकी वर्दी का अपमान सांसद-विधायक को सैल्यूट करेगें पुलिस कर्मी, ये लोकतं... सीएम बोले- पाकिस्तानी नागरिकों को एमपी से जल्द बाहर करें: पुलिस अधिकारियों को अभियान चलाने के निर्दे... मंदसौर में तेज़ रफ़्तार कार कुऐ में गिरी 6 लोगों की मौत केंद्र सरकार का एक और सख्त फैसला, पाकिस्तानी हिंदुओं की चारधाम यात्रा पर रोक कथावाचक पं. प्रदीप मिश्रा ने अमित शाह को बताया शिव अवतार, बयान पर मचा बवाल, कांग्रेस-बीजेपी आमने-साम... केंद्र सरकार का बड़ा ऐलान: पाकिस्तानी हिन्दु , सिखो का वीजा रद्द नहीं होगा
मुख्य समाचार

योगी की कुर्सी जाएगी या दिल्ली आएंगे केशव प्रसाद मौर्य ? यूपी की सियासत में क्या बदलने वाला है समीकरण।

लखनऊ, हालिया लोकसभा चुनाव में बीजेपी को उत्तर प्रदेश ने तगड़ा झटका दिया. 2019 में यूपी की 62 सीटें जीतने वाली बीजेपी 2024 में सिर्फ 33 पर सिमट गई. चुनावी हार ने पार्टी कार्यकर्ताओं को न सिर्फ निराश किया, बल्कि नाराज भी. दिल्ली से लेकर लखनऊ तक, समीक्षा बैठकों का दौर जारी है. यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य में टकराव की खबरें हैं. अटकलों का बाजार गर्म है कि बीजेपी जल्द ही कोई बड़ा फैसला कर सकती है. मौर्य ने मंगलवार को बीजेपी चीफ जेपी नड्डा से मुलाकात की. बाहर निकलते वक्त मीडिया ने खूब कुरेदा मगर मौर्य कुछ नहीं बोले. दो दिन पहले ही, मौर्य ने यूपी बीजेपी की विस्तारित कार्यकारिणी की बैठक में अपने बयान से राजनीतिक पारा चढ़ा दिया था. रविवार को, लखनऊ में हुई बैठक में मौर्य ने कहा था, 'संगठन हमेशा सरकार से बड़ा होता है'. उस बैठक में नड्डा भी मौजूद थे. *अटकलबाजी का दौर* बीजेपी सूत्रों के हवाले से PTI ने रिपोर्ट दी कि मौर्य के बाद नड्डा, यूपी बीजेपी के अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी से भी मुलाकात कर सकते हैं. मुलाकातों के बीच, अटकलों का बाजार गर्म है. दबी जुबान में ही सही, यह चर्चा जोरों पर हैं कि केशव प्रसाद मौर्य को और बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है. बीजेपी में राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव भी होना है, ऐसे में मौर्य के पार्टी की कमान संभालने की चर्चा है. एक अटकल यह भी है कि यूपी का सीएम बदला जा सकता है. योगी की जगह मौर्य को उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है. रविवार को लखनऊ में हुई बीजेपी की समीक्षा बैठक के बाद राजनीतिक हलचल तेज हो गई. लोकसभा चुनाव में हारे कई बीजेपी नेताओं ने सोमवार को मौर्य से मुलाकात कर सीएम पर दबाव बनाने की कोशिश की. इनमें संजीव बालियान भी शामिल हैं, जो मुजफ्फरनगर से हार गए थे. उन्होंने हार का ठीकरा पूर्व पार्टी विधायक और मुख्यमंत्री के करीबी एक राजपूत नेता संगीत सोम पर फोड़ा था. अपनी लोकसभा सीट हारने वाले प्रवीण निषाद भी मौर्य से मिले. बैठक के एक दिन बाद भाजपा एमएलसी देवेंद्र प्रताप ने आदित्यनाथ को पत्र लिखकर कहा कि राज्य में नौकरशाही भ्रष्टाचार सरकार की छवि को नुकसान पहुंचा रहा है. शनिवार को बदलापुर से विधायक रमेश चंद्र ने मीडिया से कहा था कि भाजपा की स्थिति खराब है और वह 2027 में यूपी में सरकार बनाने की स्थिति में नहीं है. *योगी vs मौर्य* *विरोधाभासी बयान* लखनऊ में बीजेपी की बैठक के दौरान मौर्य ने कहा था कि संगठन सरकार से बड़ा होता है. उन्होंने कहा, 'आपका दर्द मेरा भी दर्द है. संगठन सरकार से बड़ा था, बड़ा है और हमेशा बड़ा रहेगा. सभी मंत्री, विधायक और जनप्रतिनिधियों को कार्यकर्ताओं का सम्मान करना चाहिए और उनके मान-सम्मान का ख्याल रखना चाहिए. सपा और कांग्रेस ने 'सांपनाथ' और 'नागनाथ' के रूप में झूठ बोलकर और धोखा देकर हमें कुछ समय के लिए पीछे धकेल दिया है. लेकिन 2027 में हम 300 सीटों को पार करने के लक्ष्य के साथ फिर से राज्य में भाजपा की सरकार बनाएंगे.' योगी आदित्यनाथ ने यूपी में चुनावी हार के लिए अति आत्मविश्वास को जिम्मेदार ठहराया था. योगी ने कहा था कि पार्टी विपक्षी गठबंधन INDIA के प्रचार अभियान का प्रभावी ढंग से मुकाबला नहीं कर सकी. योगी ने यह भी साफ कर दिया कि उनकी सरकार का रवैया नहीं बदलेगा. मौर्य के संगठन वाले बयान पर प्रदेश की सियासत गरमा गई. समाजवादी पार्टी के नेता मनोज काका ने कहा कि केशव मौर्य ने यह बयान देकर यह जताना चाह रहे हैं कि हम सीएम योगी से बड़े हैं. उन्होंने कहा कि केशव मौर्या योगी को चुनौती दे रहे हैं. भाजपा संगठन में आंतरिक तौर पर बड़ी फूट पड़ी हुई है. प्रदेश में ब्रजेश पाठक और केशव प्रसाद मौर्य अघोषित मुख्यमंत्री हैं. *केशव प्रसाद मौर्य का प्रमोशन?* जब से लोकसभा चुनाव के नतीजे आए हैं, मौर्य का अधिकतर समय दिल्ली में ही गुजरा है. वह लखनऊ से कटे-कटे से रहे हैं. सरकारी बैठकों से भी मौर्य ने दूरी बना रखी है. रविवार की बैठक में जब मौर्य ने बीजेपी कार्यकर्ताओं का दर्द बयान किया तो खूब तालियां बजी थीं. सोशल मीडिया पर सोमवार को मौर्य ने यही लिखा: 'कर्मवीर को जीत या हार से कोई मतलब नहीं होता. कार्यकर्ता ही मेरा गौरव और सम्मान हैं' और 'संगठन सरकार से बड़ा है... संगठन से बड़ा कोई नहीं!' मौर्य को पार्टी बड़ी जिम्मेदारी दे सकती है. वह ओबीसी चेहरा हैं और संगठन में लंबा अनुभव रखते हैं. बीजेपी को निराश कार्यकर्ताओं का मैसेज भी देना है. मौर्य को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का करीबी माना जाता है. 2022 के विधानसभा चुनाव में सिराथू सीट से हारने के बावजूद मौर्य को उपमुख्यमंत्री बनाया गया था. पांच महीने बाद ही, मौर्य ने सोशल मीडिया पर लिखा था, 'संगठन, सरकार से बड़ा होता है.' तब भी योगी के साथ उनकी अनबन की खबरें खूब चल रही थी।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button