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सराहनीय व अनोखी पहल केक काटकर नहीं बल्कि बुजुर्गो के सम्मान के साथ मनाया जन्मदिन
मुरैना निवासी समाजसेवी अनुराधा गुप्ता के पुत्र वैदिक ने अपने आठवें जन्मदिन पर भारतीय संस्कृति को एक अनमोल तोहफा दिया चिरंजीवी वैदिक ने अपने जन्मदिन के अवसर पर वृद्ध जनों का सम्मान किया साथ ही उन्हें साफी, शाल और श्रीफल भेंट किया मुरैना में 7 वर्षीय बालक के जन्मदिन का एक सुंदर दृश्य देखने के लिए मिला जिसमें सर्वप्रथम हिंदुस्तानी वेशभूषा में सजा हुआ बालक अन्य बच्चों के द्वारा सम्मान के साथ पुष्प वर्षा करते हुए स्टेज तक लाया गया इसके बाद नन्हे बच्चों के साथ परिवार के सभी बुजुर्गों ने मां वैष्णो देवी की पूजा अर्चना की और चिरंजीव वैदिक द्वारा बुजुर्गों का सम्मान किया गया हिंदुस्तानी संस्कृति से प्रभावित गीतों पर नृत्य और मनोरंजन के बाद पारंपरिक रूप से सभी ने बैठकर भोजन ग्रहण किया भोजन ग्रहण करने की प्रणाली पूर्णता हिंदुस्तानी थी जिस पर चौकी पर भारतीय भोजन परोसा गया और अंत में मनुहार की परंपरा भी निभाई गई इस प्रकार से आधुनिकता के डूबे हुए इस माहौल में बच्चों को संस्कृति की जो झलक देखने के लिए मिली उसे बच्चों के हृदय में एक नई रोशनी आ गई सभी बुजुर्गों ने इस नई पद्धति से जन्मदिन मनाने पर बहुत खुशी व्यक्त की और चिरंजीवी वैदिक को हृदय से शुभाशीष दिया कार्यक्रम में चॉकलेट कोल्ड ड्रिंक और केक जैसे पदार्थों का उपयोग न करके घरेलू बनाई गई फ्रूटी और जलजीरा जैसे पेय पदार्थ का उपयोग किया गया बच्चों ने भी इस कार्यक्रम को बहुत पसंद किया अभिभावकों से अनुरोध है कि इस प्रकार के कार्यक्रमों को बढ़ावा देकर हिंदू संस्कृति क्या संरक्षण करें और अपने बच्चों को पश्चात संस्कृति के प्रभाव से बचाए जिससे बच्चों को बुजुर्गों के साथ रहने की आदत हो और वृद्ध आश्रम जैसी को प्रथा समाप्त हो जाए यही इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य है
