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रेत माफियाओं के खिलाफ क्षत्रिय महासभा के आह्वान पर बुलाई सर्वसमाज की बैठक शांति पूर्ण संपन्न।
मुरैना, क्षत्रिय महासभा के आह्वान पर रेत माफियाओं के खिलाफ बुलाई गई सर्व समाज की बैठक आज शांति उत्सव वाटिका में संपन्न हुई जिसमें सर्व समाज के प्रतिनिधियों ने सभा मे सर्व प्रथम घनश्याम सिकरवार को श्रद्धांजलि दी एवं परिवार के साथ संवेदना व्यक्त करते हुए अपने-अपने विचार प्रकट किये सर्वप्रथम ब्राह्मण महासभा के अध्यक्ष ने अपने विचार प्रकट करते हुए कहा कि इस आंदोलन में हमारा ब्राह्मण समाज तन मन धन से इस आंदोलन के साथ है उसके बाद सभी समाज के प्रतिनिधियों ने अपनी अपनी बात रखी बैठक में कुछ प्रमुख बिंदुओं पर चर्चा की गई जिसमें अवगत कराया गया कि अब तक 170 से अधिक परिवारों के सदस्य रेत माफिया द्वारा मौत के घाट उतार दिए गए यह बात सही है की रेत माफियाओं की कोई एक जाति नहीं है लेकिन उतना ही यह सही है कि इस तरह की आक्रामक घटना करने वाले एक विशेष समाज से आते हैं उन्हें लगता है शासन प्रशासन उनके साथ है उनके ट्रैक्टरों पर ना तो नंबर प्लेट होती है ना ही ट्रैक्टरों में ब्रेक होते हैं यहां तक की ड्राइवर के पास लाइसेंस नहीं होता और तो और ट्रैक्टर भी किसी फर्जी व्यक्ति के नाम से उठाया गया होता है जब वह सुबह निकलते हैं तब लोग अपनी जान बचाने के लिए अपने वाहन सड़क के किनारे कर लेते हैं उनकी शहर में इतनी दहशत है कि लोगों को सड़क पर चलने में डर लगता है बच्चों को स्कूल और कोचिंग में भेजने में डर लगता है हाईवे पर बने हुए स्कूलों में बच्चों को निजी वाहन से भेजने में डर लगता है रेत माफिया इतने निडर और भय मुक्त है कि उन्हें शासन प्रशासन की कोई परवाह नहीं है वह सरे आम दिनदहाड़े लोगों को कुचल भी देते हैं और अपना ट्रैक्टर भी छुड़ा लेते हैं कई बार तो पीड़ितों के साथ ही मार पिट भी कर देते हैं ऐसा ही घनश्याम सिकरवार की हत्या के बाद हुआ था रेत माफियाओं इस प्रकार के कृत्य से लगता है कि यह लोग शहर में अपना भय व्याप्त करना चाहते हैं वह अपनी दहशत इस कदर फैलाना चाहते हैं कि लोग जब ट्रैक्टर की आवाज सुने तो अपनी जान बचाने के लिए खुद ही रास्ते से हट जाएं राजीव दंडोतिया ने अपने वक्तव्य में कहा कि यह आंदोलन अपने लक्ष्य तक पहुंचना चाहिए यह केवल तात्कालिक फोटो खींचना या रील बनाने तक ही सीमित नहीं रह जाए रेत माफियाओं के द्वारा की जाने वाली अपराधिक घटनाओं खिलाफ सर्व समाज के लोगों ने अपने-अपने विचार प्रकट किये उनमे प्रमुख रूप से संजय उपाध्याय राम त्यागी बृजेश कुशवाहा केशव सिंह तोमर रामेश्वर पिपपल् राम लखन बघेल गौ सेवक रुद्र प्रताप राठौड़ राकेश सिंह परमार चरण सिंह कुशवाहा राम अवतार प्रजापति आदि लोगों ने रेत माफियाओं पर लगाम कैसे लगे इस पर अपने-अपने विचार प्रकट किये और इस आंदोलन को लोकतांत्रिक ढंग से अपने लक्ष्य तक कैसे पहुंचे इसके लिए अपने अपने सुझाव दिए उसके बाद सर्व सहमति से एक समिति का गठन किया गया सभी समाज के लोग इस समिति का हिस्सा होंगे और आगे की योजना समिति तय करेगी
