सागर में एक साल में एक हजार से ज्यादा स्थानों पर पकड़ी गई बिजली चोरी

सागर। पिछले एक साल में शहरी क्षेत्र में बिजली कंपनी ने एक हजार से अधिक बिजली चोरी के प्रकरण बनाएं। उक्त उपभोक्ताओं पर बिजली चोरी के रिकवरी निकालकर उन्हें बकाया जमा करने के लिए कहा गया, लेकिन उपभोक्ताओं ने वह भी नहीं भरा, जिसके बाद उनका कनेक्शन काट दिया गया, फिर भी उपभोक्ता बिजली बिल भरने को तैयार नहीं है। अब ऐसे बिजली चोरी करने वाले पूर्व उपभोक्ताओं की कुल निकली पेनाल्टी पर ब्याज भी बढ़ रहा है।
दरअसल बिजली कंपनी ने शहर में पिछले एक साल के दौरान बिजली चोरी के करीब 1 हजार 94 मामले बनाए। इन उपभोक्ताओं से 157.29 लाख रुपये की पेनाल्टी निकली गई। लेकिन यह भरने को तैयार नहीं है। सागर के शहरी क्षेत्र में इस समय करीब 95 हजार विद्युत उपभोक्ता हैं। बिजली कंपनी द्वारा समय-समय पर तकनीकी और सूचना के आधार पर बिजली चोरी या मीटर से छेड़छाड़ की शिकायत मिलने पर उपभोक्ताओं के यहां जाकर चेकिंग की जाती है। जहां बिजली चोरी मिलने पर उनका कनेक्शन विच्छेदन कर उनसे पेनाल्टी वसूली जाती है।
डेढ़ करोड़ की पेनाल्टी
विद्युत कंपनी के अनुसार शहरी क्षेत्र में एक साल पूर्व तक बिजली चोरी के करीब 80 प्रकरण हैं, जो न्यायालय में विचाराधीन है। उक्त प्रकरण पर उपभोक्ताओं पर करीब करीब 22 लाख रुपये की पेनाल्टी निकली है। वहीं एक साल के दौरान करीब मार्च 2023 से अब तक करीब 1094 प्रकरण बिजली चोरी के बनाए गए हैं। इनमें उपभोक्ताओं से 157.29 लाख रुपये की पेनाल्टी निकली है।
दरअसल बिजली कंपनी द्वारा प्रकरण बनाने के बाद आरोपित उपभोक्ता से कंपनी स्तर पर वसूली का प्रयास किया जाता है। एक साल तक अगर उपभोक्ता प्रकरण को नहीं निपटाता तो उसे न्यायालय में भेज दिया जाता है।
कोर्ट में भी मानने को तैयार नहीं
इन प्रकरणों को निपटाने के लिए बिजली कंपनी द्वारा उपभोक्ता पर निकली पेनाल्टी में 20 से 30 प्रतिशत तक की छूट दी जाती है, फिर भी उपभोक्ता इन्हें निपटाने में कोई रुचि नहीं दिखाते हैं। नतीजा यह प्रकरण दिन प्रतिदिन बढ़ते जाते हैं। पिछले महीने जिला न्यायालय में हुई लोक अदालत में कंपनी ने ऐसे प्रकरणों को निपटाने के लिए आरोपित उपभाक्ताओं को बुलाया था।
जिसमें कोर्ट में विचाराधीन प्रकरणों के निराकरण पर विभाग ने कुल पेनाल्टी में 20 फीसदी और विभाग में विचाराधीन प्रकरणों पर 30 प्रतिशत की छूट का अवसर दिया था, लेकिन अधिकांश उपभोक्ता प्रकरण निपटाने को राजी नहीं हुए। लोक अदालत में कोर्ट में विचाराधीन बिजली चोरी के 80 प्रकरणों में से केवल 12 का ही निराकरण हुआ, जिसमें कंपनी को 1 लाख 57 हजार रुपये जमा किए गए।
इसमें उपभोक्ताओं को 20 प्रतिशत छूट के हिसाब से केवल कुल 27 हजार रुपये की छूट मिली। वहीं बिजली कंपनी में विचाराधीन 1 हजार 94 प्रकरणों में से केवल 30 प्रकरण ही निराकृत हुए। इन 30 प्रकरणों में 3 लाख 37 हजार रुपये ही विभाग में जमा हुए। इसमें उपभोक्ताओं को 30 प्रतिशत छूट के हिसाब से 2 लाख 43 हजार रुपये की छूट दी गई।
छूट के बाद भी नहीं दिखाई रुचि
शहरी क्षेत्र में एक साल में एक हजार से अधिक विद्युत चोरी के प्रकरण बनाए गए हैं। इन पर पेनाल्टी के साथ रिकवरी भी निकाली गई है। लोक अदालत में भी ऐसे प्रकरणों को रखा गया था, लेकिन छूट के बाद भी दूसरे पक्ष ने निराकरण में रुचि नहीं दिखाई। – प्रमोद गेडाम, ईई, विद्युत कंपनी शहरी क्षेत्र सागर