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मध्यप्रदेश

बीते सप्ताह ही बांट दिए नामांकन फार्म, क्लाथ मार्केट एसोसिएशन के चुनाव निरस्त

इंदौर। शहर की सबसे धनी व्यापारी संस्था महाराजा तुकोजीराव होलकर क्लाथ मार्केट मर्चेंट एसोसिएशन के चुनाव निरस्त कर दिए गए। सोमवार से ही चुनाव प्रक्रिया शुरू हो रही थी। दोपहर से नामांकन फार्मों का वितरण शुरू होता, उससे पहले ही गड़बड़ी की खबर सामने आई। संस्था के सदस्य व्यापारी ने ही लिखित में तथ्य चुनाव समिति के सामने रख दिए। संस्था के कार्यालय में पूछताछ हुई। गड़बड़ी की शिकायत सही मिलने और कानूनी कार्रवाई की धमकी मिलने के बाद समिति ने चुनाव स्थगित करने का ऐलान कर दिया।

एसोसिएशन की चुनाव समिति ने 11 दिसंबर को चुनाव की घोषणा की थी। चुनाव समिति के संयोजक पुरुषोत्तमदास पसारी ने निर्वाचन कार्यक्रम जारी किया था। इसके अनुसार 1 जनवरी दोपहर एक बजे से नामांकन फार्म का वितरण होता। 2 जनवरी को नामांकन दाखिल होते और 12 जनवरी को मतदान तय किया गया था। सोमवार को नामांकन पत्रों का वितरण होता उससे पहले ही संस्था के सदस्य अशोक कुमार जैन ने आरोप लगाया कि पांच दिन पहले ही कई लोगों को नामांकन फार्म जारी कर दिए गए हैं।

चुनाव समिति भी घेरे में

जैन ने कहा कि संस्था के पदाधिकारियों के दबाव में नियमों के विरुद्ध एक-दो नहीं पूरे 15 नामांकन फार्म बांट दिए गए। जैन ने लिखित शिकायत की। चुनाव समिति को भी घेरे में लिया कि जब नामांकन देने का समय 1 जनवरी को सिर्फ छह घंटे का तय किया गया था तो कुछ लोगों को 26 और 28 दिसंबर के बीच में भी नामांकन फार्म कैसे दे दिए गए।

कर्मचारी ने कबूला

शिकायतकर्ता ने चुनाव समिति पर भी सवाल उठाए कि आखिर प्रक्रिया का उल्लंघन करते हुए कैसे कुछ विशेष लोगों का नामांकन जारी कर दिए गए। आरोपों के बाद संस्था के कार्यालय के कर्मचारियों से पूछताछ हुई। संस्था कार्यालय के कर्मचारियों ने कबूला कि एसोसिएशन के उपाध्यक्ष रजनीश चौरड़िया के कहने पर उन्होंने कार्यालय से नामांकन पत्र दिए थे। इसके बाद जैन ने कानूनी कार्रवाई की बात कही, साथ ही आरोप लगाया कि संस्था के मौजूदा पदाधिकारी पदों पर कब्जा बनाए रखने के लिए प्रक्रिया दूषित कर रहे हैं।

उपाध्यक्ष पर कार्रवाई की मांग

कानूनी कार्रवाई के डर से चुनाव समिति ने चुनाव की पूरी प्रक्रिया ही निरस्त करने की घोषणा कर दी। बाद में शिकायतकर्ता ने मांग रखी कि नियमों का उल्लंघन कर संस्था कार्यालय से नामांकन पत्र हासिल कर बांटने वाले उपाध्यक्ष पर भी कार्रवाई कर चुनाव लड़ने से प्रतिबंधित करना चाहिए।

उलझाए जा रहे चुनाव

ये आज से नहीं दस साल से परंपरा है। कुछ लोगों को बाहर जाना था, उन्होंने पहले नामांकन पत्र ले लिए। समिति ने साइन कर और 2100 रुपये फीस देकर फार्म दिए। जबरदस्ती बात का बतंगड़ बनाकर चुनाव उलझाए जा रहे हैं। -रजनीश चौरड़िया, उपाध्यक्ष

संस्था पर कब्जे की साजिश

15 नामांकन पहले ही बांट दिए गए। जिन लोगों के नाम से नामांकन जारी हुए उनके हस्ताक्षर भी किसी अन्य ने किए। जो विदेश में हैं, उनके नाम से भी फार्म दिए गए। ये संस्था पर कब्जा करने की साजिश है। बाजार में पहले ही बता रहे थे कि कार्यकारिणी के सभी सदस्य उनके साथ है। -अशोक कुमार जैन, शिकायतकर्ता सदस्य

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