रात ग्यारह बजे से दोपहर बारह बजे तक नहीं चला मोबाइल फोन और इंटरनेट

जालंधर: बेशक दूर संचार को निजी क्षेत्र में देकर इसे भारत संचार निगम लिमिटेड कर दिया गया लेकिन प्राइवेटाइजेशन होने के बावजूद भी इसकी सेवाओं में कोई सुधार नहीं आया है। भारत संचार निगम लिमिटेड का सिस्टम उत्तरी भारत में पिछली रात ग्यारह बजे से लेकर दोपहर बारह बजे तक ठप रहा। हालांकि बीएसएनएल का नेटवर्क बैठ जाने पर निगम के अधिकारी और कर्मचारी पूरी ताकत के साथ जुटे हुए थे लेकिन उत्तरी भारत में सेवाएं करीब बारह-तेरह घंटों के बाद ही बहाल हो पाईं।बीएसएनल के नेटवर्क को ठीक करते वक्त सबसे ज्यादा दिक्कत पंजाब में आई। सबसे खराब स्थिति पंजाब राज्य में थी। बीएसएनएल का नेटवर्क फेल हो जाने पर उत्तरीभारत के लाखों उपभोक्ताओं को कासी परेशानी का सामना करना पड़ा। मौजूदा दौर में कंपनियां देश में 5जी नेटवर्क लाने पर विचार कर रही है और उन्होंने कवायद भी शुरु कर दी है लेकिन बीएसएनएल अपना 3जी और 4जी नेटवर्क भी अभी ढंग से नहीं चला पा रहा है।बीएसएनएल के अधिकारियों से संपर्क करने पर पता चला कि बीएसएनएल का आईएन (इंटेलिजेंस नेटवर्क) सिस्टम सर्वर डाउन होने के कारण उत्तर भारत में यह समस्या आई थी। सर्वर डाउन होने से मोबाइल पर सिर्फ एक टावर आ रहा था लेकिन मोबाइल से ना तो आउटगोइंग काल हो रही था और ना ही इनकमिंग आ रही थी। मोबाइल पर इंटरनेट भी नहीं चल पा रहा था। इतना ही नहीं इंटेलिजेंस नेटवर्क सिस्टम सर्वर डाउन होने से मोबाइल रिचार्ज तक नहीं हो पा रहे थे।बीएसएनएल के उपभोक्ता जो इन बारह घंटों के दौरान परेशान हुए उनका कहना था कि एक तो वैसे ही मौजूदा समय में कोई बीएसएनएल का कनेक्शन नहीं लेता है। यदि यही हाल को रहा तो जो बचे हुए उपभोक्ता है वह भी बीएसएनएल का साथ छोड़ जाएंगे और दूसरे नेटवर्क में शिफ्ट हो जाएंगे। उपभोक्ताओं का कहना था वर्तमान मोबाइल और इंटरनेट सांसों की तरह हैं। यदि यह बंद हो जाएं तो ऐसा लगता है कि जैसे जिंदगी रुक गई हो।बहरहाल बारह घंटे बाद बीएसएनएल ने अपनी सेवाएं सुचारु रूप से दोबारा फिर शुरू कर दी हैं। लेकिन उपभोक्ताओं का कहना है कि नेटवर्क फेल होने से उन्हें परेशानी हुई जो उनका काम धंधा प्रभावित हुआ उसकी भरपाई कौन करेगा।