2018 में भले ही सरकार नहीं बनी लेकिन सबसे बड़ी जीत में 7-3 से आगे थी भाजपा

इंदौर। मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव की रणभेरी बज उठी है। मध्य प्रदेश की जनता नई सरकार चुनने के लिए 19 नवंबर को अपने मताधिकार का उपयोग करेगी। 3 दिसंबर को पता चल जाएगा कि जनता ने किसे सरकार बनाने का अवसर दिया है।
बड़े अंतर से जीते दस विधायक
मध्य प्रदेश की 230 विधानसभा सीटों पर पांच करोड़ से अधिक मतदाता अपने मताधिकार का उपयोग करेंगे। इस बार विधानसभा चुनाव से पहले आइये जानते हैं मध्य प्रदेश में पिछली मर्तबा 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में ऐसी कौन सी 10 सीटें थी, जिन पर जीत का नया रिकार्ड बना था। भाजपा तब सरकार भले ही न पाई थी, लेकिन सबसे बड़ी जीतों में उसका पलड़ा 7-3 से भारी रहा था।
इंदौर 2 से रमेश मेंदोला के नाम सबसे बड़ी जीत
भारतीय जनता पार्टी ने इंदौर 2 विधानसभा सीट से रमेश मेंदोला को मैदान में उतारा था। मेंदोला ने इस सीट पर 71,011 वोटों से जीत हासिल कर नया रिकार्ड बनाया था।
मेंदोला के बाद नंबर आता है। कुक्षी से कांग्रेस प्रत्याशी सुरेंद्र सिंह बघेल का। बघेल ने इस सीट पर 62930 वोटों से विजय हासिल की थी।
58999 वोटों से जीते थे शिवराज
चितरंगी सीट से भाजपा प्रत्याशी अमरसिंह ने 59248 वोटों से जीत हासिल की थी, जबकि बुदनी सीट से भाजपा प्रत्याशी के रूप में शिवराज सिंह चौहान ने 58999 वोटों से जीत दर्ज की थी।
भोपाल की गोविंदपुरा विधानसभा सीट से भाजपा की कृष्णा गौर ने 46359 और कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में शाजापुर सीट से हुकुमसिंह कराड़ा ने 44979 वोटों से जीत हासिल की थी।
भाजपा प्रत्याशी चैतन्य काश्यप रतलाम सीट से 43435 और मालिनी गौड़ इंदौर चार विधानसभा क्षेत्र से 43090 वोटों से जीते थे।
भाजपा के सुशील तिवारी पनागर सीट से 41733 वोटों से जीते थे जबकि कांग्रेस प्रत्याशी बाबूलाल जंडेल श्योपुर सीट से 41710 मतों से विजयी रहे थे।