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पंजाब

दलित छात्रों के सर्टिफिकेट-डिग्री रोकने वाले शिक्षण संस्थानों पर कार्यवाही की मांग

चंडीगढ़: विधानसभा सेशन के दूसरे दिन सदन में बोलते AAP के विधायक एवं मंत्री अमन अरोड़ासदन में पंजाब के दलित छात्रों के सर्टिफिकेट व डिग्री रोकने वाली यूनिवर्सिटी और कॉलेज के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई। विधायक बुद्ध राम ने कहा कि 2017 से 2022 तक 1 लाख बच्चे यूनिवर्सिटी और कॉलेज छोड़ गए थे। जिन यूनिवर्सिटी व कॉलेजों ने दलित छात्रों के सर्टिफिकेट और डिग्री रोकी, उनके संबंध में बात की जाएगी। उन्होंने कहा कि पंजाब के खेल क्षेत्र के संबंध में बात करनी थी, पराली जलाने के संबंधी चर्चा करनी थी लेकिन विपक्ष के विधायक पंजाब के विकास में व्यवधान बने हैं।उन्होंने कहा कि कांग्रेस चाहती है कि उनके मुताबिक सेशन चलेगा लेकिन ऐसा नहीं होगा। बुद्ध राम ने कहा कि लोगों के पैसे खाने के संबंध में गिलजियां और पूर्व मंत्री आशु जेल में हैं। कांग्रेस ने पंजाब का कर्जा एक लाख करोड़ रुपये कर दिया। बुद्ध राम ने कहा कि पंजाब के लोगों को AAP से उम्मीद है। लोगों को जीरो बिल का तोहफा दिया। मोहल्ला क्लिनिक बनाकर पंजाबियों को स्वास्थ्य सुविधाएं दी गई। बिना पैसे दिए लोगों के काम हो रहे हैं और इसी कारण ईमानदार AAP सरकार की कामयाबी विपक्षी दलों के गले नहीं उतर रही।विपक्षी विधायकों ने फ्लोर लांघास्पीकर ने कहा कि जो सदन के नियम हैं, उन्हें तोड़ने पर कार्यवाही भी होगी। फ्लोर लांघने वाले विधायकों के नाम चेयर को भेजने की बात कही। इसके बाद नियमों की वॉयलेशन करने वाले कांग्रेसी विधायकों, अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग, चौधरी व अन्यों को डिसक्वालिफाई किए जाने की चेतावनी दी गई।पहले यह सब हुआइससे पहले एससी बच्चों के भविष्य को सुरक्षित करने और उन्हें मिलने वाली स्कॉलरशिप का मुद्दा उठा। विधानसभा स्पीकर ने एससी बच्चों के वजीफा सर्टिफिकेट संबंधी मामले में उनके भविष्य को सुरक्षित करने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाने की बात कही। AAP विधायिका सरबजीत कौर माणुके ने कहा कि अधिकांश बच्चों को ऑनलाइन प्रोसेस का नहीं पता, इस कारण कुछ छूट दिलाई जाए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के राज में 4 लाख बच्चे उन्हें मिलने वाले सर्टिफिकेट से वंचित रह गए। कांग्रेस सरकार के राज में 2016 से 2020 तक बच्चों का वजीफा नहीं दिया गया। विधायिका ने कहा कि कांग्रेस का मंत्री पैसे खा गया और उसे क्लीन चिट भी दे दी गई। उन्होंने पूछा कि उस समय कांग्रेस कहां थी जब पंजाब के लोग अनशन पर बैठे थे। विधायिका ने कांग्रेस के विधायक सुखजिंदर सिंह रंधावा, कांग्रेस के पंजाब अध्यक्ष राजा वड़िंग और अन्यों से पूछा कि 4 लाख बच्चे कांग्रेस के राज में पढ़ाई कैसे छोड़ गए? विधायिका ने कहा कि 2016 से 2020 तक कांग्रेस सरकार 1600 करोड़ रुपए का वजीफा खा गई, बच्चे मर रहे थे लेकिन कांग्रेस ने किसी का हाथ नहीं पकड़ा।पंजाब की त्रासदीशिअद के बाद कैप्टन अमरिंदर सिंह को बदलाव के लिए लाया गया लेकिन दोनों सरकारें एक सिक्के के दो पहलू साबित हुए। विधायिका ने कहा कि सेशन में गिद्दा डालने के बजाय पंजाब के मुद्दों पर बात की जानी चाहिए। विधायिका ने कहा कि गरीबों का दर्द नहीं समझा, तभी लोगों ने सत्ता से बाहर निकाला। विधायिका ने कहा कि आरोप लगाए कि कांग्रेस के विधायक 7-8 करोड़ रुपए में बिके।सरारी के मामले में बातचीत का नहीं मिला समयकांग्रेस के विधायकों ने विधानसभा स्पीकर से AAP के कैबिनेट मंत्री फौजा सिंह सरारी के मामले पर बात रखने का समय मांगा लेकिन उन्हें मंजूरी नहीं दी गई।जीरो आवर में गरमाया सदन का माहौलइससे पहले पंजाब विधानसभा सेशन के जीरो आवर के दौरान ही कांग्रेसी विधायकों ने जमकर विरोध प्रदर्शन करते हुए AAP सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। कांग्रेसी विधायकों ने AAP के कैबिनेट मंत्री फौजा सिंह सरारी को बर्खास्त कर उन्हें गिरफ्तार करने की मांग की। साथ ही लगातार नारेबाजी कर इंसाफ दो इंसाफ दो की नारेबाजी की।​कैबिनेट एवं वित्त मंत्री हरपाल चीमा ने कहा कि जीरो आवर में कोई भी मुद्दा उठाया जा सकता है। लेकिन विपक्ष केवल अपनी बात रख सकता है। चीमा AAP की जनहित योजनाओं को गिना ही रहे थे कि कांग्रेसी विधायकों ने नारेबाजी तेज कर दी और चीमा अपनी बात पूरी नहीं कर सके। चीमा ने स्पीकर से कांग्रेसी विधायकों की स्पेशल क्लास लगवाने की बात कही। स्पीकर के हस्तक्षेप के बाद भी कांग्रेसी विधायक शांत नहीं हुए। स्पीकर ने कांग्रेसी विधायकों से पंजाब और पंजाबियों के संबंध में बातचीत करने की अपील की। लेकिन वे मुर्दाबाद मुर्दाबाद के नारे लगाते रहे।हरपाल चीमा ने कहा कि विरोधी दलों ने पहले जीरो आवर की मांग की थी लेकिन अब सदन की कार्रवाई को आगे नहीं बढ़ने दिया जा रहा। उन्होंने विरोधी दलों के बेवजह के प्रदर्शन व नारेबाजी देख कहा कि उनके पास पंजाब से जुड़ा कोई मुद्दा नहीं है, इसलिए यह सब कर रहे हैं। विधानसभा स्पीकर ने कांग्रेस के पंजाब अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग से भी शांत रहने की अपील की। सेशन में हंगामा शांत नहीं होने पर स्पीकर को सदन आधे घंटे के लिए स्थगित करना पड़ा है।चीमा ने कहा कि ढाई महीने में कांग्रेस के 18 विधायकों में से किसी ने एक भी सवाल नहीं लगाया। जबकि सत्ताधारी AAP के विधायकों ने 47 सवाल लगाए। लेकिन कांग्रेसी विधायक अब चोर मचाए शोर की कहावत को सच कर रहे हैं। कांग्रेसी विधायक विधानसभा के पवित्र सदन के अंदर केवल ड्रामा कर रहे हैं। कांग्रेस के विधायकों ने अपने 18 हलकों का कोई सवाल नहीं लगाया। उन्होंने कांग्रेसियों को अनुभव के बाद भी अनुभवहीन बनने और पूरी तरह फेल होने की बात कही।हरपाल सिंह चीमा ने कांग्रेस से नेता प्रतिपक्ष से आंख से आंख मिलाकर पराली की समस्या और अन्य मुद्दों पर चर्चा करने को बुलाया। चीमा ने कहा कि कांग्रेस ऑपरेशन लोट्स की चपेट में आई है। बावजूद इसके ऑपरेशन लोट्स के खिलाफ बोलने के बजाय ईमानदार सरकार के खिलाफ बोल रही है। चीमा ने कांग्रेस पर देश के लोकतंत्र के लिए घातक साबित होने वाली भाजपा का समर्थन करने की बात कही। उन्होंने कहा कि भाजपा खरीद-फरोख्त करती है और कांग्रेस पर उसका साथ देने को शर्मनाक बताया।विधायकी बेचने के पैसे से चला रही सरकारचीमा ने कहा कि पहले दिल्ली में और अब पंजाब में ऑपरेशन लोट्स को फेल किया। चीमा ने कहा कि प्रताप सिंह बाजवा भाजपा के लिए काम कर रहे हैं। इसी कारण उनकी सिक्योरिटी वापस नहीं लिए जाने की बात कही। उन्होंने कहा कि AAP ने पंजाब के खेलों, पराली की समस्या समेत अन्य मुद्दों पर चर्चा करनी थी लेकिन विरोधी दल कार्यवाही को आगे नहीं बढ़ने दे रहे। जबकि विरोधी दलों ने ही जीरो आवर की मांग की थी। उन्होंने कांग्रेस को दलित विरोधी बताया। चीमा ने विपक्ष के विधायकों रूल बुक पढ़ाने के साथ हका कि वीरवार का दिन प्राइवेट रहता है। लेकिन विरोधियों द्वारा कोई सवाल नहीं लगाया गया। उन्होंने AAP द्वारा लगाए गए पंजाब से संबंधित तीन महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा करने की अपील की।कांग्रेस ने पंजाब से किया विश्वासघातस्पीकर ने कहा कि कांग्रेसी विधायकों से उम्मीद थी कि वह जीरो आवर में बेअदबी, बरगाड़ी समेत अन्य मुद्दों पर चर्चा करेंगे। लेकिन कांग्रेस पंजाब के लोगों से विश्वासघात कर रही है। इसके बाद स्पीकर ने अमन अरोड़ा को बोलने का समय दिया। अमन अरोड़ा ने कांग्रेसी विधायकों की लगातार नारेबाजी पर कहा कि आज का दिन काला दिन कहलाया जाएगा। उन्होंने कहा कि आज ईमानदारी की बात करने वाले कांग्रेसी ऐसे लगते हैं- जैसे चोर की दाढ़ी में तिनका नहीं-बल्कि पूरी दाल ही काली है।बरगाड़ी कांड पर बोले कुंवर विजय प्रताप सिंहकुंवर विजय प्रताप सिंह ने बरगाड़ी मुद्दे पर बात करने की बात कही। कहा कि पंजाब को पता है कि 2015 में बरगाड़ी की घटना हुई और 14 अक्टूबर को 7 साल पूरे होंगे। पिछली 14 तारीख को सुखबीर सिंह बादल को एसआईटी ने तलब किया था। पूछताछ के बाद बाहर होने पर सुखबीर बादल ने पहला बयान दिया कि जब हमारी सरकार आएगी तो कुंवर विजय प्रताप को नहीं छोड़ेंगे। उन्होंने कहा कि मैं पूछना चाहता हूं कि मेरे खिलाफ बोलने की शक्ति सुखबीर बादल को किसने दी। आईजी रैंक के अधिकारी एलके यादव की एसआईटी का हेड नियुक्त किया। हाईकोर्ट 4 मई को आठ अधिकारियों को पदोन्नत किया और आठवें नंबर पर ही एलके यादव था और उसे ही एसआईटी का हेड बनाया गया। समझा जा सकता है कि ऐसा क्यों किया गया। 9 अप्रैल को जो रिपोर्ट खारिज की गई थी।पंजाब सरकार से मामले को चुनौती देने की अपीलकुंवर विजय प्रताप सिंह ने कहा कि मैं 8 अप्रैल को कैप्टन अमरिंदर सिंह से मिला था और रिपोर्ट खारिज न करवाने की अपील की थी। लेकिन इन्होंने जल्दबाजी में एडवाइजर प्रशांत किशोर की सलाह पर काम किया गया। 9 तारीख को डीजीपी समेत सरकार के बड़े पदों पर आसीन लोगों को एक ई-मेल आया। इससे पता लगता है कि पंजाब की कैप्टन सरकार को रिपोर्ट खारिज करवाने की काफी जल्दबाजी थी। उन्होंने कहा कि 9 अप्रैल को खारिज रिपोर्ट का लिखित आदेश 23 अप्रैल का आया। लेकिन संविधान में ऐसा कहीं नहीं है कि आदेश सुनाने के 15 दिन बाद उसे लिखित तौर पर सामने लाया जाए। कुंवर विजय प्रताप सिंह ने कहा कि पंजाब सरकार उनकी अपील के संबंध में अपने स्तर पर कार्यवाही कर फैसले को चुनौती दे।

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