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उत्तरप्रदेश

सिविल लाइंस में जमीन दिलाने के नाम पर लिए 55 लाख रुपये, न जमीन दी और न रुपये

प्रयागराज: प्रयागराज में रिटायर्ड उपजिलाधिकारी राम सूरत पांडेय से उनके ही शिष्य ने सिविल लाइंस में जमीन दिलाने के नाम पर 55 लाख रुपये हड़प लिए। पांच साल बीतने के बाद न जमीन दिलाई और न ही रुपये दिए। अब राम सूरत का फोन भी नहीं उठाता। मजबूर होकर रिटायर्ड एसडीएम ने कर्नलगंज थाने में अशोक शुक्ला के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है।2017 में अलीगढ़ में तैनाती के दौरान दिखाई थी जमीनरामसूरत पांडे अलीगढ़ में बतौर एसडीएम तैनात थे। अशोक शुक्ला उस दौरान उनके संपर्क में आया और 2017 में सिविल लाइंस में एक जमीन दिखाई। जिस अशोक शुक्ला को उन्होंने कभी पढ़ाया था उसी अशोक शुक्ला ने उन्हें भरोसे में लेकर उनके साथ दगा किया। उन्होंने अशोक को 60 हजार रुपये बतौर एडवांस दिए। इसके बाद अपनी पत्नी वहां अपने खाते से अलग-अलग समय पर 30 लाख रुपये और ट्रांसफर किए। 2019 में जमीन की रजिस्ट्री होनी थी तब उन्होंने 25 लाख रुपए अशोक शुक्ला को कैश और दिए। अशोक को जब पैसे मिल गए तो किसी न किसी बहाने उसने रजिस्ट्री नहीं कराई और टालता गया। बीच में कोरोना काल आ गया। उसने बहाना बनाकर अशोक ने मामले को लटकाए रखा। 2022 में रामसूरत पांडे रिटायर हो गए। इसके बाद कर्नलगंज पहुंचने के बाद उन्होंने अशोक शुक्ला को कॉल करना शुरू किया। अशोक मेरा सूरज पांडे का फोन उठाना बंद कर दिया।पता किया तो उस जमीन से अशोक का कोई लेना-देना नहीं थारिटायर होने के बाद जब राम सूरत प्रयागराज पहुंचे तो उन्होंने अपनी जमीन की छानबीन करनी शुरू की। सिविल लाइंस के उस स्थान पर गए जहां अशोक ने उन्हें जमीन दिखाकर सौदा किया था। जब तो पता उस जमीन का तो पहले ही सौदा हो चुका है और उस पर घर भी बन रहा है। उस जमीन से दरअसल अशोक का कोई लेना-देना नहीं था। यह पता चलने के बाद उनके पैरों के तले की जमीन खिसक गई। उन्हें गुरु कहकर उनके पास आने वाला शिष्य एक झटके में उनकी जिंदगी भर की कमाई हड़प लिया है। उन्होंने कर्नलगंज थाने में अशोक शुक्ला के खिलाफ धोखाधड़ी और जालसाजी की रिपोर्ट दर्ज कराई है। पुलिस मामले की जांच कर रही हैँ।

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