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नकली हैलमेट चालान से बचा सकता है “मौत” से नही। राजवर्धन सिंह शिवपुरी
नकली हैलमेट चालकों के लिए हेलमेट अनिवार्य किए जाने के कोर्ट के फरमान के बाद पुलिस ने एक बार फिर से सख्ती बरतना शुरू की है। मगर हर बार की तरह इस बार भी सख्ती के साथ ही बाजार में नकली व अमानक हेलमेट की दुकानें सड़कों पर सज गई हैं। हेलमेट न पहनने वालों पर तो पुलिस कार्रवाई कर रही है, लेकिन अमानक हेलमेट बेचने वालों पर कोई भी कार्रवाई नहीं की जा रही है। मोटर व्हीकल एक्ट के तहत टू-व्हीलर चालकों को हेलमेट पहनना अनिवार्य है। वाहन चालकों के लिए यह बाध्यता होने के बाद भी कई लोग इसका पालन नहीं करते। नतीजा एक्सीडेंट के दौरान हेलमेट न पहनने के कारण कई वाहन चालकों को सिर में चोट लगने पर जान पर बन आती है। यही वजह है कि कोर्ट ने भी वाहन चालकों के लिए हेलमेट पहनना अनिवार्य किया है। ऐसे में कोर्ट के आदेश के बाद ट्रैफिक पुलिस हेलमेट न पहनने वालों पर सख्ती तो करती है, लेकिन उन विक्रेताओं पर कोई कार्रवाई नहीं होती जो अमानक हेलमेट बेचते हैं। नकली हेलमेट की बढ़ी तादाद जब-जब हेलमेट को लेकर कोर्ट की सख्ती व पुलिस की चालानी कार्रवाई शुरू होती है, तब अधिकांश वाहन चालक सिर्फ चालानी कार्रवाई से बचने के लिए हेलमेट खरीदते हैं। इसका फायदा कुछ लोग उठाते हैं और दिल्ली से आने वाले नकली हेलमेट बेचने लगते हैं। ये हेलमेट सुरक्षा के मापदंडों के अनुरूप तैयार नहीं किए जाते। जानकारी के अभाव में व कम कीमत होने के कारण कई लोग इन्हें खरीद लेते हैं। ऐसा करके वे ट्रैफिक पुलिस की कार्रवाई से तो बच जाते हैं, लेकिन दुर्घटना के दौरान इन हेलमेट से वाहन चालक को सुरक्षा मिलेगी या नहीं, इस पर संदेह बना रहता है।
