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पत्रकार सलमान के शूट पर उठे सवाल, कांग्रेस ने सरकार को घेरा संगठनों ने दोहराई सुरक्षा कानून की मांग।
भोपाल। जोश, काम की लगन और उसके लिए समर्पण... सच की तह तक पहुंच पाने की ललक और उसको सबके सामने लाने की जिद...! राजगढ़ जिले के सारंगपुर जैसे छोटे क्षेत्र में सुपारी किलिंग के हालात बन जाने तक स्थितियां पत्रकार सलमान अली की मौत ने दिखा दी हैं। बीती रात सरेआम गोली मारकर सलमान को मौत के घाट उतारने वाले जर खरीद पुलिस की नजर तक भी आ गए हैं और कानून का शिकंजा भी उनके इर्द गिर्द कस चुका है। अब सलमान के शूट... को लेकर सियासत गर्म है। कांग्रेस इस मामले को आगे रखते हुए प्रदेश में गुंडाराज की बात कह रही है। वहीं लंबे समय से पत्रकार सुरक्षा कानून बनाए जाने की मांग कर रहे संगठनों ने भी इस बात पर जोर दिया है कि अब नहीं, तो कब आकार लेगा कानून...? राजधानी के समीपस्थ स्थित सारंगपुर में मंगलवार की रात स्थानीय पत्रकार सलमान अली की गोली मारकर हत्या कर दी गई। नगर के बीच हुए इस हत्याकांड को बाइक सवार तीन लोगों ने अंजाम दिया। जिस समय सलमान अपने करीब 9 वर्षीय बेटे के साथ सिविल अस्पताल के पास अपनी स्कूटी पर खड़े थे। इसी दौरान बाइक पर आए तीन हत्यारों ने सलमान की कनपटी पर रिवाल्वर रखा और उनको गोली मारकर भाग गए। गोली की आवाज से मची खलबली ने पूरे क्षेत्र को सनसनी से भर दिया। मौके पर पहुंची पुलिस ने घायल अवस्था में सलमान को अस्पताल पहुंचाया। जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। बुधवार को सलमान अली का अंतिम संस्कार सारंगपुर में ही कर दिया गया। पहले भी हुआ था हमला खबरों को लेकर नाराज रहने वाले माफिया और असामाजिक तत्व सलमान अली से नाराज रहा करते थे। इसी खींचतान में गत वर्ष भी सलमान पर जानलेवा हमला किया गया था। इस दौरान सलमान के दफ्तर में घुसकर कुछ लोगों ने उन पर हमला कर दिया था। सूत्रों का कहना है कि हत्या की कड़ियों को जोड़ने के लिए पुलिस मौके से आसपास लगे हुए सीसीटीवी कैमरे के फुटेज और चश्मदीद लोगों के बयान जुटा रही है। इस दौरान पिछले साल हुए हमले के दोषियों से इस हत्याकांड के कनेक्शन को भी खंगाला जा रहा है। कांग्रेस ने कहा, गुंडाराज हो गया प्रदेश में सारंगपुर मामले को लेकर कांग्रेस को प्रदेश की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाने का मौका मिल गया है। पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने प्रदेश सरकार को घेरते हुए X पर पोस्ट किया है। उन्होंने लिखा है कि प्रदेश में जब लोकतंत्र का चौथा स्तंभ कहा जाने वाला एक पत्रकार ही सुरक्षित नहीं है तो आमजन की स्थिति का अंदाज लगाया जा सकता है। पटवारी ने कहा कि प्रदेश का गृह मंत्रालय लचर हो गया है। जिसके चलते पूरे प्रदेश में अराजकता फैली हुई है। इधर पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि सारंगपुर से लेकर छतरपुर और मंदसौर से लेकर जबलपुर तक हर तरफ अराजकता का साम्राज्य फैला हुआ है। प्रदेश सरकार लोगों को सुरक्षित और भयमुक्त वातावरण देने के मामले में पूरी तरह निष्फल हो चुकी है। संगठन बोले सुरक्षा कानून जरूरी मप्र में पत्रकार सुरक्षा कानून का झंडा बुलंद करने वाले संगठनों ने एक बार फिर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को दोहराया है। ऑल इंडिया रिपोर्टर्स एसोसिएशन के एंबेसेडर तारिक जकी, प्रेस क्लब ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट के डॉ खालिद कैस, इंडियन फेडरेशन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट के मोहम्मद सलमान आदि ने सारंगपुर मामले की निंदा की है। उन्होंने कहा कि मीडिया और लोकतंत्र रक्षकों पर हो रहे हमलों से सरकार को सबक लेना चाहिए। प्रदेश में पत्रकार सुरक्षा कानून की आवश्यकता को गंभीरता से लेते हुए तत्काल इसको आकार देना चाहिए।
