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कोविशील्ड वैक्सीन के साईड इफैक्ट की खबर प्रधानमंत्री मोदीजी के विरुद्ध बहुत बडा षडयंत्र है।
भारत में मोदी सरकार द्वारा 2 प्रकार की कोविड वैक्सीन लोगों को लगाई गई- *1.कोविशील्ड जो कि विदेशी है।* *2. कोवैक्सीन जो कि भारत की कंपनी द्वारा बनाई गई है।* साईड इफैक्ट की बात कोविशील्ड नाम की विदेशी वैक्सीन की कंपनी ने मानी है न कि कोवैक्सीन बनाने वाली भारतीय कंपनी ने। *कोवैक्सीन (जो भारत बायोटेक ने बनाई है) में कोई साईड इफैक्ट नहीं है और इसी वैक्सीन को भारत में अधिकांश लोगों को लगाया गया। साथ ही दुनियां के 150 देशों को भी भारत ने ये वैक्सीन फ्री में दी गई, जहां से कोई ऐसी खबर नहीं है कि भारतीय वैक्सीन के कोई साईड इफैक्ट हैं।* अब इस खबर की टाईमिंग को देखिए, इस षड्यंत्र को समझने की आवश्यकता है। सबसे पहली बात *कोविशील्ड आक्सफोर्ड - एस्ट्रजेनेका कम्पनी और भारत की सीरम इंस्टीट्यूट के सहयोग से बनी वैक्सीन है।* भारत में बहुत लोगों को भारत में बनी भारतीय वैक्सीन कोवैक्सीन की डोज दीं गयी जिसको भारतीय कंपनी भारत बायोटेक ने बनाया था, और कोवैक्सीन के कोई गम्भीर साईड इफैक्ट अबतक सामने नहीं आए हैं। कोविशील्ड वैक्सीन बनाने वाली AstraZeneca ने ब्रिटिश कोर्ट में साइड इफेक्ट पर क्या बातें स्वीकार की हैं 7 पॉइंट्स में समझें :- 1) एस्ट्राजेनेका ने कोर्ट के समक्ष दायर लीगल डॉक्यूमेंट में कहा है कि यूनिवर्सिटी ऑफ ऑक्सफोर्ड के साथ मिलकर तैयार की गई कोरोना वैक्सीन से साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं। *ये साइड इफेक्ट्स थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम जैसे हो सकते हैं। लेकिन ये बहुत दुर्लभ हैं।* 2) एस्ट्राजेनेका ने कोर्ट को बताया कि लेकिन ये जान लेना भी जरूरी है कि कोरोना वैक्सीन नहीं लगवाने की स्थिति में भी थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम हो सकता है। ऐसे में ये कहना कि वैक्सीन लगवाने के बाद लोग इस सिंड्रोम से जूझ रहे हैं, सही नहीं है। 3) कंपनी का कहना है कि कई स्वतंत्र स्टडीज में इस वैक्सीन को कोरोना से निपटने में बेहद कारगर बताया गया है। ऐसे में किसी भी निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले इन स्टडीज पर गौर करना जरूरी है। 4) कंपनी का मानना है कि वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स बेहद दुर्लभ हैं। कंपनी ने कहा कि मरीज की सुरक्षा हमारी सर्वोपरि प्राथमिकता है। हमारी दवाएं उचित मानकों पर खरी उतरी हैं और हमने वैक्सीन सहित सभी दवाओं का सुरक्षित उपयोग सुनिश्चित किया है। 5) कंपनी ने कोर्ट के समक्ष कहा कि एस्ट्राजेनेका-ऑक्सफोर्ड वैक्सीन के क्लीनिकल ट्रायल और दुनिया-भर में इसकी स्वीकार्यता से पता चलता है कि बड़े पैमाने पर टीकाकरण प्रोग्राम से लाभ हुआ है, जो वैक्सीन के संभावित साइड इफेक्ट्स के जोखिम को कम करता है। 6) कंपनी का कहना है कि कोविड-19 महामारी के दौरान वैक्सीन की मदद से दुनियाभर में 60 करोड़ लोगों की जिंदगियां बचाई गई हैं। 7) एस्ट्राजेनेका का कहना है कि वैक्सीन लगने के बाद कई तरह की समस्याओं का दावा कर रहे लोगों की स्थिति से वे चिंतित हैं। लेकिन हम अभी भी अपने इस दावे पर कायम हैं कि इसके दुष्प्रभाव अति से अति दुर्लभ मामलों में ही सामने आ सकते हैं।मलतब लाखों में किसी एक को ही इसके साईड इफैक्ट हो सकते हैं | इस दावे की सच्चाई इससे भी पता चलता है कि भारत में करोड़ों लोगों को कोविशील्ड वैक्सीन दी गई, अगर इसके साईड इफैक्ट ज्यादा लोगों पर होते तो अब तक भारत में करोड़ो लोगों की मौंत हार्ट अटैक से हो चुकी होती। *असल में मोदी को बदनाम करने के लिए चुनाव के समय में इस तरह की फर्जी बातें बनाई और फैलाई जाएगी, यह कल ही PM मोदी जी ने चिंता जताई थी।* *अब ये षडयंत्र स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है कि भाजपा विरोधी ताकतें अब अफवाहें फैला कर लोकसभा चुनाव में भाजपा को हराने का दिवास्वप्न देख रहीं हैं।* *हम सबको "राष्ट्रहित सर्वोपरि" को ध्यान में रखकर साफ-सुथरी छवि वाली और "अंतरराष्ट्रीय स्तर" पर भारत की स्वच्छ और सुदृढ़ नेतृत्व छवि बनाने वाली भारतीय जनता पार्टी को वोट देकर इन विदेशी फंडिंग पर पलने वाले गठबंधन को करारा जवाब देना होगा।
