भारतीय भाषाओं में तैयार किए जा रहे सभी कोर्स, तकनीकी शिक्षा होगी आसान

पिछले तीन वर्षों में शिक्षा के क्षेत्र में कई सुधार देखने को मिले भी हैं। इस दौरान बैंक आफ क्रेडिट, विद्यार्थियों को एक साथ मल्टीपल कोर्स करने की सुविधा और राष्ट्रीय क्रेडिट फ्रेमवर्क की शुरुआत की गई। पहले विद्यार्थियों को एक कालेज से दूसरे कालेज जाने में दिक्कत आती थी लेकिन क्रेडिट फ्रेमवर्क के जरिए यह आसान हुआ। दरअसल राष्ट्रीय क्रेडिट फ्रेमवर्क के अनुसार एक शैक्षणिक वर्ष को विद्यार्थी द्वारा उपयोग किए गए घंटों की संख्या के आधार पर परिभाषित किया जाता है।
इसी आधार पर शैक्षणिक वर्ष के अंत में इन्हें क्रेडिट प्रदान किया जाता है। इन क्रेडिट की निगरानी के लिए ऐसी तकनीक विकसित की जाएगी, जिससे विद्यार्थियों ने जो अलग-अलग कालेजों से क्रेडिट अर्जित किए हैं, वह सभी संस्थानों में प्रयोग किए जा सकें।
महिलाओं के नेतृत्व में होना चाहिए विकास
सामाजिक पूंजी को मजबूत करना होगा
ग्रामीण विकास हमारे देश की समग्र प्रगति की कुंजी है। इंजीनियरों, विज्ञानियों और प्रौद्योगिकीविदों को ऐसी रणनीति के साथ आगे आना चाहिए जो बदलती सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय गतिशीलता के अनुरूप हो। हमें सामाजिक पूंजी को मजबूत करना होगा। यह सब सामाजिक संपर्क, सामाजिक संबंधों के महत्व को पहचानने के बारे में है। ग्रामीण समुदायों के बीच सामाजिक, आपसी विश्वास और स्थानीय नेतृत्व को बढ़ावा देना होगा। साथ ही महिला समूहों को प्रोत्साहित करना होगा ताकि व्यक्तियों और समुदायों को इस सामाजिक नेटवर्क से समर्थन मिल सके। ग्रामीण समुदायों के सामने सबसे बड़ी समस्या यह है कि वे अपने प्राकृतिक संसाधनों का प्रबंधन कैसे करें। सतत ग्रामीण विकास लाने में इंजीनियर प्रमुख भूमिका निभाते हैं।
इंदौर बनेगा एडवांस नालेज सोर्स
होमी भाभा नेशनल इंस्टीट्यूट के चांसलर डा. अनिल काकोड़कर ने कहा कि देश में इंदौर की एक अलग और महत्वपूर्ण उपस्थित है क्योंकि यहां उच्च गुणवत्ता वाले इंजीनियर हैं। साथ ही यहां इंडस्ट्रियल एरिया हैं। बेंगलुरू एक ज्ञान केंद्र है, पुणे भी उसी दिशा में तैयार हो रहा है तो फिर इंदौर क्यों नहीं बन सकता। इसलिए इंदौर को हम एडवांस नालेज सोर्स बनाएंगे।
तीन दिवसीय कान्क्लेव में होगी अहम चर्चा
इस तीन दिवसीय कान्क्लेव में उभरती इंजीनियरिंग चुनौतियों के लिए लेजर टेक्नोलाजी और 2047 में स्वच्छ और हरित भारत के लिए इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी विषय पर चर्चा रहेंगी। कार्यक्रम का उद्देश्य इंजीनियरों, विज्ञानियों, शोधकर्ताओं और उद्यमी को अत्याधुनिक खोज, प्रौद्योगिकी और ठोस समाधान पर चर्चा करने के लिए साथ लाना है।