बहन ने प्रेमी के साथ मिलकर करवा दी थी भाई की हत्या, तीन को आजीवन कैद

उज्जैन। लाकडाउन के दौरान निजी अस्पताल के सिक्युरिटी गार्ड की कुछ लोगों ने चाकू मारकर हत्या कर दी थी। मामले में कोर्ट ने तीन आरोपितों को दोषी करार दिया है। तीनों को आजीवन कैद की सजा सुनाई है। भाई अपनी बहन के प्रेमी को उसके घर जाने पर आपत्ति लेता था। इस कारण प्रेमी ने अपने दोस्तों के साथ मिलकर हत्याकांड को अंजाम दिया था।
उज्जैन जिला अभियोजन अधिकारी राजेंद्र खांडेकर ने बताया कि निजी अस्पताल में सिक्युरिटी गार्ड अशोक चौहान उम्र 52 वर्ष निवासी शास्त्री नगर 27 अप्रैल को पैदल अपने घर से अस्पताल जा रहा था। उस दौरान कोरोना संक्रमण के चलते देशभर में लाकडाउन लगा हुआ था। चौहान जैसे ही विवेकानंद कालोनी में पहुंचा तो उसी दौरान aस्कूटी से आए कुछ युवकों ने चाकू से हमला कर मौत के घाट उतार दिया था।
मामले में पुलिस ने अशोक की पुत्री तनु की शिकायत पर शेरू पुत्र राजू विश्वकर्मा, गोविंद पुत्र लालूसिंह व उसकी बहन राजकुमारी चौहान के खिलाफ हत्या का केस दर्ज किया था। सीसीटीवी कैमरों की फुटेज में भी आरोपित नजर आए थे।
अशोक की पुत्री का कहना था कि उसके पिता मोबाइल घर पर ही भूल गए थे। जब वह उनके पीछे मोबाइल देने के लिए गई तो गोविंद व शेरू ने पिता पर चाकू से हमला कर दिया था। जिससे उनकी मौत हुई थी।
बहन ने रचा था भाई की हत्या का षड़यंत्र
जांच में यह भी सामने आया था कि अशोक की बहन राजकुमारी चौहान उसके घर के समीप ही रहती थी। बहन के घर बदमाश शेरू का आना-जाना था। जिसको लेकर उसने आपत्ति जताई थी। इसी बात से उसकी बहन राजकुमारी भी नाराज थी। उसने अपने भाई को फंसाने के लिए थाने में झूठी शिकायत भी की थी।
लेकिन पुलिस ने अशोक के खिलाफ केस दर्ज नहीं किया था। वहीं शेरू के खिलाफ प्रतिबंधात्मक कार्रवाई कर जेल भेज दिया था। बहन राजकुमारी ने ही अपने भाई की हत्या का षड़यंत्र रचा था। मामले में पुलिस ने शेरू, गोविंद व राजकुमारी के खिलाफ हत्या की धारा 302, 34 एवं 120 बी के तहत केस दर्ज किया था। शनिवार को कोर्ट ने तीनों आरोपितों को आजीवन कैद की सजा सुनाई है।