ब्रेकिंग
केंद्र सरकार कराऐगी जाति जनगणना PCC चीफ ने कहा, DGP का आदेश खाकी वर्दी का अपमान सांसद-विधायक को सैल्यूट करेगें पुलिस कर्मी, ये लोकतं... सीएम बोले- पाकिस्तानी नागरिकों को एमपी से जल्द बाहर करें: पुलिस अधिकारियों को अभियान चलाने के निर्दे... मंदसौर में तेज़ रफ़्तार कार कुऐ में गिरी 6 लोगों की मौत केंद्र सरकार का एक और सख्त फैसला, पाकिस्तानी हिंदुओं की चारधाम यात्रा पर रोक कथावाचक पं. प्रदीप मिश्रा ने अमित शाह को बताया शिव अवतार, बयान पर मचा बवाल, कांग्रेस-बीजेपी आमने-साम... केंद्र सरकार का बड़ा ऐलान: पाकिस्तानी हिन्दु , सिखो का वीजा रद्द नहीं होगा नवविवाहिता के साथ रेप कर हत्या, कमरे में निवस्त्र मिली लाश, जेठ पर आरोप कमरे में निवस्त्र मिली लाश,... पहलगाम हमले के बाद अमरनाथ यात्रा पर खतरा मंडराया, सुप्रीम कोर्ट में पीआईएल दाखिल मध्यप्रदेश में एक मई से होगे ट्रांसफर मुख्यमंत्री ने शिक्षण सत्र खत्म होने के बाद बताया तबादलों का क...
मध्यप्रदेश

भोपाल स्टेट के पहले मुख्यमंत्री थे डा शंकर दयाल शर्मा, बाद में देश के राष्ट्रपति भी बने

सीहोर। मुख्यमंत्री का गृह जिला होने से सीहोर की चर्चा होती है लेकिन आजादी के पहले से ही सीहोर का दबदबा राजनीति में रहा है। विधानसभा चुनाव में सीहोर जिले ने ही भोपाल स्टेट का पहला सीएम दिया था। ये मध्य प्रदेश के पुनर्गठन से पहले की बात है। तब मध्य प्रदेश चार भागों में बंटा था। जिसका एक भाग भोपाल स्टेट था, जिसे ‘सी’ स्टेट भी कहा जाता था।

भोपाल स्टेट के चुनाव में यहां से स्व. शंकर दयाल शर्मा मुख्यमंत्री बनाए गए थे जो बैरसिया विधानसभा सीट से विधायक चुने गए थे। भोपाल 15 अगस्त 1947 को आजाद नहीं हुआ था। इस राज्य को आजादी एक जून 1949 को मिली थी। देश आजाद होने के बहुत बाद स्व.शंकरदयाल शर्मा देश के राष्ट्रपति भी बने थे।

भापोल स्टेट में चुनाव 27 मार्च 1952 में हुए थे। तब सीहोर जिले का दायरा बहुत बड़ा था। भोपाल स्टेट का एक जिला रायसेन भी था। भोपाल स्टेट में तब 23 विधानसभा सीटों पर चुनाव आयोजित हुए थे। इनमें वर्तमान सीहार जिले की सात विस सीटें शामिल थीं। साथ ही सीहोर, श्यामपुर और आष्टा विस सीट पर दो-दो विधायक थे।

स्टेट की 23 विस में 91 प्रत्याशी चुनाव में उतरे थे जिनके लिए छह लाख 10 हजार 182 मतदाताओं ने मतदान किया था। तत्कालीन सीहोर जिले की सीमा क्षेत्र में ही भोपाल जिले की बैरसिया सीट भी शामिल थी। जिस पर पूर्व राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा ने चुनाव लड़ा और जीतने के बाद उन्हें भोपाल स्टेट का सीएम बनाया गया था।

साढ़े चार साल का रहा था कार्यकाल

प्रथम आम चुनाव के बाद विधिवत विधान सभा का गठन हुआ। भोपाल विधानसभा का कार्यकाल मार्च 1952 से अक्टूबर 1956 तक लगभग साढ़े चार साल रहा। भोपाल राज्य के मुख्यमंत्री डा. शंकर दयाल शर्मा व इस विधान सभा के अध्यक्ष सुल्तान मोहम्मद खां और उपाध्यक्ष लक्ष्मीनारायण अग्रवाल थे।

पार्ट ‘सी’ राज्य था भोपाल

1956 के राज्य पुनर्गठन अधिनियम के बाद, भोपाल राज्य को मध्य प्रदेश नवगठित राज्य के सीहोर जिले में एकीकृत किया गया था। भोपाल शहर को मध्य प्रदेश की राजधानी घोषित किया गया था। 13 सितंबर 1972 को मध्य प्रदेश सरकार ने घोषणा की कि भोपाल को एक अलग जिला बनाया जाएगा।

भोपाल जिला आधिकारिक तौर पर दो अक्टूबर 1972 को सीहोर जिले से अलग होकर जिला बना था। पार्ट ‘सी’ राज्य का मतलब केंद्र शासित प्रदेश की तरह होता था। आजादी के पूर्व जहां पर किसी राजा का शासन था उसे पार्ट सी राज्य कहा गया। जहां अंग्रेजों का शासन था उसे पार्ट ‘ए’ राज्य। भोपाल में नवाबों का शासन था, इसलिए यह पार्ट ‘सी’ राज्य था।

Related Articles

Back to top button