सेप्सिस से बचाव के लिए एंटीबायोटिक दवाओं का इस्तेमाल संभलकर करें : डा मनीषा श्रीवास्तव

भोपाल। अस्पताल में भर्ती गंभीर रोग से पीड़ित मरीजों को सेप्सिस का खतरा अधिक होता है। सेप्सिस से बचाव के लिए एंटीबायोटिक दवाओं का सोच—समझकर इस्तेमाल करना आवश्यक है। लोग सर्दी-जुकाम, खांसी और डायरिया जैसी मामूली और मौसमी बीमारी में एंटीबायोटिक दवाओं का सेवन करते हैं।
यह बात सेप्सिस रोग के बारे में डाक्टरों, नर्स और पैरामेडिकल स्टाफ को जागरूक करने के लिए भोपाल मेमोरियल हास्पिटल एंड रिसर्च सेंटर (बीएमएचआरसी) के निश्चेतना विभाग द्वारा आयोजित कार्यशाला बीएमएचआरसी निदेशक डा मनीषा श्रीवास्तव ने कही। उन्होंने बताया कि कई बार डाक्टर भी छोटी-मोटी परेशानी होने पर ही मरीज को अनावश्यक रूप से एंटीबायोटिक दवाएं लेने की सलाह देते हैं। इससे शरीर में दवाओं के प्रति रजिस्टेंस पैदा हो रहा है। ऐसे मरीजों को यदि अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत पड़ती है तो उनमें दवाएं बेअसर साबित होती हैं। इससे वे सेप्सिस के आसानी से शिकार हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर सेप्सिस पर समय रहते नियंत्रण न किया जाए, तो इससे शरीर के कई अंग गंभीर रूप से प्रभावित हो सकते हैं। इसके साथ नर्सिंग कालेज, पैरामेडिकल संस्थान के छात्र-छात्राओं को भी इस बारे में जागरूक करने की जरुरत है।
निश्चेतना विभाग में प्रोफेसर डा सारिका कटियार ने बताया कि अस्पताल में होने वाली कुल मौतों में लगभग 40-50 प्रतिशत का कारण सेप्सिस ही होता है। इस बीमारी से जिन लोगों की जान बच जाती है, उनको इससे संबंधित कई अन्य जटिलताएं घेर लेती हैं, इसलिए इस बीमारी की रोकथाम करना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि अगर डाक्टर और अस्पताल स्टाफ कुछ बातों का ध्यान रखे तो ऐसा किया जा सकता है। जैसे अच्छी तरह हाथ साफ करना। घावों का तुरंत उपचार करना, उन्हें साफ रखना और ठीक होने तक उन्हें ढककर रखना आवश्यक है। नियमित समय पर बताए गए टीके लगवाना भी ज़रूरी है। वार्ड में भर्ती एक मरीज से दूसरे मरीज तक संक्रमण न पहुंच पाए, इसके लिए भी विशेष प्रयास करना चाहिए। कार्यक्रम में बीएमएचआरसी के वरिष्ठ चिकित्सकों द्वारा इस बात पर चर्चा की गई कि अस्पताल में सेप्सिस की रोकथाम के लिए क्या—क्या प्रयास किए जा सकते हैं। सत्र के दौरान निश्चेतना विभाग व पैरामेडिकल संस्थान के विद्यार्थियों ने एक नाटक का मंचन भी किया। कार्यक्रम में बीएमएचआरसी के कई वरिष्ठ चिकित्सक उपस्थित थे।
क्या होता है सेप्सिस
सेप्सिस एक ऐसी गंभीर स्थिति है, जब हमारे शरीर का इम्यून सिस्टम किसी संक्रमण पर खतरनाक प्रतिक्रिया देता है। इस प्रतिक्रिया के परिणामस्वरूप शरीर के अंगों और टिशु को नुकसान पहुंचने लगता है और शरीर के कई अंग काम करना बंद कर देते हैं, जिससे मरीज की मृत्यु तक हो जाती है।