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जन्माष्टमी पर इस्‍कान मंदिर में होगी फूलों की होली, रायपुर के थाने में कृष्ण जन्म का मंचन

रायपुर। इस साल अष्टमी तिथि दो दिन होने से दो दिनों तक जन्माष्टमी का उल्लास छाएगा। राजधानी में सबसे खास आकर्षण टाटीबंध स्थित इस्कान मंदिर की जन्माष्टमी का रहेगा। यहां तीन दिवसीय जन्माष्टमी पर्व छह से आठ सितंबर तक मनाया जाएगा।

जन्‍माष्‍टमी पर इस्कान मंदिर में फूलों की होली

इस्कान मंदिर के अध्यक्ष एचएच सिद्धार्थ स्वामी एवं महोत्सव समिति के चेयरमैन शुभम सिंघल ने बताया कि इस्कान मंदिर टाटीबंध में मुख्य आकर्षण मल्लिका एवं महक मल्होत्रा की कृष्ण रासलीला का मंचन और फूलों की होली का रहेगा। मुंबई के 19 कलाकार प्रस्तुति देंगे। राधा-कृष्ण के श्रृंगार के लिए पोशाक और आभूषण वृंदावन एवं मुंबई से तथा मंदिर की सजावट कोलकाता से मंगाए गए फूलों से की जाएगी।

मंदिर ट्रस्ट के नेतृत्व में इस्कान परिवार से जोड़ने का अभियान सात सितंबर से प्रारंभ किया जाएगा। एक वर्ष में 11 हजार परिवारों को जोड़ने का लक्ष्य है। मंदिर के समन्वय समिति में सुलोचन प्रभु, अमित अग्रवाल, पवन सचदेवा, राजेश किंगर, दिलीप केडिया, राजेंद्र पारख को जिम्मेदारी दी गई है। पहले दिन छह सितंबर को दोपहर 3 बजे से बाल महोत्सव, फैंसी ड्रेस प्रतियोगिता एवं भक्ति नृत्य प्रतियोगिता होगी। शाम 6:30 बजे से राजनांदगांव के निखिल श्याम भजनों की प्रस्तुति देंगे।

कोतवाली थाने में कृष्ण जन्म का मंचन

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी उत्सव समिति के माधवलाल यादव ने बताया कि सदरबाजार स्थित कोतवाली थाने में आधी रात को श्रीकृष्ण जन्म का मंचन किया जाएगा। लाकअप के भीतर से आधी रात को वासुदेव श्रीकृष्ण के जन्म लेते ही प्रतिरूप को टोकरी में रखकर सिर पर थामकर गोपाल मंदिर पहुंचेंगे। इसके अलावा समता कालोनी के खाटू श्याम मंदिर, जवाहर नगर के राधा-कृष्ण मंदिर, बूढ़ापारा में गोकुल चंद्रमा मंदिर समेत विविध मोहल्लों में जन्माष्टमी का उल्लास छाएगा।

कान्हा का झूला, पोशाक, लड्डू गोपाल की खरीदारी

सदरबाजार गोपाल मंदिर के समीप और गोल बाजार में कान्हा को सजाने के लिए झूला, पोशाक और लड्डू गोपाल की प्रतिमा खरीदने भीड़ लगी रही। मयूर पंख से सजे झूलों को महिलाओं ने विशेष रूप से पसंद किया।

जन्माष्टमी पर शुष्क दिवस घोषित

राज्य शासन ने श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर सात सितंबर को सम्पूर्ण छत्तीसगढ़ राज्य के लिए ‘शुष्क दिवस‘ घोषित किया गया है। इस दौरान प्रदेश में स्थित समस्त देशी-विदेशी मदिरा की फुटकर दुकानें, होटल, बार, क्लब, भांग एवं भांग घोटा की फुटकर दुकानें बंद रहेंगी। इस अवधि के दौरान मदिरा के व्यक्तिगत भण्डारण एवं गैर लायसेंस प्राप्त परिसरों में मदिरा के भण्डारण पर सख्ती से रोक लगाने, उड़नदस्तों द्वारा अवैध मदिरा के परिवहन एवं विक्रय की रोकथाम तथा दोषियों के विरूद्ध कठोर कार्यवाही करने के निर्देश आबकारी विभाग के अधिकारियों को दिए गए हैं।

समता कालोनी राधा-कृष्ण मंदिर

राधा-कृष्ण मंदिर समता कालोनी के प्रचार प्रभारी सत्येंद्र अग्रवाल ने बताया कि सात सितंबर को जन्माष्टमी उत्सव का शुभारंभ सुबह नौ बजे दुग्ध अभिषेक से होगा। कोलकाता के कारीगरों द्वारा प्रतिमा एवं संपूर्ण मंदिर परिसर का आकर्षक श्रृंगार किया जा रहा है। मंदिर समिति के अध्यक्ष घनश्याम पोद्दार, कोषाध्यक्ष प्रकाश अग्रवाल एवं सचिव रमाशंकर पांडे के नेतृत्व में सुबह नौ बजे से 101 लीटर दूध से भगवान श्रीकृष्ण का अभिषेक किया जाएगा। दोपहर 12 बजे से श्रृंगार किया जाएगा। दूसरे दिन आठ सितंबर को दोपहर एक बजे से रानी सती दादीजी का मंगल पाठ प्रारंभ होगा। शाम को प्रसादी वितरण भंडारा का आयोजन किया गया है।

आज और कल दो जन्‍माष्‍टमी

ज्योतिषाचार्य डा. दत्तात्रेय होस्केरे के अनुसार ‘निर्णयामृत’ और ‘तिथितत्व’ ग्रंथ में कहा गया है कि जन्माष्टमी रोहिणी नक्षत्र युक्त और बिना रोहिणी नक्षत्र वाली हो सकती है। रोहिणी नक्षत्र वाली अष्टमी मध्य रात्रि की हो तो उस दिन स्मार्त यानी शैव, गृहस्थजनों की जन्माष्टमी होती है। इसके दूसरे दिन वैष्णव संप्रदाय, साधु, संत और कृष्ण मंदिरों की जन्माष्टमी होती है।

छह सितंबर को दोपहर 3:37 बजे से अष्टमी तिथि प्रारंभ होगी। रोहिणी नक्षत्र भी प्रात: 9:19 बजे से लग रहा है। छह सितंबर को रात्रि 12 बजे चंद्रमा रोहिणी नक्षत्र में है। सूर्य, बलवान होकर बुधादित्य योग बना रहा है। रात्रि में वज्र, सर्वार्थ सिद्धि, अमृत सिद्धि, रवि योग का संयोग है। यह वैसा ही संयोग है, जैसा कृष्ण जन्म के समय था।

पूजन का शुभ मुहूर्त छह सितंबर की रात-11:57 से 12:42 बजे शंकराचार्य आश्रम के प्रभारी ब्रह्मचारी डा. इंदुभवानंद के अनुसार जन्म जयंती योग में किया गया भगवान श्रीकृष्ण का पूजन तथा व्रत अनंत जन्मों के पापों को नष्ट कर देता है। अतः समस्त स्मार्तों को जो कर्मकाल व्यापिनी तिथि को मानते हैं तथा स्मृतियां और वेदों पर विश्वास करते हैं उन्हें आज बुधवार के दिन ही जन्माष्टमी व्रत मनाना चाहिए। जिन्होंने वैष्णव मंत्र की दीक्षा ले ली है जो परम वैष्णव हैं वे लोग उदयव्यापिनी तिथि के आधार को लेकर गुरुवार को जन्माष्टमी व्रत मनाएंगे।

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