जिम्बाब्वे के पूर्व कप्तान हीथ स्ट्रीक का निधन पत्नी ने सोशल मीडिया पर की पुष्टि

लंबे समय से चल रहा था इलाज
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार दावा हीथ स्ट्रीक, कोलन और लीवर कैंसर से पीड़ित थे और लंबे समय से जोहान्सबर्ग के एक अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। एक सप्ताह पहले ही ये अफवाह उड़ी थी कि स्ट्रीक की मृत्यु हो गई है। हालांकि, उनके पूर्व टीम-साथी हेनरी ओलोंगा, जिन्होंने सबसे पहले उनकी मृत्यु के बारे में पोस्ट किया था, ने यू-टर्न लेते हुए उनकी मृत्यु के दावों को झूठा बताया।
शानदार करियर
1990 के दशक में जिम्बाब्वे क्रिकेट को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने में हीथ स्ट्रीक ने अहम भूमिका निभाई। उन्होंने 1993 से 2005 के बीच जिम्बाब्वे के लिए 189 वनडे और 65 टेस्ट खेले। वह अपने देश के लिए दूसरे सबसे ज्यादा कैप्ड टेस्ट खिलाड़ी थे। स्ट्रीक ने 19 साल की उम्र में भारत में खेले गए हीरो कप के दौरान बेंगलुरु में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ एक रद्द किए गए मैच में अपना अंतरराष्ट्रीय करियर शुरु किया। उन्होंने अपना पहला टेस्ट मैच पाकिस्तान के खिलाफ कराची में खेला था। रावलपिंडी में खेले गये अगले मैच में उन्होंने आठ विकेट लिए।
तीन विश्व कप में हुए शामिल
216 टेस्ट और 239 एकदिवसीय विकेट के साथ, वह जिम्बाब्वे के शीर्ष गेंदबाज थे और 100 से अधिक टेस्ट और 200 एकदिवसीय विकेट लेने वाले जिम्बाब्वे के एकमात्र गेंदबाज थे। वह वनडे में 2000 से अधिक रन बनाने वाले 16 जिम्बाब्वे बल्लेबाजों में से एक थे और 1990 रन के साथ सातवें सबसे ज्यादा टेस्ट रन बनाने वाले खिलाड़ी थे।स्ट्रीक ने जिम्बाब्वे के लिए 1996, 1999 और 2003 विश्व कप खेला। वह 2000 में जिम्बाब्वे के कप्तान बने।
2021 में आईसीसी भ्रष्टाचार निरोधक संहिता के उल्लंघन के पांच आरोपों को स्वीकार करने के बाद उन पर 8 सालों के लिए सभी प्रकार के क्रिकेट पर प्रतिबंध लगा दिया गया।