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मध्यप्रदेश

नल जल योजना में पिछड़ा इंदौर, 150 गांवों में अब भी काम अधूरा

इंदाैर। स्वच्छता में देश का नंबर वन शहर इंदौर, जो वाटर प्लस सहित 6 श्रेणियों में भी देश में नंबर एक और दो की रैंकिंग हासिल कर स्मार्ट सिटी में भी नंबर वन का ताज पहन चुका है। वहां नल जल योजना का काम पिछड़ने लगा है। बुरहानपुर जैसे छोटे से जिले से भी इंदौर पीछे है। इंदाैर जिले के 567 गांवों के प्रत्येक घर में जून तक नल के माध्यम से पानी पहुंचाया जाना था, लेकिन अब तक जिले के 417 गांवों में नल जल योजना के तहत घरों में पानी पहुंच रहा है। 150 गांवों में अभी भी योजना का क्रियान्वयन पूरा नहीं हो सका है।

इंदौर जिला हमेशा केंद्र और प्रदेश सरकार की योजना की लक्ष्य पूर्ती में अव्वल रहा है, लेकिन केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी जल जीवन योजना का शत प्रतिशत क्रियान्वयन अब तक नहीं हो सका है। इंदौर जिले में 2020 में नल जल योजना की शुरुआत की गई थी। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी (पीएचई) विभाग द्वारा जिले के 567 गांवों का चयन किया गया। जून 2023 तक सभी गांवों में नल से जल पहुंचाने का लक्ष्य रखा था। इसके बाद भी अभी तक जिले के 417 गांवों में योजना पूरी हो सकी है।

110 गांवों में चल रहा ट्रायल

जिले की जिन 417 पंचायतों में योजना पूरी हो चुकी है। उनमें से 307 गांवों में योजना को पंचायत को सौंप दिया गया है। 110 गांवों में पीएचई द्वारा ट्रायल किया जा रहा है। तीन माह ट्रायल के बाद योजना के संचालन का जिम्मा पंचायत को सौंप दिया जाएगा।

13 पंचायतों में टंकिया बाकी

जिले में एक हजार से अधिक जनसंख्या वाले गांवों में पानी की सप्लाई टंकी से और कम संख्या वाले गांवों में संपवेल से सप्लाई होना है। टंकी से सप्लाई के लिए 237 गांवों का चयन किया गया था। अब तक 223 गांवों में टंकी का निर्माण पूरा हो चुका है।13 गांवों में टंकी का निर्माण कार्य जारी है। जिले में 479 संपवेल में से 475 तैयार हो चुके है।

371 गांवों में स्वचालित व्यवस्था

इंदौर जिले के 371 गांवों में स्वचालित व्यवस्था से घरों में नल से पानी की आपूर्ति शुरू की गई है। इसमें मोटर चालू और बंद करने की आवश्यकता नहीं होती है। इस व्यवस्था में टंकी खाली होने पर संपवेल का मोटर पंप और संपवेल खाली होने पर ट्यूबवेल का मोटर पंप आटोमेटिक चालू हो जाता है और भरने पर आटोमेटिक रूप से मोटर बंद हो जाते है। इससे पानी भी व्यर्थ नहीं बहता। मोबाइल एप से इसकी मानिटरिंग भी पीएचई विभाग द्वारा की जाती है।

कई ठेकेदार काम नहीं कर रहे थे, इसलिए दौबारा टेंडरिंग की प्रक्रिया करनी पड़ी। ऐसे में कई गांवों में नलजल योजना का काम प्रभावित हुआ है। जल्द ही योजना को पूरा कर लिया जाएगा। -वंदना शर्मा, सीईओ जिला पंचायत इंदौर

जिले में 417 गांवों योजना का क्रियान्वयन पूरा कर दिया है। दिसंबर तक बचे हुए 150 गांवों में योजना को पूरा कर दिया जाएगा। 371 गांवाें में स्वचालित प्रणाली भी लगाई जा चुकी है। -सुनिल उदिया, कार्यपालन यंत्री, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी (पीएचई) विभाग

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