सीआरएस कल करेंगे रायरू-सुमावली ब्राडगेज ट्रैक का निरीक्षण

ग्वालियर। ग्वालियर-श्योपुर ब्राडगेज परियोजना के अंतर्गत रायरू से सुमावली तक तैयार किए गए 22 किमी लंबे ट्रैक का कल मुख्य संरक्षा आयुक्त (सीआरएस) निरीक्षण करेंगे। यह ट्रैक बनकर तैयार हो गया है और आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए इस पर ट्रेन दौड़ाने की तैयारी की जा रही है। ऐसे में सीआरएस इस ट्रैक की गुणवत्ता जांचने के साथ ही रायरू से सुमावली के बीच पड़ने वाले पुलों का भी निरीक्षण करेंगे।तय कार्यक्रम के अनुसार सोमवार 28 अगस्त को सीआरएस सुबह 8:30 बजे ग्वालियर आएंगे। यहां से नौ बजे वे रायरू के लिए रवाना होंगे। वहां से ट्राली निरीक्षण कर पटरियों के साथ ही रायरू से सुमावली के बीच पड़ने वाले स्टेशनों को देखा जाएगा।
अभी तक 22 किमी लंबाई का ब्राडगेज ट्रैक बनकर तैयार
रायरू से सुमावली तक 22 किमी लंबाई का ब्राडगेज ट्रैक बनकर तैयार हो चुका है। इसमें अर्थवर्क झांसी की घनाराम कंपनी ने तैयार किया है। अर्थ वर्क के ऊपर बड़ी रेल लाइन बिछाने का काम पुणे की आईएससी कंपनी ने किया है। पहले चरण के निर्माण कार्यों में रायरू से सुमावली के बीच तीन बड़े पुल भी पुणे की कंपनी ने तैयार किए हैं। 22 छोटे पुलों से लेकर पांच अंडर ब्रिज व तीन फाटक भी आईएससी कंपनी ने बनाए हैं। उल्लेखनीय है कि ग्वालियर से श्योपुर तक 199 किलोमीटर लंबी नैरोगेज लाइन की जगह 3000 करोड़ रुपए में ब्राडगेज लाइन बिछाई जा रही है। इस लाइन का काम तीन चरणों में होगा। पहला चरण बिरला नगर से सबलगढ़ तक। दूसरा चरण सबलगढ़ से श्यामपुर और फिर तीसरे चरण में श्यामपुर से श्योपुर तक बड़ी रेल चलाई जाएगी। फिलहाल बिरला नगर से सुमावली तक के ट्रैक का काम लगभग पूरा हो चुका है। इसमें से बिरला नगर से बानमोर तक 10 किलोमीटर के हिस्से में प्रयोग के तौर पर ट्रायल भी हो चुका है। अगर सब कुछ ठीक रहता है तो अगले माह से ही मेन लाइन मल्टीपल इलेक्ट्रिक यूनिट (मेमू) ट्रेन इस रेल मार्ग पर यात्रियों के लिए चलाई जा सकती है। यह मेट्रो ट्रेन की तरह होती है, जो ट्रेन के दोनों छोर से इंजन की तरह चलती है।