‘दिल्ली सेवा बिल से दिल्लीवासियों का लोकतांत्रिक हक छीना गया’, मोदी सरकार पर जमकर बरसे केजरीवाल

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को विधानसभा में दिल्ली सेवा बिल को लेकर मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा। केजरीवाल ने कहा कि दिल्लीवासियों का लोकतांत्रिक हक छीना गया है। उन्होंने कहा कि तंत्र चुनी हुई सरकार को तहस-नहस करने में जुटा है। दिल्ली सेवा बिल पास होना अलोकतांत्रिक है।
बताते चलें कि हाल ही में ट्रांसफर पोस्टिंग को लेकर केंद्र सरकार संसद में दिल्ली सेवा बिल लेकर आई थी। यह बिल दोनों सदनों से पास हो चुका है। राष्ट्रपति की मुहर लग चुकी है और अब यह कानून बन गया है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने मई में पांच जजों की संवैधानिक पीठ ने दिल्ली सरकार को ट्रांसफर पोस्टिंग के अधिकार दिए थे। जिसे बाद में केंद्र सरकार द्वारा अध्यादेश लाकर पलट दिया गया।
सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल सरकार के पक्ष में सुनाया फैसला
केजरीवाल की याचिका पर मई में सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया। चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली 5 जजों की संविधान पीठ ने माना दिल्ली (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र ) में विधायी शक्तियों के बाहर के क्षेत्रों को छोड़कर सेवाओं और प्रशासन से जुड़े सभी अधिकार चुनी हुई सरकार के पास होंगे। हालांकि, पुलिस, पब्लिक आर्डर और लैंड का अधिकार केंद्र के पास ही रहेगा। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा, ”अधिकारियों की तैनाती और तबादले का अधिकार दिल्ली सरकार के पास होगा। चुनी हुई सरकार के पास प्रशासनिक सेवा का अधिकार होगा। उपराज्यपाल को सरकार की सलाह माननी होगी।’
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ केंद्र लाई थी अध्यादेश
केंद्र की ओर से सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को बदलने के लिए 19 मई को जो अध्यादेश लाया गया था। इसमें राष्ट्रीय राजधानी सिविल सेवा प्राधिकरण (एनसीसीएसए) बनाने को कहा गया था। इसमें कहा गया था कि ग्रुप-ए के अफसरों के ट्रांसफर और उनपर अनुशासनिक कार्रवाही का जिम्मा इसी प्राधिकरण को दिया गया। अब इस अध्यादेश को कानूनी रूप देने के लिए सदन में विधेयक पेश किया गया है। यह लोकसभा से पास हो गया है। अब राज्यसभा में बिल पर वोटिंग होगी।