सूख रही फसलाें पर बरसा मानसून का अमृत किसानों को राहत

सिवनी। सिवनी मुख्यालय समेत जिले में करीब एक पखवाड़े बाद सूख रही फसलों पर मानसून की अमृत वर्षा होने से मक्का, धान को संजीवनी मिल गई है। गुरुवार देर रात से तेज वर्षा का क्रम शुक्रवार शाम तक चलता रहा। इससे किसानाें को बड़ी राहत मिली है क्योंकि वर्षा थमने के कारण मक्का फसल में इल्ली फाल आर्मी वर्म कीट का प्रकोप देखा जा रहा था। बीते 24 घंटे के दौरान हुई अच्छी वर्षा खेतों में सूख रही फसलों में फिर से ताजगी आ गई है।
सिवनी में सबसे ज्यादा लखनादौन में वर्षा
बीते 24 घंटे से हो रही वर्षा के साथ ही मौसम में ठंडक घुल गई है। सबसे ज्यादा 6 इंच से ज्यादा वर्षा लखनादौन विकासखंड में दर्ज की गई है। जिला मुख्यालय के अलावा छपारा, घंसौर, केवलारी, धनौरा में भी दो इंच से अधिक वर्षा दर्ज की गई है। बरघाट व कुरई में एक-एक इंच वर्षा हुई है, जो धान के लिए पर्याप्त नहीं है। लखनादौन नगर सहित ग्रामीण इलाकों के निचले हिस्सों में कहीं-कहीं जलभराव के कारण लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ा। ग्रामीण क्षेत्रों के रपटे व छोटे पुल उफान पर आ गए। हालांकि इससे कहीं भी आवागमन प्रभावित होने की खबर नहीं है।
देर रात से शुरू हुई वर्षा
वर्षा के कारण शुक्रवार को स्कूलों में बच्चों की संख्या कम रही। कई बच्चे छाता लेकर स्कूल जाते नजर आए। शुक्रवार दोपहर तक वर्षा होने से सड़कें व मुख्य बाजार भी सूना नजर आया। जरूरी काम होने पर ही लोग घरों से बाहर निकले। वर्षा से मौसम ठंडा होने के कारण लोगों को गर्मी व उमस से राहत मिली। करीब दो लाख हेक्टेयर रकबे में धान लगाई गई है। डेढ़ लाख हेक्टेयर से ज्यादा रकबे में मक्का, एक हजार हेक्टेयर में ज्वार, कोदो कुटकी पांच हजार हेक्टेयर में लगाया गया है। तुअर 23.5 हजार हेक्टेयर, उड़द 12.5 हजार हेक्टेयर, मूंग 5.4 हजार हेक्टेयर, सोयाबीन का रकबा 25 हजार हेक्टेयर, मूंगफली 18.5 हजार हेक्टेयर, तिल तीन हजर हेक्टेयर व रामतिल दो हजार हेक्टेयर में लगाया गया है।
मक्का व धान को फायदा
एक पखवाड़े बाद हुई वर्षा से मक्का, धान, सोयाबीन समेत अन्य सभी फसलों को फायदा मिलेगा। मानसून की वर्षा थमने के कारण मक्का में जीवाणु तना सड़न रोग व इल्लियों का प्रकोप देखा जा रहा था। वहीं धान की फसल में भी ब्लास्टर रोग व जीवाणु पत्ती झुलसा रोग फैल रहा था। कृषि विज्ञानियों का कहना है कि अच्छी वर्षा व कीटनाशक के छिड़काव से फसलों फैल रहे रोगों को नियंत्रित करने में किसानों को मदद मिलेगी। उत्पादन प्रभावित नहीं होगा। कृषि विज्ञान केंद्र के प्रमुख डा. एनके सिंह ने बताया कि गुरूवार-शुक्रवार को हुई वर्षा से सभी फसलों को फायदा मिलेगा। शनिवार को भी जिले के कई हिस्सों में झमाझम वर्षा की संभावना है। यदि लगातार तेज वर्षा होती है तो धान की फसल को तो लाभ मिलेगा लेकिन मक्का, सोयाबीन व सब्जियों की फसल को नुकसान हो सकता है। खेतों में वर्षा का पानी भरने से मक्का में तना सड़न का रोग फैल सकता है। डा. सिंह ने बताया है कि कृषि विज्ञान केंद्र में किसानों के लिए फसल ओपीडी संचालित की जा रही है। यहां पौधा लेकर आने वाले किसानों के पौधों की जांच कर तुरंत दबाएं बताई जा रही हैं।
जिले में पांच इंच कम औसत वर्षा
जिले में एक जून से 18 अगस्त तक 894.7 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गई है।विगत वर्ष इस अवधि तक 1020.9 मिमी वर्षा दर्ज की गई थी। पिछले साल की तुलना में जिले में 126.2 मिमी अर्थात पांच इंच कम औसत वर्षा अभी तक हुई है। हालाकि लखनादौन और धनौरा विकासखंड में पिछले साल के मुकाबले ज्यादा औसत वर्षा हो चुकी है। लखनादौन विकासखंड में 1328.8 मिमी औसत वर्षा अब तक हो चुकी है, जो पिछले साल से 414.4 मिमी ज्यादा है। वहीं धनौरा में 939.5 मिमी औसत वर्षा रिकार्ड की जा चुकी है, जो 97.5 मिमी ज्यादा है। विकासखंडवार वर्षा की प्राप्त जानकारी के अनुसार शुक्रवार सुबह आठ बजे तक सिवनी में 826.9 मिमी, कुरई में 682.0 मिमी, बरघाट में 916.0 मिमी, केवलारी में 717 मिमी, छपारा में 826 मिमी, लखनादौन में 1328.5 मिमी, धनौरा में 939.5 मिमी व घंसौर में 923 मिमी वर्षा, इस प्रकार कुल 7158 मिमी वर्षा दर्ज की गई है।
इनका कहना है…
जिले में अच्छी वर्षा का दौर जारी है, वर्षा से कहीं नुकसानी की जानकारी अभी तक सामने नहीं आई है।-शनिपाल शाह परतेती, भू अभिलेख अधीक्षक सिवनी