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मध्यप्रदेश

पशुओं की बीमारी का इलाज तलाशने रूस जाएंगे वेटरनरी विश्वविद्यालय के विज्ञानी

जबलपुर। वेटरनरी क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शोध और अध्ययन करने नानाजी देशमुख पशुचिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय ने पहल की है। विश्वविद्यालय ने रूस के केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के साथ एमओयू (मेमोरेंडम आफ अंडरस्टैंडिंग) साइन किया है। इसकी मदद से दोनों ही विवि पशुओं की बीमारियों का इलाज तलाशने, नई प्रजातियों को विकसित करने में एक-दूसरे की मदद करेंगे।

पहली बार विवि ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर किया समझौता

इस समझौते के बाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय रूस के विज्ञानी और विद्यार्थी, जबलपुर आकर वेटरनरी विवि के शोध कार्य में मदद करेंगे। वहीं रूस में किए गए पशु से जुड़े शोध और उसके परिणाम की मदद से वेटरनरी विवि के शोध को आगे बढ़ाने में मदद करेंगे। दरअसल वेटरनरी विवि जबलपुर ने पहली बार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शोध कार्य करने के लिए एमओयू साइन किया है, जिसके बाद विवि के विज्ञानी और विद्यार्थियों को रूस जाकर शोध करने का रास्ता साफ हो गया है।

रूस के शोध, देश के लिए मददगार

रूस के नोबोसिबिस्रक केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय को वेटरनरी क्षेत्र में खासतौर पर बायोटेक्नाेलाजी, पोल्ट्री, क्लीनिक ओर ब्रीडिंग में महारत हासिल है। रूस के पास बायोटेक्नोलाजी के क्षेत्र में शोध करने के लिए आधुनिक मशीनें और बेहतर तकनीक है। वहीं जबलपुर विवि के पास भ्रूण प्रत्यारोपण और पोल्ट्री क्षेत्र में अच्छी अनुभव है। दोनों विवि यही अनुभव बांटेंगे। समझौते के बाद रूस के चार विज्ञानिक और चार विद्यार्थी, जबलपुर वेटरनरी विवि आएंगे और यहां पर रूककर शोध कार्य करेंगे। वहीं इस विवि के चार विज्ञानिक और विद्यार्थी रूस जाएंगे और वहां पर अपने शाेध को आगे बढ़ाएंगे। इसके होने वाले खर्च का वजन दोनों विवि मिलकर करेंगे।

45 दिन तक रहेंगे जबलपुर में

रूस के पशु विज्ञानिक जबलपुर आने के बाद वे सभी विभाग और लैब में जाकर अपने शोध कार्य को आगे बढ़ाएंगे। इसके लिए वे यहां पर लगभग 45 दिन रहेंगे। समझौते के तहत इनके रहने और खाने की व्यवस्था विवि को ही करना होगी। वहीं इनके आने-जाने की व्यवस्था रूस करेगा। इधर रूस जाने वाले विज्ञानिक और विद्यार्थी के रहने-खाने की व्यवस्था रूस करेंगे और आने-जाने का खर्च जबलपुर वेटरनरी विवि उठाएगा। इधर रूस जाने वालों का चयन उनकी योग्यता, अनुसंधान और बोर्ड सदस्यों की सहमति से होगा। यह समझौते इस साल के अंत से कारगर होगा। इसके लिए विवि ने शोध विभाग ने तैयारी कर ली है।

समझौते के बाद यह होगा असर

रूस के साथ किए गए समझौते के बाद वेटरनरी क्षेत्र में मध्यप्रदेश ही नहीं बल्कि देशभर में चल रहे शोध कार्य में गुणवत्ता बढ़ेगी। रूस की आधुनिक मशीनों की मदद से पशुओं की बीमारियों को तलाशने और उसकी इलाज तैयार करने में मदद मिलेगी। विवि जबलपुर के पीएचडी के विद्यार्थियों को अपने शोध को विस्तार देने के लिए रूस जाने और वहां के हालाताें का अध्ययन कर शोध में शामिल करने का अवसर मिलेगा। इधर वेटरनरी विज्ञानियों को शोध के विस्तार और रूस में चल रहे शोध को यहां के शोध से जोड़ने का अवसर मिलेगा।-प्रो.एसपी तिवारी, कुलपति, नानाजी देशमुख पशुचिकित्सा विज्ञान विवि जबलपुर

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