मध्य प्रदेश वनों की कटाई में भी नंबर वन-राज्य सभा सदस्य तन्खा

जबलपुर। मध्य पदेश में अपराध कुपोषण और बेरोजगारी के साथ ही जंगलों की कटाई भी तेजी से बढ़ी है। इस मामले में भी प्रदेश नंबर वन पर आ चुका है। एक ट्वीट के माध्यम से यह कहना है राज्यसभा सदस्य विवेक तन्खा का। वे राज्यसभा में पूछे गए एक सवाल के जवाल में सरकार की ओर से प्रस्तुत जवाब के आधार पर बोल रहे थे।
केंद्रीय पर्यावरण राज्यमंत्री के जवाब पर कहा
केंद्र सरकार के आंकड़ों को आधार बनाकर राज्यसभा सदस्य विवेक तन्खा ने कहा कि अपराध, बेरोजगारी और कुपोषण के बाद अब जंगलों की कटाई में भी मध्यप्रदेश देश में नंबर वन हो चुका है। राज्यसभा में उनके सवाल पर केन्द्रीय पर्यावरण एवं वन राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने जो जानकारी पेश की- वो चौंकाने वाली है। राज्यसभा सांसद ने केंद्रीय पर्यावरण राज्यमंत्री के जवाब के आधार पर बताया कि पिछले पांच वर्षों के दौरान देश भर में 90 हज़ार हैक्टेयर क्षेत्र में जंगल काटे गए। जिसमें सबसे ज्यादा रकबा मध्य प्रदेश से है। यहां 19 हजार 730 हैक्टेयर वन क्षेत्र को नुकसान पहुुंचाया गया है।
राज्यसभा में उठाया सवाल
सरकार के अनुसार सूची में मध्यप्रदेश के बाद उड़ीसा, गुजरात, अरुणाचल प्रदेश और उत्तरप्रदेश का नंबर आता है। इन राज्यों में भी बड़े पैमाने पर डीफारेस्टेशन हुआ है। कांग्रेस के राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने राज्यसभा में सवाल पूछा था कि वर्ष 2018 से 2023 के बीच यानि बीते पांच वर्षों के दरमियान विकास कार्यों के नाम पर कितना डीफारेस्टेशन हुआ है। इसी के जवाब में केन्द्रीय पर्यावरण एवं वन राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने राज्यवार जानकारी पेश की है जिसमें वनों की कटाई में एमपी देश में पहले नंबर पर है।
जवाब को किया ट्वीट
राज्यसभा से मिले आंकड़ों को विवेक तन्खा ने सार्वजनिक करते हुए यह ट्वीट किया कि- ‘अपराध, कुपोषण, बेरोजगारी के बाद वनों के विनाश में भी एमपी नंबर वन है।’ विवेक तन्खा ने कहा कि ये आंकड़े एमपी में भाजपा सरकार का कुशासन दिखा रहे हैं।