ब्रेकिंग
PCC चीफ ने कहा, DGP का आदेश खाकी वर्दी का अपमान सांसद-विधायक को सैल्यूट करेगें पुलिस कर्मी, ये लोकतं... सीएम बोले- पाकिस्तानी नागरिकों को एमपी से जल्द बाहर करें: पुलिस अधिकारियों को अभियान चलाने के निर्दे... मंदसौर में तेज़ रफ़्तार कार कुऐ में गिरी 6 लोगों की मौत केंद्र सरकार का एक और सख्त फैसला, पाकिस्तानी हिंदुओं की चारधाम यात्रा पर रोक कथावाचक पं. प्रदीप मिश्रा ने अमित शाह को बताया शिव अवतार, बयान पर मचा बवाल, कांग्रेस-बीजेपी आमने-साम... केंद्र सरकार का बड़ा ऐलान: पाकिस्तानी हिन्दु , सिखो का वीजा रद्द नहीं होगा नवविवाहिता के साथ रेप कर हत्या, कमरे में निवस्त्र मिली लाश, जेठ पर आरोप कमरे में निवस्त्र मिली लाश,... पहलगाम हमले के बाद अमरनाथ यात्रा पर खतरा मंडराया, सुप्रीम कोर्ट में पीआईएल दाखिल मध्यप्रदेश में एक मई से होगे ट्रांसफर मुख्यमंत्री ने शिक्षण सत्र खत्म होने के बाद बताया तबादलों का क... लखनऊ में भीषण आग, 65 झोपडिय़ां जलीं, रुक-रुककर फटते रहे सिलेंडर, 6 घंटे में काबू पाया
मध्यप्रदेश

दुर्घटना में हुई थी निजी कंपनी के कर्मचारी की मृत्यु कोर्ट ने दिलवाए 39 लाख रुपये

इंदौर। सड़क हादसे में जान गंवाने वाले निजी कंपनी के कर्मचारी के स्वजन को इंदौर जिला न्यायालय ने 39 लाख रुपये बतौर मुआवजा दिलवाए। बीमा कंपनी ने यह कहते हुए अपनी जिम्मेदारी से बचने की कोशिश की थी कि वेतन पर्ची प्रस्तुत नहीं की गई है। कोर्ट ने कहा कि वेतन एनइएफटी (नेशनल इलेक्ट्रानिक फंड्स ट्रांसफर) से दिया जाता था, इसलिए अलग से वेतन पर्ची की आवश्यकता नहीं।

निजी कंपनी के कर्मचारी पैडमी निवासी गुलाब सिंह की एक जनवरी 2019 को हुए हादसे में मृत्यु हो गई थी। वे पीपल्याहाना चौराहे से गुजर रहे थे कि ट्रक एमपी 09 एचजी 9577 के चालक ने उन्हें जोरदार टक्कर मार दी। मृतक की पत्नी, पुत्र और माता-पिता ने एडवोकेट किशोर गुप्ता के माध्यम से ट्रक का बीमा करने वाली बीमा कंपनी के विरुद्ध मुआवजे का प्रकरण पेश किया।

बीमा कंपनी ने कहा- वेतन पर्ची पेश नहीं की

तर्क रखा कि गुलाब सिंह परिवार के इकलौते कमाने वाले थे। उन्हें 18500 रुपये मासिक वेतन मिलता था। इस वेतन का भुगतान कंपनी एनइएफटी के माध्यम से करती थी। बीमा कंपनी की ओर से तर्क रखा गया कि वेतन सिद्ध करने के लिए वेतन पर्ची पेश करना होती है, लेकिन प्रकरण में वेतन पर्ची पेश नहीं हुई है।

दो माह में करना होगा मुआवजे का भुगतान

न्यायालय ने परिवादी की ओर से प्रस्तुत तर्क से सहमत होते हुए बीमा कंपनी को आदेश दिया कि वह मृतक के स्वजन को 39 लाख 38 हजार रुपये का भुगतान करे। इस राशि पर छह प्रतिशत की दर से ब्याज भी देना होगा। मुआवजे का भुगतान दो माह में नहीं किया गया तो ब्याज की दर नौ प्रतिशत हो जाएगी।

Related Articles

Back to top button