वायरल फीवर और सर्दी-खांसी के मरीज बढ़े बच्चे भी हो रहे संक्रमण का शिकार

इटारसी। मौसम में हर दिन हो रहे बदलाव का असर लोगों की सेहत पर पड़ रहा है। पिछले एक पखवाड़े से मानसून सीजन में वर्षा के साथ कभी मौसम खुलने और तापमान में उतार-चढ़ाव बना हुआ है। वातावरण में उमस और गर्मी भी महसूस हो रही है, इस वजह से मौसमी बीमारियों ने पैर पसारना शुरू कर दिया है।
सरकारी अस्पताल के बाह्य रोगी विभाग में मरीजों का आंकड़ा 500 के पार हो गया है, इसके अलावा निजी अस्पतालों में भी मरीजों की कतार लगी हुई है। डॉक्टरों ने कहा कि इस साल जुलाई माह का आधा पखवाड़ा बीतने के बावजूद औसत वर्षा कम हुई है। मौसम में बार-बार बदलाव के कारण बीमारियां फैल रही हैं।
खानपान में रखें सावधानी
डॉक्टरों ने कहा कि इस मौसम में मक्खी-मच्छरों का प्रकोप भी बढ़ रहा है, वर्षा की वजह से आसपास गंदगी भी बढ़ रही है, कई जगह गंदे मटमैले पानी की शिकायत भी है, ऐसे में संतुलित आहार लेना और बाहरी खुले खाद्य पदार्थो के सेवन से बचना जरूरी है। बाजार में खुले में बिकने वाली चाट-फुल्की और तले हुए व्यंजनों का सेवन करना बीमारी की वजह बन सकता है।
इस मौसम में साफ-सफाई का विशेष ख्याल रखना जरूरी होता है। कुछ भी खाने-पीने से पहले अपने हाथों को साबुन से धोना जरूरी है। खानपान में की गई लापरवाही से पेट संबंधी बीमारियों का खतरा बना रहता है।
अस्पताल अधीक्षक डा. आरके चौधरी ने बताया कि बाह्य रोगी विभाग में पंजीयन की संख्या 500 के करीब पहुंच गई है। इनमें सबसे ज्यादा मामले वायरल फीवर, उल्टी-दस्त सर्दी-खांसी के ज्यादा हैं। 0-5 साल तक के बच्चों को भी मौसमी बीमारियां अपनी चपेट में ले रही हैं। बच्चों को भी सर्दी-खांसी, बुखार, उल्टी-दस्त की शिकायत हो रही है। बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है, इस वजह से वे जल्दी बीमार होते हैं।
बच्चों की बीमारियों के मामले ज्यादा
शिशु रोग विशेषज्ञ डा. विवेकचरण दुबे ने बताया कि बच्चों की बीमारियों के मामले ज्यादा आ रहे हैं। जब तक लगातार वर्षा नहीं होगी, तब तक वातावरण में आर्द्रता बनी रहेगी। इस वजह से मौसमी बीमारियों के फैलने की आशंका रहती है।
नपा नहीं कर रही छिड़काव
वर्षा के बाद शहर के कई वार्डों में जगह-जगह गंदे पानी के डबरे और खुले मैदान गंदगी से पटे हुए हैं। यहां नगर पालिका कीटनाशक दवाओं का छिड़काव नहीं कर रही है। आसपास मवेशियों का विचरण होता है, इससे संक्रमण का खतरा ज्यादा रहता है।
क्रोसेलिक पावडर का छिड़काव करने को कहा
पार्षदों का कहना है कि शिकायत की गई है, स्वास्थ्य विभाग से क्रोसेलिक पावडर का छिड़काव और पानी से भरे स्थानों पर डीडीटी या ऑइल डालने को कहा है।
मरीजों को लोगों के संपर्क बचना चाहिए
मौसमी बदलाव के दौर में बीमारियों के संक्रमण का खतरा ज्यादा रहता है। खासकर बुजुर्गों और बच्चों को संक्रमण जल्दी होता है, इस सीजन में खानपान का ध्यान रखना चाहिए। अपने आसपास साफ-सफाई का ख्याल रखना चाहिए। उल्टी-दस्त होने पर तत्काल इलाज लेना चाहिए। बुखार-सर्दी-खांसी के मरीजों को परिवार के दूसरे लोगों के संपर्क में आने से बचना चाहिए, वायरल फीवर के मामले आगे ओर बढ़ सकते हैं।
डा. केएल जैसवानी, वरिष्ठ चिकित्सक