ब्रेकिंग
केंद्र सरकार कराऐगी जाति जनगणना PCC चीफ ने कहा, DGP का आदेश खाकी वर्दी का अपमान सांसद-विधायक को सैल्यूट करेगें पुलिस कर्मी, ये लोकतं... सीएम बोले- पाकिस्तानी नागरिकों को एमपी से जल्द बाहर करें: पुलिस अधिकारियों को अभियान चलाने के निर्दे... मंदसौर में तेज़ रफ़्तार कार कुऐ में गिरी 6 लोगों की मौत केंद्र सरकार का एक और सख्त फैसला, पाकिस्तानी हिंदुओं की चारधाम यात्रा पर रोक कथावाचक पं. प्रदीप मिश्रा ने अमित शाह को बताया शिव अवतार, बयान पर मचा बवाल, कांग्रेस-बीजेपी आमने-साम... केंद्र सरकार का बड़ा ऐलान: पाकिस्तानी हिन्दु , सिखो का वीजा रद्द नहीं होगा नवविवाहिता के साथ रेप कर हत्या, कमरे में निवस्त्र मिली लाश, जेठ पर आरोप कमरे में निवस्त्र मिली लाश,... पहलगाम हमले के बाद अमरनाथ यात्रा पर खतरा मंडराया, सुप्रीम कोर्ट में पीआईएल दाखिल मध्यप्रदेश में एक मई से होगे ट्रांसफर मुख्यमंत्री ने शिक्षण सत्र खत्म होने के बाद बताया तबादलों का क...
मध्यप्रदेश

निगम भवन शाखा की अब रिश्वतखोरी बनी साख

ग्वालियर। नगर निगम की भवन शाखा की अब रिश्वतखोरी की साख बन गई है। जेडओ और आउटसोर्स कर्मचारी की ओर से भवन निर्माण अनुज्ञा के नाम पर रिश्वत लेने का यह कोई पहला मामला नहीं है, इससे पहले भी निगम में भ्रष्ट अधिकारियों ने कारनामे किए हैं। एक के बाद एक मामले सामने आए, लेकिन जिम्मेदार अफसर भ्रष्टाचार पर लगाम नहीं लगा सके। गुड गर्वेनेंस से लेकर जीरो टालरेंस की बातें तो बहुत दूर,यहां रिश्वतखोरी और लोगों को परेशान करने के मामले आए दिन सामने आते हैं।

इससे पहले वर्ष 2020 में सिटी प्लानर प्रदीप वर्मा पांच लाख रुपये और वर्ष 2021 में जोन 14 के तत्कालीन जेडओ मनीष कन्नोजिया को 50 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए ईओडब्ल्यू ने रंगे हाथों पकड़ा था। पिछले तीन सालों में भवन शाखा से जुड़े कर्मचारियों को ट्रैप करने का यह तीसरा मामला है। यह मामला सामने आने पर नगर निगम आयुक्त हर्ष सिंह ने जोन क्रमांक आठ के जेडओ उत्पल सिंह भदौरिया को निलंबित कर दिया है। जेडओ को जनसंपर्क विभाग में अटैच किया गया है, जबकि आउटसोर्स कर्मचारी विवेक तोमर की सेवाएं वापस आउटसोर्स एजेंसी को लौटा दी गई हैं। आउटसोर्स कर्मचारी कर रहे रिश्वत की रकम की लेनदेन: पिछले तीन सालों में लोकायुक्त और ईओडब्ल्यू द्वारा ट्रैप की छह कार्रवाई की गई हैं। इनमें से तीन में एक बात कामन है। वह यह कि टाइम कीपर या आउटसोर्स कर्मचारियों के माध्यम से रिश्वत की रकम की लेनदेन की जाती है। जेडओ को जब ईओडब्ल्यू ने रंगे हाथों पकड़ा था, तो पता चला कि जेडओ ने रकम लेकर इंदर सिंह के हाथ में दे दी थी। इसी प्रकार कर संग्रहक गोपाल सक्सेना द्वारा नामांकन के एवज में आउटसोर्स कर्मचारी के माध्यम से रिश्वत की रकम ली गई थी।

पिछले तीन साल में ये रिश्वतखोर हुए ट्रैप

– 28 नवंबर 2020 को सिटी प्लानर प्रदीप वर्मा को पांच लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों ईओडब्ल्यू ने पकड़ा था। ये पैसे बिल्डर धर्मेंद्र भारद्वाज के थाटीपुर क्षेत्र में बने डुप्लेक्स को एंटी माफिया अभियान में बचाने के एवज में लिए मांगे गए थे।

-19 मार्च 2021 को जेडओ मनीष कनौजिया और टाइम कीपर इंदर सिंह को 50 हजार रुपये की रिश्वत लेते ईओडब्ल्यू ने पकड़ा था। ये दोनों कोटे की सराय में बने मकानों को तोड़ने की धमकी देकर दो लाख रुपये मांग रहे थे।

– 15 जुलाई 2021 को सफाई दरोगा अशोक को अपने अधीनस्थ सफाई कर्मचारी लक्ष्मण से पांच हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए लोकायुक्त ने पकड़ा था। वह सफाई कर्मचारी का दो माह का वेतन निकालने के एवज में पैसे मांग रहा था।

– 30 दिसंबर 2022 को कर संग्रहक गोपाल सक्सेना और आउटसोर्स कर्मचारी रोहित कुमार को दो हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए लोकायुक्त ने दबोचा। इन्होंने 71 वर्षीय बुजुर्ग भगवान दास पंत के नामांकन के बदले में पैसे मांगे थे।

– 19 फरवरी 2023 को सब इंजीनियर वर्षा मिश्रा को पार्कों के रखरखाव के बिल पास करने के एवज में 15 हजार रुपये की रिश्वत लेते ईओडब्ल्यू ने पकड़ा था।

– चार जुलाई 2023 आउटसोर्स कर्मचारी विवेक तोमर को भवन अनुमति के बदले राकेश सिंह सिकरवार से 10 हजार रुपये की रिश्वत लेते लोकायुक्त पुलिस ने रंगे हाथों पकड़ा। कुल 15 हजार रुपये की डिमांड की रिकार्डिंग में जेडओ के खिलाफ साक्ष्य होने पर आरोपित बनाया गया है।

Related Articles

Back to top button