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मध्यप्रदेश

ग्रामीणों ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर मास्टर प्लान पर दर्ज कराई आपत्ति अवैध कालोनियों से गांवों में होता है जलभराव

भोपाल। जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में कोलार नदी एवं उससे जुड़ने वाले नाले, नदियों के किनारे पिछले कुछ सालों में बड़ी संख्या में अवैध कालोनियां विकसित हो गई हैं। इनकी वजह से आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में वर्षा के दौरान जलभराव होता है। इस वजह से बाढ़ की स्थिति निर्मित हो जाती है और किसानों की फसल भी नष्ट हो जाती है। जिला प्रशासन द्वारा इन अवैध कालोनाइजरों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई जानी चाहिए। यह मांग जनपद पंचायत फंदा की ग्राम पंचायतों के सरपंच सहित सैकड़ों ग्रामीणों ने भोपाल विकास योजना प्रारूप (मास्टर प्लान) 2031 पर सुझाव-आपत्ति दर्ज कराते हुए की है। उन्होंने यहां कलेक्टर आशीष सिंह के नाम एसएलआर दुर्गा पटले को ज्ञापन सौंपा है।

बड़ा तालाब के कैचमेंट से मुक्त किए जाएं गांव

जनपद पंचायत फंदा के अध्यक्ष प्रमोद राजपूत सहित ग्राम पंचायत खजूरी सड़क, टीलाखेड़ी, तुमड़ा, पाटनिया, बकानिया, फंदा, कोढ़िया सहित अन्य गांव के सरपंच, जनपद सदस्य और 100 से अधिक ग्रामीणों ने शुक्रवार दोपहर 12 बजे पैदल मार्च निकाला।उन्होंने मांग की है कि बड़ा तालाब के कैचमेंट से प्रभावित गांवों को कैचमेंट के नाम से मुक्त किया जाए। कैचमेंट के नाम पर जो भी प्रविधान नकारात्मक किए गए हैं, उन्हें हटाया जाए। भोपाल से

फंदा, सीहोर एवं भदभदा से भोपाल से रातीबड़, नीलबड़ मार्ग के बीच बसे गांवों में पर्याप्त आवासीय सुविधाएं हैं। इन गांवों को आवासीय योजना में शामिल किया जाए।

संत हिरदाराम नगर के आसपास की भूमि को करें आवासीय

संत हिरदाराम नगर अब पूर तरह से व्यवसायिक हो चुका है। यहां छोटे-बड़े कारखाने बने हुए हैं, यहां की लगभग डेढ़ से दो लाख तक की जनसंख्या है जिन्हें रहने की जगह की बहुत कमी है। सभी लोग यहां और आसपास ही रहना पसंद करते हैं। जो जमीन भोपाल फंदा, सीहोर रोड से दक्षिण दिशा की और लगी हुई हैं उनको आवासीय किया जाए।इधर कांग्रेस नेता नरेश ज्ञानचंदानी ने कहा कि मास्टर प्लान 2031 में सीहोर तक कृषि भूमि को कैचमेंट में शामिल करना उचित नहीं है। कमलनाथ सरकार के समय अहमदाबाद सीईपीटी और देश के प्रसिद्ध

विशेषज्ञ जिग्नेश मेहता और जनता की सहमति से बने मास्टर प्लान को जनता की बिना सहमति के बदलना उचित नहीं है।

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