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विवाहित पुत्री को 60 दिन में अनुकंपा नियुक्ति प्रदान करें, सतना जिले का है मामला।

जबलपुर। हाई कोर्ट ने एक याचिका का इस निर्देश के साथ पटाक्षेप कर दिया कि याचिकाकर्ता विवाहित पुत्री को अनुकंपा नियुक्ति प्रदान की जाए। न्यायमूर्ति मनिंदर सिंह भट्टी की एकलपीठ ने इसके लिए राज्य शासन को 60 दिन की माेहलत दी है। याचिकाकर्ता सतना निवासी पल्लवी सिंह की ओर से अधिवक्ता अनिरुद्ध पांडे ने पक्ष रखा। यह दी गई दलील अधिवक्ता अनिरुद्ध पांडे ने हाई कोर्ट में दलील दी कि याचिकाकर्ता की मां सुनीता सिंह जल संसाधन विभाग, सतना में सहायक वर्ग-तीन के पद पर कार्यरत थीं। कार्य के दौरान 24 दिसंबर, 2021 को उनकी मृत्यु हो गई। लिहाजा, अनुकंपा नियुक्ति का आवेदन दिया गया। अनुकंपा नियुक्ति का आवेदन इस तर्क के साथ निरस्त कर दिया गया कि याचिकाकर्ता का विवाह हो चुका है। इसलिए वह दिवंगत शासकीय सेवक की आश्रित की परिधि में नहीं आती। बताया गया कि मप्र शासन ने भी आदेश दिए अधिवक्ता पांडे ने दलील दी कि हाई कोर्ट की फुलबेंच मीनाक्षी दुबे के मामले में राहतकारी आदेश पारित कर चुकी है उसकी रोशनी में याचिकाकर्ता भी विवाहित पुत्री के नाते अनुकंपा नियुक्ति की हकदार है। ऐसा इसलिए भी क्योंकि मप्र शासन का सामान्य प्रशासन विभाग इस संबंध में आदेश भी जारी कर चुका है। इन दोनों आधारों पर याचिकाकर्ता को राहत दी जानी चाहिए। हाई कोर्ट ने तर्क से सहमत होकर याचिका का महत्वपूर्ण निर्देश सहित पटाक्षेप कर दिया।

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