सिंधी पंचायत के फैसला बोर्ड में युवाओं को शामिल करने पर जोर जल्द होगा गठन

भोपाल। पूज्य सिंधी पंचायत ने सामाजिक बुराइयां दूर करने के लिए अधिकार संपन्न फैसला बोर्ड बनाने का निर्णय लिया है। पंचायत का फोकस मृत्युभोज रोकने एवं मांगलिक अवसरों पर फिजूलखर्ची रोकने पर है। इसके लिए वर्तमान पदाधिकारी ऐसे युवाओं को बोर्ड में शामिल करना चाहते हैं जिनका समाज में प्रभाव भी हो और वे सामाजिक कार्य के लिए समय भी दे सकें।
पंचायत के महासचिव माधु चांदवानी के अनुसार फैसला बोर्ड का चयन पदाधिकारियों द्वारा किए जाने की परंपरा है। कार्यकारिणी का गठन भी चुनी हुई टीम करती है। जल्द ही पदाधिकारियों की बैठक होगी, इसमें बोर्ड एवं कार्यसमिति गठन पर चर्चा की जाएगी।
इस बार कार्यकारिणी के साथ ही फैसला बोर्ड का गठन किया जाएगा। चांदवानी का कहना है कि चूंकि सभी उम्मीदवार सामाजिक बुराइयां दूर करने के पक्ष में है इसलिए चुनाव परिणाम कुछ भी हो, यह तय है कि इस प्रस्ताव का कोई भी विरोध नहीं करेगा। पदाधिकारियों की बैठक में प्रस्ताव पारित करने के बाद उसे साधारण सभा में भी लाया जाएगा। सदस्यों से विचार-विमर्श करने के बाद इसके गठन की प्रक्रिया प्रारंभ की जाएगी।
फैसला बोर्ड संयोजक के लिए राज मनवानी का नाम प्रस्तावित था, लेकिन अब करीब आधा दर्जन दावेदारों के नाम सामने आए हैं। पंचायत अध्यक्ष साबू रीझवानी का कहना है कि बोर्ड के गठन की परंपरा हमारे बुजुर्गो ने शुरू की थी। इस बार बोर्ड में युवाओं को भी शामिल किया जाएगा ताकि सामाजिक बुराइयों को दूर करने में सभी वर्गो की मदद मिल सके। निर्णय सर्वसम्मति से लिया जाएगा।
नहीं लग पा रही है रोक, यही चिंता
पंचायत द्वारा लंबे समय से सामाजिक बुराइयां दूर करने का प्रयास किया जा रहा है। अब तक पंचायत का फोकस मृत्युभोज समाप्त करने पर रहा है। अब पंचायत नए फैसला बोर्ड के माध्यम से मांगलिक अवसरों पर फिजूलखर्ची रोकने, विवाह से पहले काकटेल पार्टी नहीं करने एवं बारात सादगी से निकालने जैसे फैसले लेगी। इन पर अमल कराने की जिम्मेदारी बोर्ड के सदस्यों की होगी। हाल ही में कुछ लोगों ने रोक के बावजूद मृत्युभोज किया। इस कारण पंचायत चाहती है कि बोर्ड के माध्यम से रोक लगाने का निर्णय सख्ती से लागू किया जाए।