दबाव नहीं चलेगा जिताऊ चेहरे को ही टिकट मिलेगा : कमल नाथ

इंदौर। कर्नाटक में मिली जीत से मध्य प्रदेश में कांग्रेस संजीवनी महसूस कर रही है। पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ प्रदेश सरकार के कर्ज लेने पर कटाक्ष करते हैं, लेकिन खुद की पार्टी द्वारा प्रस्तावित ‘मुफ्त’ योजनाओं को नागरिकों के लिए जरूरी बताते हैं। उन्हें भरोसा है कि इस बार जनता चुनाव जितवाएगी और पिछली बार से ज्यादा समर्थन देगी। नाथ ने यह भी स्पष्ट किया कि इस बार विधानसभा चुनाव के टिकट बंटवारे में कोई दबाव नहीं चलेगा, सिर्फ जिताऊ चेहरे को ही मौका मिलेगा।
नाथ गुरुवार को इंदौर प्रवास पर आए। इस दौरान शहर के गणमान्य नागरिकों से अनौपचारिक चर्चा में अपने मन की कई ‘औपचारिक’ बातें भी खुलकर कीं। वे बोले, धर्म आचार और विचार का विषय है, लेकिन भाजपा ने इसे राजनीतिक प्रचार का विषय बना दिया है। हम जमीनी स्तर पर सर्वे करा रहे हैं। सर्वे में जिनका नाम आगे आएगा, उन्हें ही मौका मिलेगा। चुनाव में न नाम चलेगा, न किसी का कोई दबाव। हम चार सर्वे करा रहे हैं, तीन में जो आगे होगा मैं खुद उसे इशारा कर दूंगा।
पिछले चुनाव में कांग्रेस ने सरकार बनाई थी, लेकिन ज्योतिरादित्य सिंधिया के पार्टी बदलने से सत्ता भी चली गई। न कांग्रेस उस घटना को भूली और न कमल नाथ। चर्चा में उन्होंने सिंधिया का भी जिक्र किया। बोले, लोकसभा चुनाव में हुए सर्वे में सामने आया कि सिंधिया हार रहे हैं। यह बात मैंने उन्हें बताते हुए सतर्क भी किया। मगर उनके नजदीकी लोग मानने को तैयार नहीं थे। चुनाव से ठीक पहले फिर कराए सर्वे में वे एक लाख मतों से पीछे दिखे, मगर किसी ने गंभीरता से नहीं लिया और आखिर यही परिणाम आया। इशारों में यह भी कह गए कि कई विपक्षी नेता संपर्क में हैं, मगर स्थानीय कार्यकर्ताओं की रजामंदी के बिना कोई नहीं आएगा।
नाथ ने कहा कि इस बार चुनाव जनता जितवाएगी। पिछली बार से ज्यादा समर्थन मिलेगा। उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि कांग्रेस का सांगठनिक ढांचा कुछ कमजोर है। मैं हर जगह मंडलम सेक्टर पर ध्यान दे रहा हूं। निचले स्तर तक कार्यकर्ता सक्रिय हैं और इसका फायदा पार्टी को मिलेगा। मैं इसे पूरी तरह लागू नहीं कर पाया क्योंकि यह नया विचार था।
चुनावी साल में मुफ्त घोषणाएं दोनों प्रमुख दल भाजपा और कांग्रेस कर रहे हैं। इससे सरकार पर बढ़ने वाले बोझ के बारे में नाथ ने स्पष्ट जवाब न देते हुए भाजपा सरकार पर जरूर निशाना साधा। उन्होंने कहा- तीन लाख तीस हजार करोड़ रुपये का कर्ज लिया है। इसे भरने के लिए और कर्ज लेना पड़ेगा। मगर इससे न पेंशनर्स को लाभ हुआ, न आशा-ऊषा कार्यकर्ताओं को, न ही संविदा कर्मचारियों को। इन्होंने बड़े-बड़े ठेके दिए और यह किस को दिए, यह समझाने की मुझे जरूरत नहीं। नाथ ने घोषणा की है कि उनकी सरकार बनी तो 100 यूनिट बिजली माफ होगी, 200 यूनिट हाफ होगी। इस बारे में उन्होंने कहा कि मेरा प्रयास है कि नागरिकों की क्रय शक्ति बढ़े। प्रदेश में आर्थिक गतिविधि बढ़ानी जरूरी है।