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शिगगांव सीटे से चौथी बार मैदान में बोम्मई, भाजपा से ज्यादा उनकी प्रतिष्ठा दांव पर 

बेंगलुरु । शिगगांव कर्नाटक का एक प्रमुख और हाईप्रोफाइल सीट है। यह सीट लंबे समय तक कांग्रेस के पास रही है। लेकिन पिछले तीन विधानसभा चुनावों से यह सीट भाजपा के पास है। मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई यहां से विधायक हैं। पिछले 2008, 2013 और 2018 के विधानसभा चुनावों में इस सीट से लगातार सीएम बोम्मई ही जीतते आ रहे हैं।
खास बात यह है कि तीनों बार उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार सैयद अजीमपीर खदरी को ही हराया है। मुख्यमंत्री बोम्मई के लिए यह सीट प्रतिष्ठा से जुड़ गई है। अगर वह यहां से जीतते हैं, तब पार्टी में उनका कद बढ़ जाएगा और अगर हारे, तब विरोधियों को तंज करने का मौका मिलेगा। खास तौर पर पूर्व मुख्यमंत्री और अब कांग्रेस नेता जगदीश शिवप्पा शेट्टार जो इस टिकट नहीं मिलने पर पार्टी छोड़ दिये थे।
भाजपा ने फिर यहां से अपने मौजूदा विधायक और मुख्यमंत्री बोम्मई को उतारा है। वह चौथी बार यहां से विधानसभा पहुंचने के लिए संघर्ष करने वाले हैं। जबकि कांग्रेस ने इस निर्वाचन क्षेत्र में इस बार अपना प्रत्याशी बदल दिया है और बोम्मई के खिलाफ मोहम्मद यूसुफ सवानूर को मैदान में उतारा है। वह अंजुमन-ए-इस्लाम, हुबली-धारवाड़ के अध्यक्ष हैं।
मुस्लिम और अल्पसंख्यक बहुल इस सीट पर पर कांग्रेस ने इस बार भी अल्पसंख्यक समुदाय को ही टिकट दिया है। यहां पर मुस्लिम समुदाय के वोटरों की अच्छी खासी संख्या है। यहां पर 70,000 से ज्यादा अल्पसंख्यक वोटर हैं। इस बार कांग्रेस ने मुस्लिम समुदाय के 15 लोगों को उम्मीदवार बनाया है। शिगगांव हावेरी जिले में पड़ता है। इसके पास के धारवाड़ और गडग जिलों से मैदान में उतरने वाले सावनूर इकलौते मुस्लिम उम्मीदवार हैं। शिगगांव पहले धारवाड़ जिले में था, लेकिन 1997-98 में इसको विभाजित कर तीन जिलों में बांट दिया गया। तब धारवाड़ के अलावा गडग और हावेरी दो और जिले बन गये। शिगगांव हावेरी जिले का तालुका बन गया है।

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