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मध्यप्रदेश

मत्स्य संपदा से आत्म निर्भर मध्यप्रदेश की अनूठी झांकी है राहुल के मत्स्य जलाशय 

भोपाल। प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना में सीहोर जिले के हीरापुर के युवा ने नया कीर्तिमान स्थापित किया है। यह अतिश्योक्ति नहीं होगा कि उक्त कृषक का काम प्रदेश स्तर पर बिरला ही होगा जिससे अपने मत्स्य जलाशयों से आत्म निर्भर मध्यप्रदेश बनाने की दिशा में मजबूती से कदम बढ़ाया है।

ग्राम हीरापुर जिला सीहोर के निवासी राहुल परमार पिता गोरेलाल परमार बताते हैं जो कि उन्होंने अपने स्वयं की 5 एकड़ भूमि पर प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के अंतर्गत सर्कुलर फिश यूनिट की स्थापना की है जो प्रदेश में पहली यूनिट है। श्री परमार ने बताया कि गंबूशिया मत्स्य बीज पहले कलकत्ता आंध्र प्रदेश से मंगवाने पड़ते थे वह आज आसानी से वे उपलब्ध करवा रहे हैं। जिले एवं आसपास के जिलों के डेढ़ सौ से ढाई सौ तालाबों के लिए मत्स्य बीज उनकी यूनिट से प्राप्त किए जा रहे हैं।

श्री परमार बताते है कि पहले हम 5 एकड़ भूमि में एक वर्ष में ढाई से तीन लाख रूपए तक की आमदनी प्राप्त होती थी यूनिट के माध्यम से अब 10 से 12 लाख रूपए की प्रतिवर्ष आमदनी हो रही है और हमारे परिवार के जीवन स्तर में काफी सुधार हुआ है।
श्री परमार बताते है कि इस यूनिट में अच्छी गुणवत्ता के मत्स्य बीज तैयार किए जा रहे है जो जिले एवं पूरे प्रदेश में उपलब्ध कराए जाते है। उन्होंने बताया कि इस यूनिट से 20 से 25 युवाओं को प्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिल रहा है जिससे इन लोगों को आजीविका का साधन उपलब्ध हो रहा है।

श्री परमार बताते है कि सर्कुलर फिश यूनिट के बीज पहले हजारों किलोमीटर की दूरी से मगाए जाते थे जिससे मत्स्य पालन करने वालों को काफी परेशानी होती थी अब सीहोर जिले में यूनिट की स्थापना होने से आसानी से मत्स्य बीज उपलब्ध हो रहे है। श्री परमार ने बताया कि इस यूनिट से आर्गेनिक फार्मिंग को बढ़ावा मिलेगा और युवाओं को आमदनी का वैकल्पिक स्त्रोत प्राप्त हो रहा है। उन्होंने कहा कि यह यूनिट आत्म निर्भर भारत आत्म निर्भर मध्यप्रदेश के लिए सार्थक पहल सिद्ध होगी।

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