मध्यप्रदेश
मुरैना पुलिस ने डकैत गुड्डा गुर्जर की भतीजी को पकड़ा 306 बोर के कारतूस बरामद
मुरैना 60 हजार रुपए के इनामी कुख्यात डकैत गुड्डा गुर्जर को पकड़ने के लिए पुलिस लगातार सर्च ऑपरेशन चला रही है। पुलिस ने डकैत के परिवारवालों को उसकी मदद के आरोप में गिरफ्तार किया है। पुलिस के इस एक्शन पर भी सवाल उठ रहे हैं। गुड्डा की भतीजी प्रीति गुर्जर (18) को रसद और कारतूस पहुंचाने के आरोप में पकड़ा है। हालांकि, जो कारतूस पुलिस ने प्रीति से बरामद दिखाए हैं, वो 306 बोर की राइफल के हैं। गुड्डा 275 बोर की राइफल इस्तेमाल करता है। उसकी गैंग के बाकी सदस्यों के पास भी 315 बोर की राइफल हैं, न कि 306 बोर की। उधर, पुलिस ने प्रीति के भाई यशवीर गुर्जर उर्फ यश गुर्जर (19), उसके पिता पप्पू गुर्जर (गुड्डा के बड़े भाई) को गिरफ्तार किया है। प्रीति और उसका भाई मौसा श्रीकृष्ण गुर्जर के पास मुरैना के सिविल लाइन इलाके में रामभजन का पुरा (विंडवा क्वारी) गांव के पास रहते हैं। दोनों पिछले 2-3 साल से मौसा के पास रह रहे हैं। पुलिस ने श्रीकृष्ण गुर्जर को भी अरेस्ट कर जेल भेज दिया है। पहले जान लेते हैं गुड्डा अभी चर्चा में क्यों? चंबल में डकैत गुड्डा के नाम की दहशत है। डकैत हाल ही में तब चर्चा में आया, जब उसने चांचुल गांव को खाली करने का फरमान सुनाते हुए लोगों को धमकाया। इाके बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा था कि डकैत गुड्डा गुर्जर की वजह से प्रदेश की छवि खराब हो रही है। उसका तुरंत सफाया करो। CM के आदेश के बाद ग्वालियर-चंबल बेल्ट की पुलिस एक्शन में आ गई। तब से लगातार उसे जंगलों, बीहड़ों में उसे सर्च किया जा रहा है। गुड्डा गुर्जर कभी छोटे कारोबारियों से 500-500 रुपए टेरर टैक्स मांगा करता था। बाद में वह 2-2 लाख रुपए तक का टेरर टैक्स क्रशर मालिकों से लेने लगा। ग्वालियर के कारोबारियों को डाक से लेटर भेजकर टेरर टैक्स की मांग करने लगा। गांव में एक हत्या करने के साथ ही उसके डकैत बनने की कहानी शुरू हुई थी। मुरैना से ग्वालियर की ओर जाते वक्त हाईवे किनारे जड़ेरुआ गांव पड़ता है। इसी गांव के रास्ते आगे जाने पर लोहागढ़ गांव है। यही गांव गुड्डा गुर्जर का है। चार भाई और तीन बहनों में गुड्डा आपराधिक प्रवृत्ति का निकला। अब मंत्रालय ने उस पर घोषित इनाम की राशि बढ़ाकर 1 लाख रुपए करने का प्रस्ताव बनाया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एडीजी राजेश चावला को डकैत गुड्डा को हर हाल में गिरफ्तार करने के आदेश दिए हैं। बानमोर पुलिस ने बताया... बानमोर पुलिस ने प्रीति गुर्जर को अपने इलाके से गिरफ्तार करना दर्शाया है। बानमोर पुलिस के मुताबिक, पुलिस को पता लगा कि प्रीति सेवा गांव के आगे सूरे का पुरा में मौजूद है। वह गुड्डा से मिलने जा रही है। बानमोर थाने के SI पीएस यादव रात में गश्त पर थे। वे मौके पर पहुंचे। प्रीति अकेले जा रही थी। उसके हाथ में एक झोला था। झोले को पुलिस ने जब खुलवाया, तो इसमें 306 बोर राइफल के कारतूस, 6 बिस्किट के पैकेट, बीड़ी का पैकेट, दालमोठ का पैकेट, माचिस का पैकेट, दाल और चावल थे। पूछताछ में प्रीति ने स्वीकारा कि वह यह सामान चाचा गुड्डा को देने जा रही थी। 7 नवंबर की रात 3 बजे पुलिस ने यह गिरफ्तारी दर्शाई है। पहाड़गढ़ पुलिस ने ये बताया... पहाड़गढ़ थाना पुलिस के मुताबिक, 8 नवंबर 2022 की सुबह दबिश देकर गुड्डा गुर्जर के बड़े भाई पप्पू गुर्जर, उसके साढ़ू श्रीकृष्ण गुर्जर को उसके गांव विंडवा क्वारी के पास रामभजन का पुरा स्थित उसके घर से गिरफ्तार किया गया है। पुलिस कस्टडी में प्रीति गुर्जर। पुलिस का आरोप है कि प्रीति अपने चाचा डकैत गुड्डा गुर्जर को रसद और कारतूस देने जा रही थी। रात के वक्त उसे पकड़ा गया। वह अकेली थी। पुलिस कस्टडी में प्रीति गुर्जर। पुलिस का आरोप है कि प्रीति अपने चाचा डकैत गुड्डा गुर्जर को रसद और कारतूस देने जा रही थी। रात के वक्त उसे पकड़ा गया। वह अकेली थी। अब ये भी जान लीजिए... सूत्रों की मानें तो मुरैना पुलिस की साइबर टीम विंडवा क्वारी गांव के पास मौजूद रामभजन का पुरा में पहुंची। पुलिस ने गुड्डा के बड़े भाई पप्पू गुर्जर के बेटे यशवीर गुर्जर के मोबाइल को सर्विलांस पर रखा था। यशवीर ने जैसे ही मोबाइल से अपने पिता से कॉन्टैक्ट किया, पुलिस ने इसे ट्रेस कर लिया। यशवीर और प्रीति दोनों को पुलिस पकड़ लाई। इसके बाद उनसे मोबाइल से बात कराकर पुलिस ने पप्पू गुर्जर और उसके साढ़ू श्रीकृष्ण गुर्जर को गिरफ्तार किया। प्रीति और उसके भाई को 6 नवंबर की शाम 4 बजे पकड़ा गया। प्रीति गुर्जर से जब्त कारतूस और रसद। पुलिस के मुताबिक प्रीति से मिले झोले में 306 बोर राइफल के कारतूस, 6 बिस्किट के पैकेट, बीड़ी का पैकेट, दालमोठ का पैकेट, माचिस का पैकेट, दाल और चावल थे। प्रीति गुर्जर से जब्त कारतूस और रसद। पुलिस के मुताबिक प्रीति से मिले झोले में 306 बोर राइफल के कारतूस, 6 बिस्किट के पैकेट, बीड़ी का पैकेट, दालमोठ का पैकेट, माचिस का पैकेट, दाल और चावल थे। ये उठ रहे सवाल पुलिस ने प्रीति गुर्जर से जो कारतूस बरामद दिखाए हैं, वो 306 बोर की राइफल के हैं। जबकि, गुड्डा के पास 275 बोर की राइफल है। उसके साथियों के पास 315 बोर की राइफलें बताई जा रही हैं। बानमोर पुलिस के मुताबिक रात 3 बजे प्रीति अकेले गुड्डा को रसद-कारतूस पहुंचाने जा रही थी। क्या कोई पिता जवान बेटी को रात में इस तरह भेज देगा। रामभजन का पुरा में जहां प्रीति रहती है, वहां से बानमोर के जंगल की दूरी 50 किलोमीटर है। अगर प्रीति गुड्डा को रसद और कारतूस अकेले ही पहुंचाने जा रही थी, तो उसके छोटे भाई यश को गिरफ्तार क्यों किया गया?
