150 टन गोबर से बनेगी 24 सौ किलो बायो सीएनजी गैस

जबलपुर: शहर से लगे पनागर क्षेत्र के परियट परिक्षेत्र में चल रही डेरियों के गोबर और उसके कारण क्षेत्र में दुर्गन्ध के वातावरण से वहॉं के निवासी एवं राहगीरों को जल्द ही छुटकारा मिल सकेगा। दरअसल, स्मार्ट सिटी जबलपुर और सॉंची दुग्ध संघ के अधिकारियों की सहमति के बाद सॉंची दुग्ध संघ परिसर में महाकौशल का पहला बायो सी.एन.जी. प्लांट लगाने का कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। जिसका निर्माण 21 करोड़ रूपये की लागत से किया जा रहा हैं।स्मार्ट सिटी की मुख्य कार्यपालन अधिकारी निधि सिंह राजपूत के मुताबिक जबलपुर स्मार्ट सिटी द्वारा जबलपुर दुग्ध संघ (सांची) के साथ मिलकर बायो सी.एन.जी. प्लांट स्थापित किया जा रहा है। जिसका निर्माण कार्य प्रारंभ हो चुका है। यह प्लांट मई 2023 तक पूर्ण होगा। जिससे लगभग 150 टन गोबर प्रतिदिन उपयोग में लाया जायेगा। साथ ही 24 सौ किलो प्रतिदिन की बायो सी.एन.जी. गैस उत्पादित होगी।प्लांट को बनाने एजेंसी का चयन सांची द्वारा किया जाकर वर्कऑर्डर जारी किया जा चुका है। यह प्लांट महाकौशल क्षेत्र का पहला बायो सी.एन.जी. प्लांट होगा। जिससे डेयरियों से निकलने वाले गोबर से होने वाले प्रदूषण से मुक्ति भी मिलेगी। जिससे नर्मदा व सहायक नदी परियट में मिलने वाले गोबर को पानी में मिलने से रोका भी जा सकेगा। प्लांट निर्माण के लिए माह सितम्बर 22 में ही कम्पनी के साथ एग्रीमेंट किया गया था। वहीं प्लांट को मई 2023 तक तैयार करने की कवायद की जा रही हैं।