पेंशनर के अकाउंट से सवा छह लाख ठगने वाला हरियाण के मेवात से गिरफ्तार

ग्वालियर: शातिर ठग दिलशाद, पुलिस ने उसे एक दिन पहले मेवात हरियाणा से गिरफ्तार किया है।फर्जी सिम बेचने वाले भी तीन पकड़े गएमुरैना के एक सीनियर पेंशनर के अकाउंट से इंटरनेट बैंकिंग के जरिए सवा छह लाख रुपए ठगने वाले शातिर दिमाग ठग को पुलिस ने हरियाणा के मेवात से गिरफ्तार किया है। इसके लिए पुलिस को एक एक बेगानी शादी में भी शामिल होकर बाराती बनना पड़ा। पुलिस ने इतनी चपलता से आरोपी को उठाया कि उसके गांव में भनक तक नहीं लग पाई। पिछली बार क्राइम ब्रांच पर वहां फायरिंग तक हो गई थी।इसके अलावा फर्जी सिम उपलब्ध कराने वाले तीन अन्य आरोपियों को अशोक नगर, गुना व राजस्थान से उठाया है। पेंशनर के अकाउंट से जो मोबाइल नंबर लिंक था वह सिम कुछ समय पहले बंद हो गई थी। इसी का फायदा उठाकर ठग ने उस नंबर को एक्टिव कर उस पर इंटरनेट बैंकिंग एक्टिव की और फ्रॉड किया।एसपी राज्य साइबर सेल सुधीर अग्रवाल ने बताया कि मुरैना निवासी एक रिटायर्ड अधिकारी के बेटे ने शिकायत की थी कि उनके पिता के पेंशनर खाते से 6 लाख 23 हजार रुपए की धोखाधड़ी की गई है। शिकायत की जांच के लिए निरीक्षक जितेन्द्र सिंह तोमर, एसआई शैलेन्द्र राठौर को लगाया। इस मामले की जांच की तो पता चला कि जिस सिम से नेट बैंकिंग एक्टिव की गई है वह गुना से खरीदा गया है। इसका पता चलते ही साइबर सेल की टीम गुना पहुंची। यहां राज्य सायबर पुलिस की टीम ने तीन आरोपियों को पड़ताल के बाद पकड़ा है। इनसे पूछताछ के बाद पता चला कि इन्होंने सिम एक्टिव कर मेवात निवासी दिलशाद खान को दी थी। दिलशाद ने पेंशनर के खाते में उस नंबर को एक्टिव कर उससे इंटरनेट बैंकिंग ली और अकाउंट खाली कर दिया। यह पता चलते ही पुलिस की टीम हरियाणा के मेवात में पहुंची और आरोपी दिलशाद को हिरासत मंे लिया। अभी इसमंे तीन आरोपी और फरार हैं।बाराती बनकर घूमे तब मिला दिलशादआरोपियों को पकड़ने के लिए राज्य साइबर सेल की टीम ने दो दिन गुना में बिताए और फोटो के आधार पर ठग गिरोह के तीन सदस्यों को पकड़ने में सफलता पाई। वहां से मुख्य आरोपी दिलशाद का नाम सामने आया। दिलशाद के गांव मेवात पहुंचे तो वहां दिलशाद का पता लगाने के लिए दो दिन साइबर सेल की टीम बराती बनकर घूमी। वहां एक शादी चल रही थी। वहां शादी में शामिल हुई। मौका लगते ही गांव के बाहर निकलते ही दिलशाद को हिरासत में लेकर ग्वालियर आ गई।हो सकते है कई अन्य महत्वपूर्ण खुलासेसाइबर सेल अफसरों का मानना है कि पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ के बाद कुछ अन्य वारदातों का सुराग मिल सकता है। इसके लिए अफसर पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ कर रहे है। पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ के बाद साइबर सेल की टीम ने पांच मोबाइल बरामद करने के साथ ही काफी संख्या में सिम कार्ड बरामद किए है। पड़ताल में पता चला है कि इन सिमों का उपयोग वारदातों को अंजाम देने में किया जाता था।फरियादी ने यह गलती की- फरियादी पेंशनर राजेश कुमार (बदला हुआ नाम) ने इस मामले में गलती की है। उनके पास एंड्रायड मोबाइल नहीं था। न ही वह इंटरनेट बैंकिंग, फोन-पे या अन्य किसी पेमेंट एप पर नहीं थे। उनसे गलती इतनी हो गई कि उनके पेशनर अकाउंट से जाे मोबाइल नंबर लिंक था वह कुछ समय पहले उन्होंने बंद कर दिया। फिर कोई दूसरा नंबर लिंक नहीं कराया। ठग ने इसका फायदा उठाया। उसी नंबर को चालू कर उस पर इंटरनेट बैंकिंग शुरू की और ठगी कर दी।यह रखे सांवधानी- बैंक खाते में लिंक मोबाइल नंबर चालू रखे तथा बैंक से आने वाले मैसेज देखते रहें।- यदि बैंक खाते में रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर बंद हो जाए तो नया नंबर तत्काल अपडेट कराएं।- किसी भी अंजान व्यक्ति को अपना आधार कार्ड नहीं दें और न हीं उसका फोटो खींचने दें ।-अपने नाम से जारी सिम कार्ड की जानकारी रखे एवं डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्यूनिकेशन भारत सरकार के पोर्टल से सिम कार्ड की जानकारी चेक करते रहे।