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मध्यप्रदेश

कार्यशाला में रजूर के किसान ने जैविक खेती के गुर सीखाए

खरगोन: सीएम ने वर्चुअली संबोधित किया, गोवर्धन पूजा को पर्यावरण संरक्षण एवं प्राकृतिक खेती के रूप में मनाया गोवर्धन पूजा को पर्यावरण संरक्षण एवं प्राकृतिक खेती के रूप में मनाया गया। बुधवार को भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे हॉल में पर्यावरण संरक्षण एवं प्राकृतिक खेती विषय पर कार्यशाला हुई। कार्यशाला को वर्चुअली रूप में कलेक्टर वीसी कक्ष व जनपद स्तर पर भी इन कार्यक्रम को जन अभियान परिषद की नवांकुर संस्थाओं और सामाजिक संस्थाओं के सदस्यों ने भी सहभागिता की है। इसमें मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने संबोधित करते हुए कहा कि आने वाला समय जैविक खेती का है। हर गांव में किसान खेती को अपनाएं।कार्यक्रम मंे जिले के किसानों ने अपने अनुभव व खेती से लाभ की जानकारियां दी। वीसी में जिला पंचायत सीईओ ज्योति शर्मा भी शामिल हुई। खरगोन जनपद में रजूर गांव के रामचंद्र पाटीदार अपनी भूमि की 10 वर्ष पूर्व उर्वरा शक्ति क्षीण हो जाने के बाद निराश हो चुका था। लेकिन साहस, सोच और मिट्टी में जीवांश के प्रबंधन से भूमि की उर्वरा शक्ति पुनः प्राप्त कर ली है। अब रामचंद्र पाटीदार अमरूद की खेती से लाखों की उपज कर अलावा अदरक की खेती भी कर रहा है। यह सब उसके लिए इतना आसान नही था।रामचंद्र ने बताया कि खेती से वह केवल अनाज या फल सब्जी ही ले जाते हैं। बाकी फसल से निकला अन्य भाग भूमि में ही छोड़ देते हैं। इसके अलावा खेत में से निकले खरपतवार को उखाड़ कर उसकी मेड़ बनाकर खेती में जीवांश या उर्वरा शक्ति लौटाने पर हमेशा विचार करते हैं। साथ ही वे रासायनिक खाद और कीटनाशकों का उपयोग बिल्कुल छोड़ चुके हैं। रामचंद्र ने बताया कि मिट्टी में जीवांश की उपलब्धता के लिए वह न केवल वेस्टडिकम्पोजर, गोकृपा अमृतं, जीवामृत, बीजामृत बल्कि इन सब से अलग खेत से केवल अनाज या फल ले जाने का काम करते हैं।

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