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मोहन सरकार ने किया बड़ा एलान, अंतरिम बजट में सबको साधा, कोई योजना नहीं होगी बंद।

भोपाल,। मोहन सरकार ने अपने पहले अंतरिम बजट (लेखानुदान) में सबको साधने का प्रयास किया। किसी भी विभाग की योजना को बंद नहीं किया गया। सभी को अप्रैल से जुलाई 2024 तक व्यय के लिए राशि आवंटित की गई है।नई योजना तो इसमें कोई सम्मिलित नहीं की गई पर यह अवश्य साफ कर दिया कि सरकार की प्राथमिकता में महिला, किसान, अनुसूचित जाति-जनजाति, पिछड़ा वर्ग के साथ शहर और गांवों का विकास करना है। अधोसंरचना विकास को गति वैसी जारी रखी जाएगी, जैसी डबल इंजन की सरकार में चल रही है। सरकार लगातार पूंजीगत व्यय में वृद्धि कर रही है जो अंतरिम बजट में भी साफ दिखाई देती है। कर्मचारियों के हित का भी ध्यान गया है। वर्ष 2023-24 में सरकार ने तीन लाख 14 हजार करोड़ रुपये से अधिक का बजट प्रस्तुत किया था। जुलाई 2023 में 27 हजार 718 करोड़ रुपये का प्रथम और फरवरी 2024 में 30 हजार 265 करोड़ रुपये का द्वितीय अनुपूरक अनुमान प्रस्तुत किया।आगामी वित्तीय वर्ष के लिए तीन लाख 48 हजार 986 करोड़ रुपये का बजट अनुमान है। केंद्रीय करों में हिस्सा, केंद्रीय सहायता सहित अन्य माध्यमों से कुल दो लाख 52 हजार 268 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त होगा। इसमें राज्य कर से 96 हजार 553 करोड़ रुपये की आय होगी। दो लाख 51 हजार 825 करोड़ रुपये व्यय का अनुमान लगाया है। वर्ष 2024-25 में 442 करोड़ रुपये राजस्व आधिक्य अनुमानित है। वहीं, सरकार अधोसंरचना विकास पर आगामी वित्तीय वर्ष में 59 हजार 342 करोड़ रुपये व्यय करेगी। यह वर्ष 2023-24 में 56 हजार करोड़ रुपये निर्धारित की गई है। एक अप्रैल से 31 जुलाई 2024 के लिए एक लाख 45 हजार 229 करोड़ रुपये का अंतरिम बजट प्रस्तावित किया है। विधानसभा से पारित होने के बाद राज्यपाल की अनुमति से वित्त विभाग सभी विभागों को बजट जारी करेगा। किसान- मोहन सरकार ने अंतरिम बजट में किसानों के लिए ऊर्जा, पशुपालन, उद्यानिकी, सहकारिता, जल संसाधन, नर्मदा घाटी सहित अन्य विभागों को आवश्यकता के अनुरूप राशि उपलब्ध कराई है। ऊर्जा विभाग के लिए सात हजार 963 करोड़ रुपये का प्रावधान रखा है। ऊर्जा विभाग अटल कृषि ज्योति योजना के माध्यम से सस्ती बिजली उपलब्ध कराने के लिए बिजली कंपनियों को अनुदान देता है। सिंचाई सुविधाओं के विस्तार के लिए प्रदेश में कई परियोजनाओं पर काम चल रहा है। केन बेतवा लिंक परियोजना के लिए केंद्रीय बजट में साढ़े तीन हजार करोड़ रुपये का प्रावधान रखा है। इसके लिए राज्यांश जल संसाधन ने रखा है। विभाग को तीन हजार 74 करोड़ रुपये और नर्मदा घाटी विकास एक हजार 529 रुपये आवंटित किए गए हैं। किसानों को बिना ब्याज का ऋण उपलब्ध कराने के लिए सहकारिता विभाग को 443 करोड़ रुपये दिए जाएंगे। संकल्प पत्र 2023 कर गारंटी को पूरा करते हुए किसानों की आय बढ़ाने के लिए मोटे अनाज की खेती को प्रोत्साहित करने दुर्गावती श्री अन्न योजना लागू की जा रही है। इसमें किसानों को प्रति क्विंटल प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। महिला- सरकार की प्राथमिकता में महिला प्रारंभ से ही रही है। लाड़ली लक्ष्मी योजना हो या फिर मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह (कन्यादान-निकाह) या फिर बैगा, भारिया और सहरिया जनजाति वर्ग की महिलाओं को आहार अनुदान या फिर लाडली बहना योजना, सबके लिए बजट में राशि रखी गई है।महिला एवं बाल विकास विभाग को चार माह के लिए 9,438 करोड़ रुपये मिलेंगे। स्वास्थ्य, जनजातीय कार्य, अनुसूचित जाति कल्याण सहित अन्य विभागों के बजट में भी महिलाओं के लिए राशि निर्धारित की गई है। आजीविका मिशन के माध्यम से महिला स्व-सहायता समूहों को सरकार की गारंटी पर ऋण दिलाने के लिए प्रावधान रखा है। खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग को लाड़ली बहनों को 450 रुपये में रसोई गैस उपलब्ध कराने के लिए राशि निर्धारित की गई है।गरीब- आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के व्यक्तियों को मुख्यधारा में लाने के लिए एक साथ कई मोर्चों पर सरकार काम कर रही है। सामाजिक न्याय विभाग को सामाजिक सुरक्षा पेंशन के लिए राशि दी गई है तो प्रधानमंत्री आवास ग्रामीण में सात लाख आवासों को पूर्ण करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों की सहायता के लिए श्रम विभाग को राशि दी जा रही है। केंद्र और राज्य सरकार के प्रयासों के चलते नौ वर्षों में प्रदेश के दो करोड़ 30 लाख लोग बहुआयामी गरीबी से बाहर आए हैं। प्रधानमंत्री जन धन योजना के माध्यम से विकास की दौड़ में पीछे छूट गए अनुसूचित जनजाति वर्ग के परिवारों को मुख्यधारा में लाने के लिए प्रधानमंत्री ग्राम सड़क के विस्तार का निर्णय लिया गया है। इसके लिए अनुपूरक और अंतरिम बजट में राशि पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग को दी गई है। युवा- सरकार को जोर युवा शक्ति का उपयोग प्रदेश के सर्वांगीण विकास में करने पर है। मुख्यमंत्री कौशल उन्नयन योजना, संत रविदास स्वरोजगार योजना, रोजगार दिवस के माध्यम से केंद्र और राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं के माध्यम से बैंक ऋण स्वीकृत कराने, ब्याज अनुदान देने का प्रावधान किया है।चार नए ग्लोबल स्किल पार्क स्थापित किए जा रहे हैं। फ्यूचर जाब स्किल पाठ्यक्रम प्रारंभ करने के लिए जबलपुर, उज्जैन, भोपाल का चयन किया गया है। स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय या अंतरराष्ट्रीय स्तर की कार्यशाला में भाग लेने पर सरकार द्वारा प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। इसके लिए सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग को राशि उपलब्ध कराई जा रही है।

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