ऐसी पद्धति से सड़कें बनाएं, जिससे लागत भी निकले और राजस्व भी मिले, सीएम मोहन यादव के निर्देश

भोपाल। प्रदेश में सड़कें ऐसी पद्धति से बनाई जाएं, जिससे लागत भी निकले और सरकार को राजस्व भी मिले। गुणवत्ता से किसी प्रकार का समझौता नहीं होना चाहिए। अगले दस वर्ष में विकास की गति को देखते हुए शहरों का चयन करें और भविष्य में विकास की संभावनाओं वाले क्षेत्रों की पहचान कर सड़क निर्माण की योजना बनाएं। यह निर्देश मुख्यमंत्री डा.मोहन यादव ने लोक निर्माण विभाग की समीक्षा के दौरान दिए।
साथ ही भवन निर्माण की गुणवत्ता पर सवाल उठाते हुए कहा कि अन्य एजेंसियों से गुणवत्ता का मूल्यांकन कराया जाए। बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि गुणवत्तायुक्त काम करने वाली अच्छी एजेंसियों को काम दिया जाए। गुणवत्ता नियंत्रण और निगरानी के लिए राज्यस्तरीय आनलाइन क्वालिटी स्टेटस डैशबोर्ड बनाया जाए।
50 लाख रुपये से अधिक की लागत वाले निर्माण कार्यों की निगरानी के लिए प्रकोष्ठ बनाएं। साथ ही दूसरे देश और राज्यों की सड़क निर्माण में अपनाई जा रही अच्छी पद्धतियों का अध्ययन कराएं। सड़क निर्माण में एनएचएआइ जैसी निर्माण संस्थाओं की तरह ऐसी पद्धति अपनाएं जिससे लागत भी निकले और सरकार को राजस्व भी मिले।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने आज मंत्रालय में मध्यप्रदेश सड़क विकास निगम लिमिटेड MPRDC के संचालक मंडल की समीक्षा बैठक ली और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
बैठक में लोक निर्माण मंत्री श्री @MPRakeshSingh एवं वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।@DrMohanYadav51 pic.twitter.com/VHbE1blbG9
— Chief Minister, MP (@CMMadhyaPradesh) January 12, 2024
इसके लिए विकास प्राधिकरण, नगरीय निकाय, पर्यटन एवं संस्कृति विभाग को योजना में शामिल करें। स्थानीय जनप्रतिनिधि से सुझाव लें और ऐसे सलाहकार नियुक्त करें, जिन्हें संबंधित क्षेत्र की जानकारी हो। बैठक में विभाग की बुकलेट क्वालिटी कंट्रोल मैन्युअल फार रोड एंड ब्रिजेस का लोकार्पण किया।
इसमें सड़क और पुल के निर्माण के दौरान डिजाइन, निर्माण की कार्य विधि, निरीक्षण की प्रतिबद्धता और संधारण के विषय में दिशा-निर्देश दिए गए हैं।
इसे केंद्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान नई दिल्ली के सहयोग से तैयार किया गया है। बैठक में विभागीय गतिविधियों को लेकर प्रस्तुतीकरण दिया गया। इस अवसर पर लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।