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धार्मिक

प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में 11 दंपति होंगे यजमान, 15 जनवरी से इन नियमों का करना होगा कठोर पालन

अयोध्या। नवनिर्मित राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को होगी, लेकिन इस प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में यजमान की भूमिका निभाने वाले दंपत्तियों को 15 जनवरी से ही कठोर नियमों का पालन करना होगा। काशी के विद्वान पंडित गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ ने श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष स्वामी गोविंद गिरी को पत्र भेजा है, जिसमें प्राण प्रतिष्ठा से पहले यजमानों के लिए कुछ नियमों का पालन करने के बारे में विस्तार से लिखा है। पंडित गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ ने यजमानों को 15 जनवरी से 22 जनवरी तक 45 नियमों का पालन करने के लिए कहा है।

पूजा में शामिल होंगे 11 यजमान

ट्रस्ट के एक पदाधिकारी ने जानकारी दी है कि 15 जनवरी से शुरू होने वाली पूजा में 11 दंपत्ति यजमान की भूमिका में होंगे। पंडित गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ के अनुसार, 8 दिनों तक पूजा के दौरान सभी 11 दंपत्तियों को इन नियमों का सख्ती से पालन करना होगा।

8 दिन ऐसी रखनी होगी जीवनशैली

  • सभी यजमानों को रोज सुबह जल्दी उठकर स्नान करना होगा।
  • इस दौरान बाहरी भोजन व धूम्रपान त्यागना होगा।
  • क्रोध, अहंकार के अलावा मदिरा सेवन से खुद को दूर रखना होगा।
  • मन को विचलित करने के दृश्यों से दूर रहना होगा।
  • ब्राह्मणों को आदर देना होगा।
  • सच बोलने के व्रत में बाधा आने पर मौन रहना होगा।
  • 8 दिनों तक कोई भी यजमान सूती वस्त्र नहीं पहन सकेंगे।
  • किसी से झगड़ा, कठोर वचन व कटु बोल बोलना पूरी तरह वर्जित है।
  • यजमान को सदविचारों व सद्चिन्तन से युक्त होना होगा।
  • पुरुष यजमान सिला हुआ सूती वस्त्र नहीं पहन सकते हैं।
  • पत्नियां लहंगा, चोली जैसे सिले हुए वस्त्र पहन सकती है।
  • स्वेटर, ऊनी, शॉल, कंबल धारण कर सकेंगे।

भोजन के लिए होंगे ये नियम

  • 8 दिनों तक होने वाले पूजा से पहले सिर्फ फलाहार करें।
  • गरम व शीतल शुद्ध जल ग्रहण कर सकते हैं।
  • नित्य पूजन के बाद भी दिन में फलाहार कर सकते हैं।
  • रात में आरती के बाद सात्विक भोजन, सेंधा नमक का प्रयोग कर सकेंगे।
  • खाने में हल्दी, राई, सरसों, उड़द, मूली, बैंगन, लहसुन, प्याज, मदिरा, मांस, अंडा, तेल से बना पदार्थ, गुड़, भुजिया चावल, चना वर्जित है।
  • खाने पीने की चीजें भगवान को भोग लगाकर प्रसाद के रूप में ग्रहण कर सकेंगे।
  • दोपहर में ब्राह्मणों को पहले भोजन करा कर यजमान को भोजन करना होगा।
  • 8 दिनों तक तक यजमानों को खटिया पर बैठना या सोना वर्जित है।
  • रोज दाढ़ी व नाखून काटना भी वर्जित है।

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