नंबर आया तो खत्म हो गया पेट्रोल, सड़क पर उतर सकती हैं बसें, मेट्रो भी चलेंगी

एसोसियेशन के अध्यक्ष कमल किशोर तिवारी पिंटू ने बताया कि बैठक में केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए काले कानून के खिलाफ बस चालकों की हड़ताल को सभी वाहन मालिकों ने समर्थन किया हैं। वहीं एक दिन की इस सांकेतिक हड़ताल के बाद मंगलवार से बसों का संचालन प्रारंभ करने पर भी सहमति बनाई गई है। सभी बस आपरेटर ने आश्वस्त किया है कि मंगलवार से बसों का संचालन पुन: होने लगेगा। बैठक में बच्चू रोहाणी, नसीम बेग, उदयचंद जैन, कल्याण नियोगी, ओम प्रकाश जायसवाल, दिलीप मंगलानी, नरेश रजक, कृष्ण कुमार खंपरिया, विक्की जायसवाल, मुकेश जैन, दीपेंद्र डोंगरे, कंधी जैन, मनीष जैन प्रवक्ता संजय शर्मा उपस्थित रहे।
सिटी मेट्रो बसों का संचालन कर रही जबलपुर सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विस लिमिटेड के सीईओ सचिन विश्वकर्मा ने बताया कि मंगलवार से मेट्रो बसों का संचालन होने लगेगा। सोमवार को बस चालकों के साथ आपरेटरों ने बैठक की है ईधन की समस्या भी शार्ट आउट कर ली गई हैं। हमारा पूरा प्रयास है कि सभी बसें निकले।
नए कानून के खिलाफ विरोध कर रहे ट्रक ड्राइवर की हड़ताल को बिजली विभाग के वाहन चलाने वाले चालकाें ने समर्थन देकर परेशानी बढ़ा दी है। सोमवार को बिजली शिकायतों के लिए कई जगह बिजली कर्मी पहुंच ही नहीं पाए वजह सुधार करने वाली गाड़ी उपलब्ध नहीं होना था। केवल छोटे-मोट सुधार कार्य ही हो सके।
जबलपुर शहर में बिजली शिकायतों के बाद सुधार कार्य के लिए दर्जनों गाड़ियाँ लगाई गई हैं। इन्ही गाड़ियों के माध्यम से सुधार कार्य किए जाते हैं लेकिन सोमवार को कुछ गाड़ियों के ड्राइवरों ने भी पेट्रोल-डीजल टैंकर ड्राइवराें की तरह काम बंद कर दिया है। हालांकि अभी स्थिति नियंत्रण में है। यदि सुधार गाड़ियों के ड्राइवर आगे भी हड़ताल पर जाते हैं तो स्थिति बिगड़ सकती है। फिलहाल सोमवार को कुछ उपभाेक्ताओं को सुधार कार्य करवाने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ी।
मध्य प्रदेश में बस, ट्रक व भारी वाहन चालकों द्वारा की जा रही हड़ताल को अवैध घोषित किए जाने की मांग की गई है। इस सिलसिले में नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच ने मुख्य सचिव व जिला कलेक्टर को ई-मेल के जरिए पत्र लिखा है। पत्र में कहा गया है कि आवश्यक सेवाएं तथा आवश्यक वस्तु अधिनियम लागू कर हड़तालियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाए। चालकों की हड़ताल से आवश्यक सेवाएं ठप हो गई हैं। पेट्रोल, डीजल, गैस आदि आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति बंद हो गई है। यह हड़ताल जनहित के विरुद्ध है।
पत्र में कहा गया है कि एनसीआरबी की रिपोर्ट के अनुसार सड़क हादसों में 15 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। जनहित याचिका के बाद राज्य शासन ने मोटरयान अधिनियम के संशोधन को छह मार्च, 2023 को प्रकाशित किया था, इसके बावजूद मोटर यानों का गलत संचालन बंद नहीं हुआ। अब भारतीय दंड संहिता-2023 में संशोधन कर सजा व जुर्माने का प्रविधान किया गया है, जिसका उद्देश्य हादसों में कमी लाना है।
जबलपुर जिले में ड्राइवरों की हड़ताल के बाद पेट्रोल पंप पर पेट्रोल-डीजल की किल्लत बढ़ गई है। प्रशासन का दावा है कि उसने हालात को सामान्य करने के लिए सभी जरूरी कदम उठा दिए हैं। लगभग 90 से ज्यादा पेट्रोल ट्रैंकर भरकर प्रदेश के 20 से ज्यादा जिलों के पेट्रोलपंप के लिए रवाना कर दिए गए हैं। इधर सोमवार को संभागायुक्त अभय वर्मा ने आनन-फानन में ड्राइवरों की हड़ताल से उपजे विवाद का समाधान करने के लिए बैठक की।
प्रभारी कलेक्टर जयति सिंह, फूड कंट्रोलर नदीमा शीरी के साथ जबलपुर पेट्रोल-डीजल एसोसिएशन, हिन्दुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन, भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन व इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन के अधिकारियों के साथ एचपीसी के डिपो मैनेजर, सेल्स ऑफिसर, जबलपुर मोटर ट्रांसपोर्ट, टेंकर व ड्राइवर एसोसिएशन के अधिकारियों के समझ अपनी बात रखी। संभागायुक्त ने तत्काल पेट्रोल की किल्लत खत्म करने के लिए तत्काल ट्रैंकर से पेट्रोल-डीजल पहुंचाने कहा है। इतना ही नहीं इस काम में व्यवधान करने वाले ट्रैक संचालकों पर मामला भी दर्ज करने के निर्देश दे दिए गए हैं।
संभागायुक्त ने बैठक के दौरान जबलपुर मोटर ट्रांसपोर्ट, टेंकर व ड्राइवर एसोसिएशन ने अधिकारियों को बताया कि नई भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 106 (2) में प्रावधान है कि उपेक्षापूर्ण कार्य द्वारा मृत्युकारित करने के बाद पुलिस अधिकारी या मजिस्ट्रेट को बिना सूचना दिए अभियुक्त निकल भागता है, तो उसे 10 वर्ष की सजा का प्रावधान होगा। उन्होंने यह स्पष्ट किया की एक्सीडेंट करने वाले वाहन का चालक घटना स्थल पर रुके। वह इसकी सूचना थोड़ी दूर जाकर पुलिस अधिकारी या मजिस्ट्रेट को फोन या अन्य माध्यम से भी दे सकता है। इसमें भ्रम की स्थिति नहीं होनी चाहिए। उन्होंने डीजल-पेट्रोल प्रोवाईडरों से कहा कि डीजल-पेट्रोल का वितरण तुरंत चालू करें। डीजल-पेट्रोल की आपूर्ति रात में भी करें और संभाग के सभी जिलों में इसकी आपूर्ति हो। इसमें यदि कोई अवरोध पैदा करता है तो उसके विरूद्ध सख्त कार्रवाई होगी।
लोगों की बढ़ती मुश्किलों के बाद प्रशासन ने इसका समाधान करने का प्रयास किया। उन्होंने पेट्रोल पंप संचालकों की मदद से उनके ट्रैंकर से पेट्रोल-डीजल पहुंचाना शुरू कर दिया, लेकिन इस दौरान ट्रैंकर के ड्राइवर के साथ हड़ताल कर रहे ड्राइवरों द्वारा मारपीट करने के मामले भी सामने आए। इस पर एडिशनल एसपी क्राइम समर वर्मा ने बताया कि इस जन हित के कार्य में यदि कोई ड्राइवरों को धमकाता है या उन्हें रोकता है तो संबंधित के विरूद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी। एसोसिएशन के प्रतिनिधियों ने तत्काल ही डीजल-पेट्रोल की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिये अपने ड्राइवरों को समझाने की दिशा में काम करने को कहा। इधर जबलपुर-नरसिंहपुर के पेट्रोल पंप के लिए भिटौनी डिपो से कई टैंकर ईधन लेकर रवाना हुए।
नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच के डा. पीजी नाजपांडे ने कहा है कि ट्रांसपोर्ट आवश्यक सेवाओं में आता है। तेल टैंकरों की हड़ताल के कारण शहर के पेट्रोल-डीजल के अधिकांश पंप खाली हो गए हैं। यह पूरी तरह गैरकानूनी है। इसलिए प्रदेश सरकार और जबलपुर जिला प्रशासन तत्काल कार्रवाई नहीं करेगा तो हाईकोर्ट में जनहित याचिका तत्काल दायर की जाएगी। इधर कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता टीकाराम कोष्टा ने कहा है कि केंद्र सरकार वह काला कानून सिर्फ इंश्योरेंस सेक्टर की कंपनियों को लाभ पहुंचाने लाया जा रहा है, जबकि इंश्योरेंस तो होता ही इसीलिए है कि, यदि कोई घटना-दुर्घटना हो जाए तो उसका मुआवजा दिया जाएगा।
- देर रात शहपुरा-भिटौनी पहुंचकर पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों ने ड्राइवर और डीलर्स से चर्चा की।
- तीन 3 कंपनियों के डिपी से करीब 95 टैंकर ईधन की सप्लाई सोमवार सुबह 6 बजे तक कराई गई।
- डीलर्स एवं पंप मालिक के टैंकरों को लेकर होमगार्ड, एसएएफ और नगर निगम के चालक डिपो पहुंचे।
- आधा दर्जन पुलिस और प्रशासन के अधिकारी डिपो पहुंचे और नाराज ड्राइवरों से सहयोग करने की बात कही।
- कुछ ड्राइवर अपने टेंकर में ईधन लेकर पंप की अोर रवाना हुए तो कुछ हडतालियों ने इनसे झड़प भी की।
- एक नजर में
- शहपुरा-भिटीनी क्षेत्र में इंडियन औवल, भारत पेट्रोलियम, हिंदुस्तान पेट्रोलियन सहित इंडियन ऑयल कार्पोरेशन के डिपो हैं।
- यहां से जबलपुर, नरसिंहपुर, हिंदवाड़ा, सिवनी, बालाघाट, कटनी, सतना, समेत 20 जिलों में हर दिन ईधन जाता है।
- यहां से प्रतिदिन करीब 400 टैंकर पेट्रोल-डीजल की सप्लाई की जाती है, जो इन दिनों अवरूध हो गई है।
जबलपुर चालक,-परिचालक बस एसोसिएशन के अध्यक्ष डीके मिश्रा ने बताया कि प्रदेश व्यापी आव्हान पर बस चालक-परिचालकों की हड़ताल तीन जनवरी तक जारी रहेगी। इसके बाद आगे की रणनीति तय की जाएगी। इधर बसों चालकाें की हड़ताल का जबलपुर बस आपरेटर एसोसियेशन ने भी समर्थन किया है। सोमवार को जबलपुर बस आपरेटर्स एसोसियेशन के अध्यक्ष कमल किशोर तिवारी पिंटू की अध्यक्षता में अंतरराज्यीय बस टर्मिनल में आपातकालीन बैठक का आयोजन किया गया। जिसमें माढ़ोताल टी आइ विपिन ताम्रकार भी उपस्थित रहे।
एसोसियेशन अध्यक्ष ने बताया कि बैठक में केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए काले कानून के खिलाफ बस चालकों की हड़ताल को सभी वाहन मालिकों ने समर्थन किया हैं। वहीं एक दिन की इस सांकेतिक हड़ताल के बाद मंगलवार से बसों का संचालन प्रारंभ करने पर भी सहमति बनाई गई है। सभी बस आपरेटर ने आश्वस्त किया है कि वे बस चालकों से बात करेंगे मंगलवार से बसों का संचालन पुन: होने लगेगा। थाना प्रभारी से मांग की गई है कि वाहन चालक के नेता बसों के संचालन में व्यवधान कर सकते हैं, इसलिए पुलिस प्रशासन उनकी सुरक्षा करें। बैठक में बच्चू रोहाणी, नसीम बेग, उदयचंद जैन, कल्याण नियोगी, ओम प्रकाश जायसवाल, दिलीप मंगलानी, नरेश रजक, कृष्ण कुमार खंपरिया, विक्की जायसवाल, मुकेश जैन, दीपेंद्र डोंगरे, कंधी जैन, मनीष जैन प्रवक्ता संजय शर्मा उपस्थित रहे।
सड़क दुर्घटना होने पर घायल को छोड़कर भाग जाने पर वाहन चालकाें को 10 साल की सजा व सात लाख तक जुर्माना लगाने के प्रस्तावित नियम से बिफरे बस चालक, परिचालक कामबंद हड़ताल पर रहे। अंतरराज्यीय बस टर्मिनल से एक भी बसें नहीं निकली, बसों के पहिये थमे रहे। वहीं टैंकर चालकों की हड़ताल से पेट्रोल पंपों में ईधन की आपूर्ति न होने से सिटी मेट्रो बसों को भी ईधन नहीं मिला जिससे एक भी सिटी बस सड़क पर नहीं उतरी आटो वाले भी हड़ताल के समर्थन में रहे।
नववर्ष के पहले ही दिन परिवहन सेवाएं पूरी तरह से ठप रही। इधर शाम को जबलपुर बस आपरेटर एसोसिएशन ने अपात बैठक बुलाई और वाहन चालकों से हड़ताल खत्म कराते हुए मंगलवार से पुन: बसों का संचालन सुनिश्चित कराने का दावा किया वहीं दूसरी तरफ बस चालक तीन जनवरी तक हड़ताल पर रहने अडिग है।