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मध्यप्रदेश

नगर निगम के डाटा एनालिसिस में बढ़ गई राजस्व वसूली की मांग

भोपाल। नगर निगम द्वारा इन दिनों अपनी आय बढ़ाने के लिए कई सारे प्रपंच किए जा रहे हैं। जिसके चलते वर्ष 2013 से लेकर अभी तक 821 करोड़ रुपये की वसूली बकाया बताई जा रही है जिस पर सवाल उठने लगे है। दरअसल नगर निगम ने आईटी विभाग की मैप आईटी शाखा के द्वारा सर्वे कराया । जिसमें पांच हजार बेनाम संपत्ति को लेकर यह आंकड़ा जुटाने का दावा किया गया है। इस आंकड़े में जिन पांच प्रमुख बकायादार जोन की बात कही गई है। उनमें वास्तविकता में इतना बकाया नहीं है। सूत्रों का कहना है कि मैप आइटी ने राजस्व के जो आंकड़े जुटाए हैं उनमें वार्ड स्तर पर कई फेक डिमांड की वजह से 821 रुपये बकाया दिखाई दे रहा है।

विभिन्न आंकड़े किए गए हैं शामिल

आइटी विभाग ने जो आंकड़े जुटाए हैं उनमें न्यायालय के प्रकरण, बिल्डर्स के प्रोजेक्ट,बिक्री, राजस्ट्री, खाता आदि इनमें शामिल है। इस मामले को लेकर कई बार जोन अधिकारियों द्वारा आवाज उठाई गई लेकिन इस पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। नतीजा राजस्व वसूली के तौर पर जो फेंड डिमांड बकाया है उसको लेकर अब मैप आईटी के डाटा एनालिसिस पर सवाल उठे है।

ऐसे समझे फेंक डिमांड का गणित

जोन क्रमांक 12 में डिमांड है 57 करोड़ जो कि फेक आईडी और अन्य कारणों से ज्यादा दिखाई दे रही है जबकि वास्तविकता में आला अधिकारियों को भी पता है कि यहां बकाया राशि इतनी नहीं है। माना जा रहा है कि यहां की बची हुई वर्तमान डिमांड 32-35 करोड़ के बीच है। इसी तरह जोन क्रमांक 13 में डिमांड 50 करोड़ दशाई गई है जबकि यह डिमांड भी 30 करोड़ के आसपास है।

इनका कहना है

जो सर्वे आया है उसमेें फेक आईटी, डबल आईडी, बिल्डर्स और शासन से छूट सहित कई मामले शामिल है। साथ ही हमें शासन के विभागों से 121 करोड़ की राशि लेना है। ऐसे में इस सूची में सुधार और बकायादारों से राशि वसूलने का काम जारी रहेगा।

पवन सिंह, अपर आयुक्त, नगर निगम, भोपाल

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