ब्रेकिंग
केंद्र सरकार कराऐगी जाति जनगणना PCC चीफ ने कहा, DGP का आदेश खाकी वर्दी का अपमान सांसद-विधायक को सैल्यूट करेगें पुलिस कर्मी, ये लोकतं... सीएम बोले- पाकिस्तानी नागरिकों को एमपी से जल्द बाहर करें: पुलिस अधिकारियों को अभियान चलाने के निर्दे... मंदसौर में तेज़ रफ़्तार कार कुऐ में गिरी 6 लोगों की मौत केंद्र सरकार का एक और सख्त फैसला, पाकिस्तानी हिंदुओं की चारधाम यात्रा पर रोक कथावाचक पं. प्रदीप मिश्रा ने अमित शाह को बताया शिव अवतार, बयान पर मचा बवाल, कांग्रेस-बीजेपी आमने-साम... केंद्र सरकार का बड़ा ऐलान: पाकिस्तानी हिन्दु , सिखो का वीजा रद्द नहीं होगा नवविवाहिता के साथ रेप कर हत्या, कमरे में निवस्त्र मिली लाश, जेठ पर आरोप कमरे में निवस्त्र मिली लाश,... पहलगाम हमले के बाद अमरनाथ यात्रा पर खतरा मंडराया, सुप्रीम कोर्ट में पीआईएल दाखिल मध्यप्रदेश में एक मई से होगे ट्रांसफर मुख्यमंत्री ने शिक्षण सत्र खत्म होने के बाद बताया तबादलों का क...
धार्मिक

कब है राधा अष्टमी? नोट कर लें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व

हर साल भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन राधा अष्टमी का पर्व मनाया जाता है। मान्यता है कि राधा अष्टमी के दिन राधा जी की उपासना की जाती है। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के 15 दिन बार राधा अष्टमी का त्योहार बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। यह पर्व राधा के जन्म के रूप में मनाया जाता है। पंडित आशीष शर्मा के अनुसार, इस बार भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि 22 सितंबर दोपहर 01 बजकर 35 मिनट से शुरू होगी। वहीं, 23 सितंबर दोपहर 12 बजकर 27 मिनट पर यह तिथि समाप्त हो जाएगी। उदया तिथि के अनुसार, राधा अष्टमी 23 सितंबर 2023, शनिवार के दिन मनाई जाएगी।

राधा अष्टमी शुभ मुहूर्त

राधा अष्टमी के दिन मध्यान्ह पूजा का शुभ समय सुबह 10 बजकर 21 मिनट से दोपहर 12 बजकर 40 मिनट तक रहेगा। हिंदू पंचांग के अनुसार, राधा अष्टमी पर्व के दिन सौभाग्य और शोभन योग का निर्माण हो रहा है। इस दिन रवि योग भी बन रहा है। सौभाग्य योग रात्रि 09 बजकर 21 मिनट तक रहेगा, इसके बाद शोभन योग शुरू हो जाएगा। वहीं, रवि योग दोपहर 12 बजकर 56 मिनट से 24 सितंबर सुबह 05 बजकर 30 मिनट तक रहेगा। शास्त्रों के अनुसार, इन शुभ योगों में पूजा करने से विशेष फलों की प्राप्ति होती है।

राधा अष्टमी का क्या महत्व है?

बता दें कि जन्माष्टमी पर जिस तरह उपवास रखा जाता है, उसी तरह राधा अष्टमी पर भी व्रत रखने से लाभ प्राप्त होता है। इस पर्व को राधा जी के जन्म के रूप में हर्षोल्लास से मनाया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन राधा जी की विधि-विधान से पूजा-अर्चना करने से घर में सुख-समृद्धि का आगमन होता है। इससे जातक को धन-ऐश्वर्य और सौभाग्य की प्राप्ति होती है।

डिसक्लेमर

‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’

Related Articles

Back to top button