ब्रेकिंग
PCC चीफ ने कहा, DGP का आदेश खाकी वर्दी का अपमान सांसद-विधायक को सैल्यूट करेगें पुलिस कर्मी, ये लोकतं... सीएम बोले- पाकिस्तानी नागरिकों को एमपी से जल्द बाहर करें: पुलिस अधिकारियों को अभियान चलाने के निर्दे... मंदसौर में तेज़ रफ़्तार कार कुऐ में गिरी 6 लोगों की मौत केंद्र सरकार का एक और सख्त फैसला, पाकिस्तानी हिंदुओं की चारधाम यात्रा पर रोक कथावाचक पं. प्रदीप मिश्रा ने अमित शाह को बताया शिव अवतार, बयान पर मचा बवाल, कांग्रेस-बीजेपी आमने-साम... केंद्र सरकार का बड़ा ऐलान: पाकिस्तानी हिन्दु , सिखो का वीजा रद्द नहीं होगा नवविवाहिता के साथ रेप कर हत्या, कमरे में निवस्त्र मिली लाश, जेठ पर आरोप कमरे में निवस्त्र मिली लाश,... पहलगाम हमले के बाद अमरनाथ यात्रा पर खतरा मंडराया, सुप्रीम कोर्ट में पीआईएल दाखिल मध्यप्रदेश में एक मई से होगे ट्रांसफर मुख्यमंत्री ने शिक्षण सत्र खत्म होने के बाद बताया तबादलों का क... लखनऊ में भीषण आग, 65 झोपडिय़ां जलीं, रुक-रुककर फटते रहे सिलेंडर, 6 घंटे में काबू पाया
देश

एनसीआरटी की किताब से देश के प्रथम शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद के उल्लेख को हटाया गया

नई दिल्ली । स्वतंत्रता सेनानी व देश के प्रथम शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद के उल्लेख को राष्ट्रीय शिक्षा अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीआरटी) की 11वीं कक्षा की राजनीतिक विज्ञान के सिलेबस से  हटा दिया गया है।
पहले इस अध्याय के एक पैरा पंक्ति में लिखा था- जवाहरलाल नेहरू, मौलाना आज़ाद, राजेंद्र प्रसाद और सरदार पटेल संविधान सभा की बैठक में भाग लेते थे। अब नई किताब में इस पंक्ति से मौलाना आज़ाद का नाम हटा दिया है। बता दें कि मौलाना आज़ाद ने भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। वह दो बार कांग्रेस के अध्यक्ष रहे। आजादी के बाद वह देश के पहले शिक्षा मंत्री बने और लंबे समय तक इस पद पर रहे।
किताब को युक्तिसंगत बनाने संबंधी नोट में 11वीं कक्षा के राजनीतिक विज्ञान के सिलेबस में किसी तरह के बदलाव का उल्लेख नहीं किया गया था। एनसीईआरटी ने हालांकि यह दावा किया है कि इस साल सिलेबस में कोई काट छांट नहीं की गई है। सिलेबस को पिछले वर्ष जून में युक्तिसंगत बनाया गया था।
परिषद के प्रमुख दिनेश सकलानी ने बुधवार को कहा कि यह अनजाने में चूक हो सकती है कि पिछले साल सिलेबस को युक्तिसंगत बनाने की कवायद में कुछ अंशों को हटाने की घोषणा नहीं की गई। संशोधित पंक्ति को अब ऐसा पढ़ा जायेगा, ‘‘ आमतौर पर जवाहर लाल नेहरू, राजेंद्र प्रसाद, सरदार पटेल या बीआर अंबेडकर ने इन समितियों की अध्यक्षता की थी।
इसी किताब के दसवें चैप्टर ‘ संविधान का दर्शन में जम्मू-कश्मीर का सशर्त विलय उल्लेख को हटा दिया गया है। इस किताब में इस पैराग्राफ को हटा दिया  गया… ‘‘ जम्मू कश्मीर का भारतीय संघ में विलय संविधान के अनुच्छेद 370 के तहत स्वायत्ता की प्रतिबद्धता पर आधारित था।
इससे पहले पिछले वर्ष मौलाना आजाद फेलोशिप को अल्पसंख्यक मंत्रालय ने रोक दिया था।

Related Articles

Back to top button