STF की जांच में मिलावट के साथ धोखाधड़ी का बड़ा खेल, 5 थानों में एफआईआर दर्ज, मुख्य सरगना अरेस्ट

मेरठ: एसटीएफ ने पेट्रोल पंपों की कार्रवाई ओर जांच रिपोर्ट शासन और एसटीएफ मुख्यालय को भेजी। मेरठ में 5 थानों में एफआईआर दर्ज कराई गई है।STF की टीम ने मेरठ में नायरा कंपनी के 11 पंट्रोल पंप पर 3 दिन पहले छापेमारी की है। एसटीएफ की आठ टीमें इस कार्रवाई में लगाई गईं। एसटीएफ के अपर पुलिस अधीक्षक बृजेश सिंह ने बताया कि मेरठ के अलावा और हापुड़ जिले में भी इन कंपनी के पेट्रोल पंपों पर घटतौली के साथ मिलावटी तेल का खेल किया जा रहा था। डीजल और पेट्रोल पंपों के सैंपल फोरेंसिक लैब भेजने की कार्रवाई प्रक्रिया में है। वहीं मेरठ में पांच पंपों को सील कर एफआईआर कराई गई है।इन पांच पेट्रोल पंपों को लेकर एफआईआर कराईस्पेशल टॉस्क फोर्स (एसटीएफ) मेरठ के अपर पुलिस अधीक्षक बृजेश कुमार सिंह ने बृहस्पतिवार देर शाम 8 टीम लगाकर छापेमारी की। जिससे शहर और देहात के पंपों पर खलबली मच गई। कार्रवाई प्रशासन और आपूर्ति विभाग के अधिकारी भी साथ में पहुंच गये। लेकिन STF की टीमें इतनी थी कि, मशीनों की जांच के लिए एक्सपर्ट भी साथ में लिए गये थे।वहीं, मिलावटी तेल को लेकर सैंपल जांच भेजे जाएंगे। अभी तक की जांच में सामने आया है कि घटतौली के साथ मिलावटी तेल भी बेचा जा रहा था। नायरा कंपनी के माधवपुरम, परतापुर, मवाना, सैनी और भटीपुरा स्थित पेट्रोल पंपों पर छापेमारी की गई है। मेरठ के बाद बागपत के पंप पर कार्रवाई की है। अन्य की जांच के बार आपूर्ति विभाग कार्रवाई करेगा।1.रायल फिलिंग स्टेशन सैनी मेरठ।2. परतापुर फिलिंग स्टेशन दिल्ली रोड मेरठ।3. सिद्धबली फिलिंग सेंटर मवाना।4. दिल्ली रोड फिलिंग स्टेशन माधवपुरम।5. शिव सर्विस स्टेशन मेरठ बागपत रोड सिंघावली बागपत।33 लीटर पर एक लीटर की घटतौलीSTF टीम में छापेमारी में अपर पुलिस अधीक्षक बृजेश सिंह भी खुद साथ रहे। बृजेश सिंह ने बताया कि अभी तक की जांच में सामने आया है कि हर पांच लीटर डीजल या पेट्रोल पर 150 ML की घटतौली मिली है। यानी 33 लीटर तेल पर एक लीटर की घटतौली मिली है। यह घटतौली मशीनों में चिप लगाकर की जा रही है।मशीनों और मीटर की रीडिंग सही बताती थी, जबकि ग्राहक को एक लीटर तेल पर 30 एमएल फ्यूल कम मिलता था। जांच में सामने आया की मदरबोर्ड चेंज मिले हैं, जबकि इनमें एकस्ट्रा चिप लगाकर घटतौली की जा रही थी।एक टैंक में 2 हजार लीटर मिलावटी तेलअभी तक जांच में सामने आया कि जिन पांच पेट्रोल पंप पर जो कार्रवाई की गई है। वहां टैंकों में 10 हजार लीटर तेल कंपनी से खरीदा जाता था। इस तेल को स्टॉक किया जाता था, लेकिन टैंकों में 2 हजार लीटर डीजल या पेट्रोल अलग से भर दिया जाता था। एसटीएफ मान रही है कि दो हजार लीटर अतिरिक्त जो तेल भरा जाता था यह सॉल्वेंट या मिलावटी था।जब तेल कंपनी से जो तेल मंगाया जाता था और आपूर्ति विभाग या प्रशासन को जो रिकार्ड दिया जाता था वह कंपनी के तेल का दिया जाता था, लेकिन अतिरिक्त तेल का रिकार्ड मशीन नहीं बताती थी। प्रशासन ने बताया कि एस्सार को की नायरा कंपनी ने खरीद लिया था। एसटीएफ ने अपनी रिपोर्ट में मिलावटी तेल होना बताया गया है। मेरठ के ब्रहमपुरी, इंचौली, परतापुर, हस्तिनापुर बागपत में एफआईआर कराई है।मिलावट और घटतौली का बड़ा खेलSTF ने बताया कि इन पंपों पर मिलावट और घटतौली का बड़ा खेल सामने आया है। जहां मदर बोर्ड ही चेंज मिले। जैसे 5 लीटर पेट्रोल में 150 एमएल कम दिया जा रहा था। जबकि मशीन पेट्रोल पूरा बताती। कंपनी के सर्वर को हैक कर मदरबोर्ड मशीन में लगाया गये। कंपरामाइज ऑटोमेशन सिस्टम के जरिए यह घटतौली की जा रही थी। जहां मशीनों में छेड़छाड़ के साथ ऑटोमेशन सिस्टम लगाया गया।मास्टरमाइंड सतेंद्र अरेस्टएसटीएफ ने मुख्य आरोपी सतेेंद्र को अरेस्ट किया है। सतेंद्र ने बताया कि 2004 में किसान इंटर कॉलेज शामली से बीएससी की थी। 2007 में अलग अलग कंपनियों में दिल्ली में नौकरी की। पांच साल तक इंश्योरेंस कंपनी में सलाहकार के पद पर रहा। बुलंदशहर के महीपाल ने पाइपलाइन में फिटर का काम सिखाया।मुख्य आरोपी सतेंद्र4 साल पहले दिल्ली से नौकरी छोड़कर यूपी में आ गया। एसटीएफ ने 2017 में लखनऊ में चिप के माध्यम से मशीनों में तेल चोरी का बड़ा खुलासा किया। जिसके बाद कोर्ट के आदेश पर मशीनें बदली गईं। जहां मशीनों में चिप और मदरबोर्ड चेंज कर ऑटोमेशन सिस्टम लगा दिया। मुख्य आरोपी सतेंद्र ने बताया कि मशीनों में मदरबोर्ड चेंज करने के एक लाख रुपये महीने मिलते थे।