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उत्तरकाशी टनल: 16 दिन के बाद अब इंतजार खत्म, एक-एक मजदूर को बाहर निकालने में लगेगा 3-5 मिनट का समय

उत्तरकाशी: उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में निर्माणाधीश सिलक्यारा सुंरग के मलबे की खुदाई में सफलता हासिल करने में महज 2-3 मीटर की दूरी शेष रहने के बीच, अंदर फंसे हुए श्रमिकों को सुरंग से निकाले जाने के बाद उन्हें तुरंत चिकित्सकीय मदद के वास्ते अस्पताल पहुंचाने के लिए मंगलवार को तैयारियां जारी हैं।  इसके साथ ही मजदूरों के परिजनों को सुरंग के बिल्कुल पास बुलाया गया है। 16 दिनों से फंसे मजदूर कभी भी टनल से बाहर आ सकते है।

एनडीएमए के सदस्य अट्टा हसनैन ने बताया,  इस रेस्क्यू ऑपरेशन में NDRF की भूमिका भी काफी महत्वपूर्ण है। जानकारी के मुताबिक एक-एक व्यक्ति को बाहर निकालने में 3-5 मिनट का समय लगेगा। चिनूक हेलीकॉप्टर भी स्टैंडबाय पर हैं। 30 बिस्तरों वाली सुविधाएं भी हैं।

अब मजदूरों के जल्द बाहर निकलने की उम्मीद
बचाव कर्मियों ने मंगलवार को उत्तराखंड की सिलक्यारा सुरंग में मलबे के अंदर 60 मीटर तक ड्रिलिंग का काम पूरा कर लिया और 16 दिन से इसमें फंसे मजदूरों के अब जल्द बाहर निकलने की उम्मीद है। उत्तराखंड सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ड्रिलिंग पूरी हो गई है। संवाददाताओं के सवाल पर राष्ट्रीय राजमार्ग एवं अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड (एनएचआईडीसीएल) के प्रबंध निदेशक महमूद अहमद ने तत्काल इस बारे में कोई पुष्टि नहीं की, लेकिन कहा कि बचाव पाइप के अंतिम हिस्से को ड्रिल किए गए रास्ते से डाला जा रहा है।

वहीं, सीएम पुष्कर सिंह धामी ने मजदूरों के टनल से बाहर निकलने से पहले ट्विट कर लिखा, बाबा बौख नाग जी की असीम कृपा, करोड़ों देशवासियों की प्रार्थना एवं रेस्क्यू ऑपरेशन में लगे सभी बचाव दलों के अथक परिश्रम के फलस्वरूप श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए टनल में पाइप डालने का कार्य पूरा हो चुका है। शीघ्र ही सभी श्रमिक भाइयों को बाहर निकाल लिया जाएगा।

ऊबड़-खाबड़ हो चुकी सुरंग के बाहर की सड़क की मरम्मत की जा रही
श्रमिकों के बाहर आते ही उन्हें चिकित्सकीय सुविधा मुहैया कराने के लिए घटनास्थल से 30 किलोमीटर दूर चिन्यालीसौड़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 41 बिस्तरों का अस्पताल तैयार किया गया है। पिछले एक पखवाड़े में भारी वाहनों की नियमित आवाजाही के कारण ऊबड़-खाबड़ हो चुकी सुरंग के बाहर की सड़क की मरम्मत की जा रही है और एंबुलेंस की सुचारू आवाजाही के लिए मिट्टी की एक नयी परत बिछाई जा रही है।

वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने सुरंग के बाहर सुरक्षा कर्मियों को निर्देश दिया कि जैसे ही श्रमिक उनके लिए तैयार किए जा रहे निकासी मार्ग से बाहर आना शुरू करें, वे तुरंत कार्रवाई में जुट जाएं। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को कहा कि सिलक्यारा सुरंग में मलबे को भेदकर 52 मीटर तक पाइप डाले गए हैं।

41 श्रमिकों को बचाने का प्रयास 17वें दिन भी जारी
वहां फंसे 41 श्रमिकों को बचाने का प्रयास 17वें दिन भी जारी है। उन्होंने सिलक्यारा में संवाददाताओं से कहा कि सफलता मलबे में 57 मीटर की दूरी पर पहुंचने पर मिलेगी। बचावकर्मियों को श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए रैट-होल खनन तकनीक का उपयोग करके मलबे को खोदना होगा। यह ड्रिलिंग पहले एक बड़ी ऑगर मशीन से की गई थी जो शुक्रवार को करीब 47 मीटर नीचे मलबे में फंस गई थी।

कुशल श्रमिकों की एक टीम ने सोमवार को ‘रैट-होल’ खनन तकनीक का उपयोग करके हाथ से मलबे को हटाना शुरू किया, जबकि 800 मिलीमीटर व्यास वाले पाइपों को एक ऑगर मशीन द्वारा मलबे को भेदकर आगे धकेला जा रहा है। धामी ने कहा, ‘‘पाइप 52 मीटर तक अंदर चला गया है। पहले यह 51 मीटर पर था। मेरे वहां रहने तक पाइप को एक मीटर आगे बढ़ाया गया था। इसे दो मीटर और अंदर धकेल तक 54 मीटर तक पहुंचाया जाएगा जिसके बाद एक और पाइप बिछाया जाएगा।” यह पूछे जाने पर कि क्या रास्ते में कोई बाधाएं हैं तो उन्होंने कहा कि अभी तो स्टील और लोहे के गर्डर से सामना नहीं हुआ है। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘मार्ग में पत्थर आ रहे हैं लेकिन उन्हें कटर की मदद से तोड़ा जा रहा है।”  सुरंग का एक हिस्सा 12 नवंबर को ढह गया था जिससे 41 मजदूर इसके अंदर फंस गए थे।

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