ब्रेकिंग
केंद्र सरकार कराऐगी जाति जनगणना PCC चीफ ने कहा, DGP का आदेश खाकी वर्दी का अपमान सांसद-विधायक को सैल्यूट करेगें पुलिस कर्मी, ये लोकतं... सीएम बोले- पाकिस्तानी नागरिकों को एमपी से जल्द बाहर करें: पुलिस अधिकारियों को अभियान चलाने के निर्दे... मंदसौर में तेज़ रफ़्तार कार कुऐ में गिरी 6 लोगों की मौत केंद्र सरकार का एक और सख्त फैसला, पाकिस्तानी हिंदुओं की चारधाम यात्रा पर रोक कथावाचक पं. प्रदीप मिश्रा ने अमित शाह को बताया शिव अवतार, बयान पर मचा बवाल, कांग्रेस-बीजेपी आमने-साम... केंद्र सरकार का बड़ा ऐलान: पाकिस्तानी हिन्दु , सिखो का वीजा रद्द नहीं होगा नवविवाहिता के साथ रेप कर हत्या, कमरे में निवस्त्र मिली लाश, जेठ पर आरोप कमरे में निवस्त्र मिली लाश,... पहलगाम हमले के बाद अमरनाथ यात्रा पर खतरा मंडराया, सुप्रीम कोर्ट में पीआईएल दाखिल मध्यप्रदेश में एक मई से होगे ट्रांसफर मुख्यमंत्री ने शिक्षण सत्र खत्म होने के बाद बताया तबादलों का क...
धार्मिक

आंवला नवमी आज, शुभ मुहूर्त में करें पूजन, जीवन में बना रहेगा सुख-सौभाग्य

भोपाल। हिंदू धर्म में पेड़-पौधों की पूजा का भी महत्व बताया गया है। ऐसा ही एक पेड़ है आंवला, जिसकी कार्तिक शुक्ल नवमी तिथि पर विशेष तौर पर पूजा की जाती है। पंचांग के अनुसार हर वर्ष कार्तिक मास में शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि के दिन आंवला नवमी का त्योहार मनाया जाता है। इसे अक्षय नवमी भी कहते हैं। पंडित जगदीश शर्मा के अनुसार इस साल यह त्योहार 21 नवंबर को यानी आज मनाया जा रहा है। इस दिन महिलाएं व्रत रखते हुए सुख-सौभाग्य व समृद्धि की कामना से आंवले के वृक्ष पूजा करती हैं।

व्रत का महत्व

आंवले के वृक्ष में भगवान विष्णु का वास माना गया है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन आंवले की पूजा से मां लक्ष्मी अति प्रसन्न होती है और जीवन में खुशहाली आती है। इस दिन परिवार सहित आंवले के पेड़ के नीचे बैठकर खाना खाने का भी विशेष महत्व है। मान्यताओं के अनुसार आंवले के पेड़ में भगवान विष्णु का वास होता है और इनकी पूजा से मां लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

शुभ मुहूर्त

हिंदू पंचांग के मुताबिक कार्तिक शुक्ल नवमी तिथि का आरंभ 21 नवंबर, मंगलवार को तड़के 03 बजकर16 मिनट पर हो गया है और इसका समापन 22 नवंबर, बुधवार को रात 01 बजकर 09 मिनट पर होगा। उदया तिथि के हिसाब से 21 नवंबर को आंवला नवमी मनाई जा रही है। आंवला नवमी पूजन का शुभ मुहूर्त सुबह 06 बजकर 48 मिनट से दोपहर 12 बजकर 07 मिनट तक है।

पूजा विधि

पंडित रामजीवन दुबे ने बताया कि इस दिन प्रात:काल स्नान कर व्रत का संकल्प लें। इसके उपरांत शुभ मुहूर्त में आंवले के वृक्ष के नीचे पूर्व दिशा में बैठकर पूजन कर उसकी जड़ में दूध अर्पित करें। पेड़ के चारों ओर कच्चा धागा बांधकर कपूर बाती या शुद्ध घी की बाती से आरती करते हुए 08 बार या 108 बार परिक्रमा करें। पूजन के उपरांत आंवले के पेड़ के नीचे बैठकर परिजनों के साथ भोजन करें।

आंवले से मिलते हैं ये लाभ

– इस दिन आंवले के वृक्ष के नीचे आंवला खाने से मनुष्य रोग मुक्त होकर दीघार्यु बनता है।

– चरक संहिता के मुताबिक इस दिन आंवला खाने से महर्षि च्यवन को फिर से नवयौवन प्राप्त हुआ था।

– आंवला नवमी के दिन आंवले के पेड़ की पूजा करने से विवाहित महिलाओं को सुखी जीवन का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

डिसक्लेमर – इस लेख में दी गई जानकारी/ सामग्री/ गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ ज्योतिषियों/ पंचांग/ प्रवचनों/ धार्मिक मान्यताओं/ धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें।

Related Articles

Back to top button